महाकाल लोक की तर्ज पर नर्मदापुरम में जल्द ही नर्मदा लोक आकार लेना शुरू कर देगा, 150 करोड़ रुपए की लागत

नर्मदापुरम

उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर नर्मदापुरम में जल्द ही नर्मदा लोक आकार लेना शुरू कर देगा। नर्मदा लोक का काम 150 करोड़ रुपए की लागत से तीन चरणों में किया जाएगा। इसके पहले चरण में 20 करोड़ से कोरी घाट से नर्मदा घाट का सौंदर्यीकरण किया जाएगा।

नर्मदापुरम के खर्राघाट से गोंदरी घाट तक 5 किलोमीटर लंबा नर्मदा लोक कॉरिडोर बनेगा। इसकी टेक्निकल स्वीकृति के लिए नगर पालिका ने डीपीआर बनाकर भोपाल भेजी है। स्वीकृति आते ही फरवरी के आखिरी सप्ताह तक टेंडर हो जाएंगे। इसके बाद काम शुरू होगा।

नर्मदा लोक की डीपीआर इंदौर की कला आकार एसोसिएट्स ने तैयार की है। नर्मदा लोक कॉरिडोर में खर्राघाट से गोंदरी घाट तक 5 किमी में घाटों की सूरत बदलेगी। पार्किंग, सुरक्षा के मजबूत इंतजाम होंगे। नर्मदा लोक बनाने का काम कामाख्या देवी मंदिर बनाने वाली कंपनी को मिला है।

इस प्रोजेक्ट में राजघाट, विवेकानंद घाट और पोस्ट ऑफिस घाट की ड्रॉइंग एक समान रखी गई है। इसमें पूजन-पाठ के लिए गुर्जे बनेंगे। राजघाट पर तर्पण, पिंडदान हो सकेंगे। इसके अलावा घाट का चौड़ीकरण होगा। पोस्ट ऑफिस घाट पर ट्रैक भी बनेगा।

नर्मदा लोक कॉरिडोर में ये काम होंगे

    प्रवेश द्वारः सेठानी घाट प्रवेश द्वार और कॉरिडोर जयपुरी लाल पत्थरों से बनेगा। द्वार के गेट पर नक्काशी होगी। सलकनपुर की तर्ज पर बाघ का चेहरा और गुंबद रहेगा। कॉरिडोर के बीच में इतिहास की जानकारी मिलेगी।

    सेठानी घाटः सेठानी घाट से पर्यटन घाट तक सौंदर्यीकरण किया जाएगा। गुर्जों पर खुले पंडाल बनेंगे। बैठकर नर्मदा दर्शन होंगे। निर्धारित क्षेत्र में जबलपुर के ग्वारी घाट, ओंकारेश्वर की तरह बोटिंग होगी।

    210 मीटर का कॉरिडोर: सेठानी घाट से मंगलवारा घाट तक 210 मीटर लंबा कॉरिडोर बनेगा। इसमें पेड़-पौधे, लाइटिंग कर लाल पत्थर से पाथवे का डेवलप होगा।

    कोरी घाटः ऊपर पार्किंग बनेगी। ऊपरी हिस्से में ही किड्स प्लाजा बनेगा। घाट पर वाटर एक्टिविटी होगी। पार्क में झूले और पौधे लगेंगे। कोरी घाट से व्यू पॉइंट बनेगा, जिससे नर्मदा का सौंदर्य निहार सकेंगे।

    हर्बल पार्क घाटः गोंदरी घाट तक करीब दो किमी के दो वॉकिंग ट्रैक डेवलप होंगे। एक नर्मदा नदी के सामान्य लेवल से सटकर, दूसरा ऊपर हिस्से में बनेगा ताकि बारिश में बाढ़ जैसी स्थिति होने पर भी दूसरा ट्रैक डूबे नहीं। हर्बल पार्क में योग का स्थान भी निर्धारित रहेगा। 12 आसनों की मुद्रा नजर आएगी। पाथ वे और ओपन जिम का उपयोग लोग कर सकेंगे। ट्रैक के दोनों तरफ औषधीय पौधे लगाए जाएंगे।

    पर्यटन घाटः पर्यटन घाट को चौपाटी के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां दुकानें बनेंगी। यहां म्यूजिक पॉइंट, सेल्फी पॉइंट, पार्क और लाइट फाउंटेन लगेंगे। बड़ा पार्किंग स्थल बनेगा। श्रद्धालुओं के वाहन सेठानी घाट के बजाय इसी पार्किंग में खड़े होंगे।

2023 में शिवराज ने की थी नर्मदा कॉरिडोर की घोषणा वर्ष 2023 में नर्मदा जयंती पर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा कॉरिडोर बनाने की घोषणा की थी। चौहान नर्मदा जयंती पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा था कि जैसा महाकाल लोक, सलकनपुर में देवी लोक बन रहा है, वैसा ही नर्मदापुरम में मां नर्मदा कॉरिडोर बनाया जाएगा।

घोषणा के बाद कॉरिडोर का मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। दो साल तक धीमी गति से चलने के बाद अब जाकर कॉरिडोर बनाने की रूपरेखा तेज हुई है। प्रथम चरण में 20 करोड़ रुपए के काम को टीएस (टेक्निकल स्वीकृति) के लिए भोपाल भेजा गया है।

बाढ़ मैनेजमेंट के अनुसार बनाया प्लान लोगों के सुझाव के बाद नर्मदा रिवर फ्रंट के अनुसार डिटेल सर्वे कर डीपीआर बनाई गई है। नगर पालिका सीएमओ हेमेश्वरी पटले ने बताया कि करीब 150 करोड़ रुपए में नर्मदा लोक कॉरिडोर का काम होगा। प्रथम चरण में 20 करोड़ के काम होंगे। टेंडर जारी होने के बाद काम शुरू होगा। बारिश में आने वाली बाढ़ के लेवल को देखते हुए प्लान बनाया गया है।

प्रथम चरण की डीपीआर 20 करोड़ रुपए की नगर पालिका अध्यक्ष नीतू महेंद्र यादव ने बताया कि महाकाल लोक जैसा ही नर्मदा लोक कॉरिडोर बनेगा। प्रथम चरण में मंगलवारा घाट से कोरी घाट तक काम होगा। जिसमें सेठानीघाट, नर्मदा लोक द्वार, पर्यटन घाट बनाए जाएंगे। पार्किंग की समस्या खत्म हो जाएगी। दूसरी नदियों की तरह नर्मदापुरम में भी लोग नौका विहार कर सकेंगे।

सीएमओ हेमेश्वरी पटले ने कहा कि प्रथम चरण की डीपीआर 20 करोड़ रुपए की बनाई है। टेक्निकल स्वीकृति आते ही टेंडर होगा। प्रथम चरण में सेठानी घाट, कोरी घाट, पर्यटन घाट का काम होगा। बाद में जैसे-जैसे फंड मिलेगा, वैसे-वैसे अगले चरण में मंगलवारा घाट, हर्बल पार्क से गोंदरी घाट तक वॉकिंग खर्रा घाट के काम होंगे।

जानिए, नर्मदा जयंती क्यों मनाई जाती है पौराणिक कथाओं के अनुसार, माघ माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मां नर्मदा का अवतरण हुआ था, इसलिए हर साल नर्मदा जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन नर्मदा नदी में डुबकी लगाने से व्यक्ति के समस्त पापों से छुटकारा मिलता है।

ऐसी मान्यता है कि मां नर्मदा की उपासना करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि मिलती है। मध्यप्रदेश के अमरकंटक में नर्मदा जयंती का मुख्य कार्यक्रम होता है। नदी के तट पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। धार्मिक कार्यक्रम होते हैं। नर्मदापुरम में नर्मदा घाटों को सजाया जाता है। आकर्षक विद्युत साज-सज्जा की जाती है।

शाम से देर रात तक सेठानी घाट पर आयोजन नर्मदापुरम में सुबह 9:30 बजे मां नर्मदा जन्मोत्सव मनाया जाएगा। दोपहर 3 बजे मोरछली चौक से भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी। शाम 5 बजे से रात 8:30 बजे तक सेठानी घाट पर जल मंच से मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी होंगी, जो देर रात तक जारी रहेंगी।

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