आंध प्रदेश के तिरुपति देवास्थानम ने लिया बड़ा फैसला, हटाए गए 18 गैर हिंदू कर्मचारी

अमरावती

आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में स्थित भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर विश्व विख्यात मंदिर से 18 कर्मचारियों को हटा दिया गया है। मंदिर प्रशासन ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि ये 18 कर्मचारी मंदिर में ड्यूटी के दौरान गैर हिंदू गतिविधियों में भाग लेते थे। ये कर्मचाररी तिरुमाला तिरुपति देवास्थानम (TTD) के उत्सवों में भी भाग लेते थे। टीटीडी के चेयरमैन बी आर नायडू के आदेश के अनुसार इन सभी कर्मचारियों को दो विकल्प दिए गए हैं। यह वे सेवानिवृत्ति ले लें या फिर वे राज्य सरकार के किसी दूसरे विभाग में तबादला ले सकते हैं। अगर ये कर्मचारी ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पिछले साल तिरुपति मंदिर के प्रसाद यानी लड्डू में चर्बी विवाद काफी छाया रहा था।

मंदिर की पवित्रता के लिए जरूरी
टीटीडी प्रबंधन का कहना है कि यह फैसला मंदिरों और धार्मिक स्थलों की आध्यात्मिक पवित्रता बनाए रखने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। टीटीडी एक स्वतंत्र सरकारी ट्रस्ट है। यह तिरुपति में स्थित तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करता है। यह दुनिया का सबसे अमीर हिंदू मंदिर है। टीटीडी अधिनियम में अब तक तीन बार संशोधन किया जा चुका है। इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि मंदिर बोर्ड और उससे जुड़े संस्थानों में केवल हिंदुओं को ही नौकरी मिलनी चाहिए। 1989 में जारी एक सरकारी आदेश में भी यह अनिवार्य किया गया था कि टीटीडी द्वारा प्रशासित पदों पर नियुक्तियां केवल हिंदुओं तक ही सीमित रहेंगी। यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 16 (5) द्वारा समर्थित है। इस अनुच्छेद के अनुसार, धार्मिक या सांप्रदायिक संस्थानों को अपने ही धर्म के सदस्यों को नियुक्त करने की अनुमति है।

टीटीडी के फैसले पर खड़े हुए सवाल
इसी तरह आंध्र प्रदेश सरकार की तरफ धार्मिक स्थलों के लिए बनाए गए नियमों में कहा गया है कि धार्मिक संस्थानों के कर्मचारियों को हिंदू धर्म का पालन करना चाहिए। इस कानूनी समर्थन को नवंबर 2023 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने मजबूत किया था। हाईकोर्ट ने नियम 3 को बरकरार रखते हुए पुष्टि की थी कि ट्रस्ट बोर्डों को सेवा शर्तों को अनिवार्य करने का अधिकार है, जिसमें यह आवश्यकता भी शामिल है कि कर्मचारी हिंदू धर्म का पालन करें। यह मामला हिंदू धार्मिक प्रथाओं के पालन और धार्मिक संस्थानों में रोजगार की शर्तों से जुड़ा है। टीटीडी के अनुसार इन कर्मचारियों का अन्य धार्मिक गतिविधियों में शामिल होना मंदिर की आध्यात्मिकता को प्रभावित कर सकता है।

सीएम के बयान के बाद हुआ एक्शन
इस घटना ने टीटीडी के कामकाज और नीतियों पर भी सवाल खड़े किए हैं। क्या टीटीडी को कर्मचारियों के निजी धार्मिक विश्वासों में हस्तक्षेप करना चाहिए? क्या यह धार्मिक भेदभाव का एक रूप है? इन सवालों पर बहस जारी है। टीटीडी अपने रुख पर कायम है। उसका कहना है कि वह केवल मंदिर की पवित्रता की रक्षा कर रहा है। यह पूरा मामला ऐसे वक्त पर हुआ है जब पिछले महीने ही आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि तिरुपति बालाजी हिन्दुओं का मंदिर है और इसपर केवल हिन्दुओं का अधिकार है। यहां "ॐ नमो वेंकटेश्वरा" के अलावा कोई मंत्र नहीं चलेगा। कुछ लोगों को मैं चेतावनी देकर कहना चाहता हूं, अभी समझ जाओ वरना अच्छे से समझा दिया जाएगा। चंद्रबाबू नायडू यह बयान तब दिया था जब मंदिर में कन्वर्जन की गतिविधि चलने की बात आई थी। मंदिर के मैनेजमेंट में गैर हिन्दुओं को भी शामिल किया गया था।

More From Author

जल जीवन मिशन के कार्य गुणवत्तापूर्ण करने के निर्देश -जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक सम्पन्न

पीरियड्स के दौरान कम ब्लड फ्लो और दर्द जैसी समस्याएं से निपटने के लिए करे ये उपाए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.