लोकायुक्त सौरभ का नार्को टेस्ट करा सकती है, अभी तक नहीं खोला काली कमाई का राज

भोपाल
 54 किलो सोना, ढाई क्विंटल चांदी और करोड़ों रुपए की काली कमाई का 'मालिक' परिवहन विभाग का पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा लोकायुक्त के लिए समस्या बना हुआ है। वह मुंह खोलने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब तक की पूछताछ में लोकायुक्त पुलिस उससे कुछ खास जानकारियां नहीं निकाल पाई है।

अब सूत्रों ने नवभारतटाइम्सडॉट.कॉम से दावा किया है कि लोकायुक्त पुलिस कोर्ट में आवेदन देकर सौरभ का नार्को टेस्ट करवाने का सोच रही है। दरअसल, सौरभ शर्मा से सात दिन की पूछताछ में लोकायुक्त पुलिस कोई भी जानकारी निकालने में सफल नहीं हो पाई। इसलिए विधि विशेषज्ञों की सलाह के बाद नार्को टेस्ट कराया जा सकता है।
कई नेताओं और अधिकारियों की खुल सकती है पोल

आरोप हैं कि सौरभ के पास मिला माल कई नेताओं और अधिकारियों का है। ऐसे में सौरभ जानबूझकर मुंह नहीं खोल रहा है। सौरभ ही नहीं, उसके पार्टनर चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल भी मुंह नहीं खोल रहे हैं। अब लोकायुक्त पुलिस के सामने प्रश्न यह है कि कार में मिला 54 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद किसके हैं? यह सोना कहां से आया? खरीदी के लिए भुगतान किसने और किस माध्यम से किया?
18 दिसंबर को मारा था सौरभ के घर छापा

बता दें कि लोकायुक्त पुलिस ने 18 दिसंबर को सौरभ और चेतन सिंह गौर के आवास पर छापा मारा था। इसके बाद देर रात आयकर विभाग को इनोवा कार में करीब 57 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद मिले थे। इसके 40 दिन बाद कोर्ट में सरेंडर के लिए आते समय सौरभ को पुलिस ने 28 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था। उसके साथी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

17 फरवरी तक हिरासत

उधर, तीनों आरोपितों की पुलिस रिमांड अवधि पूरी होने पर लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम राम प्रताप मिश्र की विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया। यहां से तीनों को 17 फरवरी तक की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

सौरभ के साथ दो और साथी गिरफ्तार

लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ और चेतन सिंह गौर के आवास पर 18 दिसंबर को छापा मारा था। इसके 40 दिन बाद कोर्ट में सरेंडर के लिए आते समय सौरभ को पुलिस ने 28 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था। उसी दिन सौरभ के करीबी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
जीनकारी नहीं उगलवा सकी पुलिस

पुलिस हिरासत में लेकर तीनों से एक सप्ताह तक पूछताछ की पर सौरभ की संपत्तियों के बारे में पुलिस खास जानकारी नहीं उगलवा सकी। मंगलवार को सौरभ सहित तीनों आरोपितों को जेल भेजने के न्यायालय के आदेश के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी आरोपितों से पूछताछ के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया।
कोर्ट ने दी पूछताछ की इजाजत

कोर्ट ने ईडी को जेल में आरोपितों से पूछताछ की अनुमति दे दी है। बता दें कि लोकायुक्त पुलिस में आय से अधिक संपत्ति के मामले में सौरभ सहित तीनों आरोपितों के विरुद्ध दर्ज एफआइआर के आधार पर ईडी ने प्रकरण कायम किया था।

इसके बाद ईडी ने भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और पुणे में सौरभ के रिश्तेदार व करीबियों के यहां दो अलग-अलग दिन छापा मारकर संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए थे। सौरभ की मां उमा शर्मा, पत्नी दिव्या तिवारी और चेतन सिंह गौर से जांच एजेंसी पहले ही पूछताछ कर चुकी है।

 

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