मध्यप्रदेश में प्राइवेट स्कूलों में नए नियम के तहत बिना अनुमति अब 10% से अधिक फीस नहीं बढ़ेगी

 भोपाल
 मध्यप्रदेश में निजी स्कूलों में बस किराया और ट्यूशन फीस को लेकर बड़ा अपडेट है। अब निजी स्कूल अलग से बस फीस नहीं ले पाएंगे और इसे भी वार्षिक का ही भाग माना जाएगा। मध्यप्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम-2024 सदन से पारित होने के बाद राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने मुहर लगा दी है। नए नियम के तहक बिना अनुमति अब 10% से अधिक फीस नहीं बढ़ेगी। ₹25000 से ज्यादा सालाना फीस लेने वाले स्कूलों को फीस बढ़ाने के लिए जिला समिति की अनुमति लेनी होगी। इसी फीस में बस का शुल्क भी शामिल होगा। नई कानून पर राज्यपाल ने मुहर लगाई है। मध्यप्रदेश के 18000 स्कूल इसके दायरे में आएंगे। इस नए नियम से अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी।

फीस नियंत्रण पर अभिभावकों को राहत

यह विधेयक निजी स्कूलों की फीस नीति को नियमित करने और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न सिर्फ अभिभावकों के आर्थिक बोझ को कम करेगा, बल्कि शिक्षा में समानता और सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करेगा। सरकार के इस प्रयास से शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव की उम्मीद है, जो छात्रों और अभिभावकों के हित में साबित हो सकते हैं। यह विधेयक निजी स्कूलों की फीस नीति को नियमित करने और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

प्रदेश में 16 हजार स्कूल ऐसे
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में करीब 34,652 निजी स्कूल हैं। इनमें से लगभग 16 हजार ऐसे स्कूल हैं, जिनकी किसी भी कक्षा में वार्षिक फीस 25 हजार रुपये या इससे कम है। मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम-2017 के तहत वर्ष 2020 में नियम बनाए गए हैं। इसके अनुसार सरकार को यह अधिकार दिया गया कि वह निजी स्कूलों की फीस और अन्य विषयों पर निर्णय लेकर फीस विनियमन कर सकेगी।

नए प्रवाधानों में क्या
नए प्रावधानों के अनुसार 10 प्रतिशत वार्षिक फीस बिना अनुमति के बढ़ाई जा सकती है लेकिन इससे अधिक वृद्धि के लिए जिला समिति की अनुमति लेना जरूरी होगा। स्कूल 25 हजार रुपये तक फीस लेने वाले स्कूलों को शिक्षकों के वेतन सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन में परेशानी होती है। आपको बता दें कि यदि दस प्रतिशत वृद्धि करते हैं तो अभिभावकों पर अधिक भार नहीं पड़ता है, इसलिए नई उपधारा प्रस्तावित की गई है कि 25 हजार रुपये वार्षिक फीस लेने वाले स्कूल अधिनियम के दायरे से बाहर रहेंगे। साथ ही परिवहन फीस स्कूलों की वार्षिक फीस का भाग होगा। अभी स्कूल इसे वार्षिक फीस से अलग लेते हैं और इसमें वृद्धि भी अधिक होती है। इससे वार्षिक फीस नियंत्रित रहेगी।

समिति के अध्यक्ष होंगे शिक्षा मंत्री
नए नियमों के अनुसार फीस बढ़ाने पर आपत्ति की अपील सुनने मंत्री की अध्यक्षता में समिति अधिनियम में यह संशोधन भी प्रस्तावित किया गया है कि वार्षिक फीस में 15 प्रतिशत से अधिक वृद्धि के आदेश के विरुद्ध अपील सुनने के लिए राज्य स्तरीय समिति होगी। इसके अध्यक्ष स्कूल शिक्षा मंत्री रहेंगे। समिति को यह अधिकार रहेगा कि वह विभागीय समिति द्वारा किसी स्कूल पर लगाए गए अर्थदंड को घटा या बढ़ा सकेगी।

अलग से बस फीस नहीं ले पाएंगे प्राइवेट स्कूल
मध्यप्रदेश सरकार ने  मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम-2024 में संशोधन के लिए प्रस्तुत विधेयक पेश किया। इसमें ये प्रावधान किया गया है कि प्राइवेट स्कूलों के द्वारा बस फीस अलग से वसूली नहीं जा सकेगी और बस फीस को स्कूल की वार्षिक फीस का ही हिस्सा माना जाएगा। मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम-2024 सदन से पारित होने के बाद राज्यपाल मंगुभाई पटेल के पास अनुमति के लिए भेजा जाएगा और वहां से मंजूरी मिलते ही प्रभावी हो जाएगा।

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