डिंडौरी
वाइल्ड लाइफ के मोस्ट वांटेड शिकारियों को गिरफ्तार करने पहुंची एसटीएफ और वन विभाग शहपुरा की टीम को भारी मात्रा में गांजा मिला है। आरोपियों ने अपने घरों के नीचे गांजे को छिपाकर रखा था, जिसे जेसीबी की मदद से खुदाई कर जब्त किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक तीन करोड़ रुपये से अधिक का गांजा बरामद किया जा चुका है। इस खबर के संबंध में शहपुरा रेंजर जगदीश वास्पे ने बताया कि, सूचना मिली थी कि तीन मोस्ट वांटेड आरोपी गांव में छिपे हुए हैं। शहपुरा थाना अंतर्गत ग्राम पड़रिया धनगांव में टीम ने सूचना के आधार पर सर्चिंग अभियान चलाया, जहां पैकेट में भरे गांजे मिलना शुरू हुआ।
गांजे के साथ-साथ मिली 13 रेसर बाइकें
बताया गया कि, पड़रिया धनगांव में लगभग 12 साल पहले बहेलिया जनजाति के लोग आकर बसे थे। उन्होंने इस गांव में ना सिर्फ घर बनाया, बल्कि साठगांठ करके आधार कार्ड और सरकारी दस्तावेज भी बनवा लिए। अब सभी आरोपियों के घर से गांजे का जखीरा मिल रहा है।
इस तलाशी अभियान के दौरान टीम को आरोपियों के घरों से देसी बम, शिकार के लिए उपयोग होने वाला फंदा सहित धारदार हथियार और आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की गई है। टीम ने 13 रेसर बाइकें भी जब्त की है।
शहपुरा थाना प्रभारी किए गए निलंबित
हालांकि, अब सवाल ये उठ रहा है कि थाना मुख्यालय से सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी पर इस तरह का गिरोह चल रहा था, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इस मामले पर थाना प्रभारी शिवलाल मरकाम की भूमिका संदिग्ध मिलने पर पुलिस अधीक्षक वाहिनी सिंह ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच करने की बात कही है।
बताया जा रहा है कि, इलाके में अभी भी जेसीबी से खुदाई जारी है और लगातार गांजा मिल रहा है। 1500 किलो से अधिक गांजा अभी तक जब्त किया जा चुका है। इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है और साथ ही पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंच चुकी हैं। उन्होंने कहा कि, इस मामले को लेकर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।