नई दिल्ली
चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.69 प्रतिशत बढ़कर 17.78 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक शुद्ध गैर-कॉर्पोरेट करों से संग्रह जिसमें मुख्य रूप से व्यक्तिगत आयकर शामिल है जो पिछले साल के मुकाबले 21 प्रतिशत बढ़कर लगभग 9.48 लाख करोड़ हो गया।
1 अप्रैल, 2024 से 10 फरवरी, 2025 के बीच शुद्ध कॉर्पोरेट कर संग्रह 6 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 7.78 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। इस वित्त वर्ष में अब तक प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) से शुद्ध संग्रह 65 प्रतिशत बढ़कर 49,201 करोड़ रुपये हो गया है।
इस अवधि के दौरान 4.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड जारी किए गए जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 42.63 प्रतिशत अधिक है। 10 फरवरी तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 19.06 प्रतिशत बढ़कर 21.88 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान (आरई) में सरकार ने कुल आयकर संग्रह 12.57 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है जो बजट अनुमान 11.87 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
इस वित्त वर्ष में एसटीटी से संग्रह 55,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो बजट अनुमान (बीई) 37,000 करोड़ रुपये से अधिक है। कॉरपोरेट कर संग्रह लक्ष्य को संशोधित कर 9.80 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है जो बजट लक्ष्य 10.20 लाख करोड़ रुपये से कम है। कुल मिलाकर, संशोधित अनुमान में प्रत्यक्ष कर संग्रह 22.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है जो बजट अनुमान के 22.07 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
वहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 फरवरी को नए आयकर विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस सप्ताह लोकसभा में नया प्रत्यक्ष कर विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है। नया कर विधेयक देश की कर प्रणाली में सुधार के एक बड़े प्रयास का हिस्सा है और इसका उद्देश्य मौजूदा कर ढांचे में सुधार करके इसे और अधिक सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाना है।