लखनऊ
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और बड़ा फैसला लेने जा रही है। प्रदेश में महिलाओं के नाम पर संपत्ति की रजिस्ट्री कराने पर बड़ी छूट देने की तैयारी कर ली गई है। अब तक 10 लाख रुपये तक की संपत्तियों पर मिलने वाली 1 फीसदी की छूट को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये तक की संपत्तियों पर लागू करने की तैयारी है। इससे महिलाओं के नाम पर संपत्ति खरीदने वालों की संख्या में वृद्धि होगी। महिलाओं के हाथें में संपत्ति का अधिकार आने के बाद उनकी परिवार में निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के स्टाम्प-न्यायालय शुल्क पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने इस संबंध में अहम जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव पर उच्च स्तर पर सहमति बन चुकी है। जल्द ही इसे कैबिनेट से पास कराने की तैयारी है। इस फैसले से महिलाओं को अधिकतम 1 लाख रुपये तक की बचत हो सकेगी। उनके नाम पर संपत्ति खरीदने को प्रोत्साहन मिलेगा।
हालांकि, अब महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार एक और फैसला लेने वाली है. अब एक करोड़ की संपत्ति पर स्टांप शुल्क में एक प्रतिशत तक की छूट मिलेगी.
विभाग के द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में एक करोड़ तक की संपत्ति महिला के नाम पर खरीदने पर स्टांप शुल्क 6% होगा. इससे लगभग एक लाख रुपए तक का फायदा मिलेगा.
महिलाओं के नाम पर दर्ज संपत्ति में मिलने वाली नई छूट को लेकर उत्तर प्रदेश के स्टांप शुल्क पंजीयन विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है. उच्च स्तर पर सहमति भी बन गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि योगी सरकार की अगली कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर मुहर भी लग जाएगी.
स्टाम्प शुल्क में होगा बदलाव
यूपी सरकार की ओर से अभी तक 10 लाख रुपये तक की संपत्तियों पर ही महिलाओं को 1 फीसदी की छूट मिल रही थी। नए प्रस्ताव के मुताबिक, 1 करोड़ रुपये तक की संपत्तियों पर 7 फीसदी की जगह 6 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क लिया जाएगा। इससे महिलाओं को अधिकतम 1 लाख रुपये तक का सीधा लाभ होगा।
राज्य सरकार ने इससे पहले भी महिलाओं को संपत्ति हस्तांतरण में प्रोत्साहन देने के लिए गिफ्ट डीड योजना के तहत केवल 5000 रुपये में संपत्ति हस्तांतरण की सुविधा दी थी। इससे महिलाओं के नाम पर करीब 4 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति दर्ज की गई।
योगी सरकार का बड़ा कदम
महिलाओं के संपत्ति खरीद पर छूट प्रस्ताव को 18 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र से पहले कैबिनेट में रखा जा सकता है। यूपी सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट 20 फरवरी को पेश किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि केंद्र सरकार से महिला कल्याण के बजटीय आवंटन में से इस छूट की भरपाई हो सकेगी।
योगी सरकार के इस फैसले को महिला सशक्तीकरण के बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिससे राज्य में महिलाओं की संपत्ति स्वामित्व में वृद्धि होने की संभावना है। यह प्रदेश के सामाजिक ताने-बाने पर भी असर डालेगा।