150 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुआ RSS का नया मुख्यालय; BJP दफ्तर से भी भव्य है ‘केशव कुंज’

नई दिल्ली

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने बुधवार को दिल्ली में अपने नए कार्यालय परिसर 'केशव कुंज' का उद्घाटन किया। यह आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। यह करीब 5 लाख वर्ग फुट में फैला हुआ है। इसमें टावर, ऑडिटोरियम, एक पुस्तकालय, एक अस्पताल और एक हनुमान मंदिर शामिल हैं। इस भवन का निर्माण सार्वजनिक दान से 150 करोड़ की लागत से हुआ है। इसका उद्देश्य RSS के बढ़ते कार्यों को समर्थन देना है।

केशव कुंज का डिजाइन इस प्रकार किया गया है कि यह कार्यक्रमों, प्रशिक्षण और बैठकों के लिए एक आदर्श स्थान बने। पुस्तकालय शोध कार्यों को सहायता प्रदान करेगा, जबकि ऑडिटोरियम में बड़े आयोजनों का आयोजन किया जा सकेगा। इस परिसर में पांच बिस्तरों वाला एक अस्पताल भी है।

यह परिसर दिल्ली के झंडेवाला में स्थित है और 4 एकड़ में फैला हुआ है। इसके निर्माण में 150 करोड़ का खर्च हुए हैं। इसके विशाल आकार के कारण यह भाजपा के मुख्यालय से भी बड़ा है। इसमें RSS के कार्यालय, आवासीय स्थान और अन्य गतिविधियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं।

आरएसएस की नई मुख्यालय में तीन टावर हैं। इनका नाम साधना, प्रेरणा और अर्चना रखा गया है। इन टावरों में कुल मिलाकर 300 कमरे हैं। साधना टावर में संगठन के कार्यालय हैं। बाकी दोनों में आवासीय परिसर हैं। इन दोनों आवासीय टावरों के बीच एक बड़ा खुला स्थान है, जिसमें एक सुंदर बगीचा और आरएसएस के संस्थापक केशव बालिराम हेडगेवार की मूर्ति भी स्थित है।

केशव कुंज परिसर में 135 कारों की पार्किंग की सुविधा है, जिसे भविष्य में 270 कारों तक विस्तारित किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, RSS कार्यकर्ताओं और संघ से जुड़े लोगों ने इस परिसर के निर्माण के लिए दान दिया है। करीब 75,000 लोगों ने 5 रुपये से लेकर लाखों रुपये तक का योगदान किया है।

यह भवन पारंपरिक राजस्थान और गुजरात के वास्तुकला से सजा हुआ है। इसमें 1,000 ग्रेनाइट फ्रेम का उपयोग किया गया है। लकड़ी के उपयोग को कम किया गया है। इस कार्यालय में एक पुस्तकालय भी है जिसे 'केशव पुस्तकालय' के नाम से जाना जाएगा। यहां संघ के शोध कार्य किए जाएंगे।

अनूप दवे ने किया डिजाइन

नए आरएसएस मुख्यालय (RSS Headquarters Delhi) को गुजरात के आर्किटेक्ट अनूप दवे ने डिजाइन किया है। सूत्रों के अनुसार, पहले गुजरात सरकार की परियोजनाओं से जुड़े रहे हैं। इस परियोजना में शामिल बिल्डर दिल्ली स्थित ऑस्पिशियस कंस्ट्रक्शन है, जो राष्ट्रीय राजधानी में बड़े पैमाने पर मॉल, व्यावसायिक परिसर और पार्किंग परिसर बनाता है। हालांकि, यह फर्म इससे पहले संघ की इमारतों के निर्माण से भी जुड़ी रही है, जैसे कि दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) का धर्म यात्रा महासंघ भवन, और रोहिणी में श्री जगन्नाथ सेवा संघ भवन और अशोक विहार में सनातन भवन जैसी अन्य हिंदू धार्मिक संरचनाएं।

पिछले आठ वर्षों से आरएसएस झंडेवाला स्थित उदासीन आश्रम से काम कर रहा था, जिसे उसने अपने मुख्यालय के नए निर्माण के लिए किराए पर लिया था। सूत्रों ने बताया कि संघ पदाधिकारियों ने पिछले साल सितंबर से धीरे-धीरे नए भवन में स्थानांतरण शुरू कर दिया था और अब उन्होंने उदासीन आश्रम कार्यालय को पूरी तरह से खाली कर दिया है, हालांकि नए मुख्यालय के कुछ हिस्सों में आंतरिक साज-सज्जा का काम अभी भी जारी है।

आरएसएस के एक पदाधिकारी ने बताया कि नागपुर और मध्य प्रदेश के बाद दिल्ली तीसरा स्थान था, जहां आरएसएस ने अपने कार्यालय स्थापित किए। यहां हमारा पहला कार्यालय 1939 में खोला गया था, जो वर्तमान मुख्यालय से थोड़ी दूरी पर है। 1962 में यहीं एक मंजिला कार्यालय बना और 1980 के दशक में एक और मंजिल जोड़ी गई। 2016 तक यह कार्यालय बना रहा, जब केशव कुंज परियोजना शुरू की गई।
RSS New Headquarters: “साधना”, “प्रेरणा” और “अर्चना” तीन नए टावर

आरएसएस मुख्यालय के तीन नए टावरों – जिनका नाम “साधना”, “प्रेरणा” और “अर्चना” है। इसमें में कई कॉन्फ्रेंस हॉल और ऑडिटोरियम के अलावा 300 कमरे और कार्यालय स्थान शामिल हैं। साधना में आरएसएस के सभी कार्यालय हैं, जबकि प्रेरणा और अर्चना आवासीय परिसर हैं।

प्रेरणा और अर्चना टावरों के बीच एक बड़ा खुला स्थान है, जिसमें एक सुंदर लॉन और आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार की मूर्ति है। संघ के अनुसार, यह स्थान दैनिक शाखा आयोजित करने के लिए अलग रखा गया है। परिसर में पार्किंग की जगह भी है, जिसमें वर्तमान में 135 कारें खड़ी की जा सकती हैं और समय के साथ इसकी क्षमता को बढ़ाकर 270 किया जा सकता है।

यहां तीन बड़े ऑडिटोरियम हैं, जिनकी कुल क्षमता 1,300 से ज़्यादा लोगों की है। इनमें से एक ऑडिटोरियम, जिसमें स्टेडियम जैसी सीटें और कुशन वाली सोफा सीटें हैं, जिसका नाम पूर्व वीएचपी अध्यक्ष और राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता अशोक सिंघल के नाम पर रखा गया है।

संघ सूत्रों के अनुसार, भवन की खिड़कियों को राजस्थान और गुजरात की पारंपरिक वास्तुकला से प्रेरित करके सजाया गया है। उन्होंने बताया कि लकड़ी बचाने के लिए भवन में 1,000 ग्रेनाइट फ्रेम का इस्तेमाल किया गया है।

आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि पूरे परिसर को इस तरह से बनाया गया है कि इसमें पर्याप्त रोशनी और हवा मिलती है। छत पर लगाए गए सौर पैनल इमारत की बिजली खपत की 20 प्रतिशत ज़रूरतों को पूरा करेंगे। मुख्यालय द्वारा उत्पादित सभी सीवेज को साफ करने के लिए पर्याप्त क्षमता वाला एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी है। इस तरह हम शहर के नालों में बिल्कुल भी सीवेज नहीं छोड़ेंगे।

 मेस और कैंटीन की सुविधा

केशव कुंज में मेस और कैंटीन की सुविधा भी है, जिसमें सामुदायिक भोजन के लिए बड़ी जगह आवंटित की गई है। साधना टॉवर की 10वीं मंजिल पर केशव पुस्तकालय है, जो इन-हाउस लाइब्रेरी है। 25 लोगों की बैठने की क्षमता और शोध के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए क्यूबिकल्स के साथ, यह उन लोगों के लिए खुला है जो संघ परिवार पर शोध करना चाहते हैं। इस इमारत में दिल्ली प्रांत कार्यालय और सुरुचि प्रकाशन के कार्यालय भी होंगे, जो संघ पर किताबें प्रकाशित करता है।

 पांच बिस्तरों वाला एक अस्पताल

नए आरएसएस मुख्यालय में बीमार कार्यकर्ताओं को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए पांच बिस्तरों वाला एक अस्पताल और जनता के लिए खुला एक डिस्पेंसरी भी है। बता दें, 19 फरवरी को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत नए मुख्यालय में कार्यकर्ता मिलन आयोजित करेंगे, जो बेंगलुरु में 21-23 मार्च के दौरान आयोजित होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक से पहले होगा।

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