नगरीय निकाय चुनाव की मतगणना शुरू: रायपुर में मीनल चौबे 27298 वोट से, तो रायगढ़ में जीववर्धन चौहान 25 हजार वोट आगे

रायपुर

छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय चुनाव की मतगणना शुरू हो गई है. सभी जगहों पर भाजपा आगे चल रही है. रायपुर में भाजपा महापौर प्रत्याशी मीनल चौबे 27298 वोट से आगे चल रही हैं. कुल 87425 वोटों की गिनती हो चुकी है. इसमें मीनल चौबे को 54899 वोट और कांग्रेस प्रत्याशी दीप्ति दुबे को 27601 वोट मिले हैं. रायगढ़ में भाजपा महापौर प्रत्याशी जीववर्धन चौहान ने 25 हजार वोट की बढ़त बनाई हुई है. इसके अलावा 37 वार्डों में भी भाजपा पार्षद प्रत्याशी आगे चल रहे. वहीं दुर्ग में भाजपा महापौर उम्मीदवार अल्का बाघमार भी 25 हजार वोट से आगे हैं.

बता दें कि प्रदेश में चाहे सरकार भाजपा की हो या कांग्रेस की, लेकिन रायपुर नगर निगम के महापौर की कुर्सी पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा. साल 2004 में सुनील सोनी को छोड़कर भाजपा कभी महापौर का चुनाव नहीं जीत पाई. इस बार के निकाय चुनाव की मतगणना जारी है. 70 हजार वोटों की गिनती पूरी हो गई है. इसमें से मीनल चौबे को 43 हजार वोट मिले हैं.

जानिए, रायपुर नगर निगम का इतिहास
ब्रिटिश शासन के दौरान 17 मई 1867 को रायपुर नगर समिति बनी. इसका प्राथमिक उद्देश्य तेजी से बढ़ती शहरी बस्ती में बुनियादी नागरिक सुविधाएं सुनिश्चित करना था. इसके बाद साल 1973 में इसका स्वरूप बदला और रायपुर नगर निगम बना. उस समय रायपुर नगर निगम में कुल 40 वार्ड थे. 1980 में पहली बार हुए नगर निगम चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के स्वरूप चंद जैन महापौर बने. इसके बाद 1981 से 82 तक कांग्रेस के एसआर मूर्ति महापौर बने. 1982 से 1983 तक फिर स्वरूपचंद जैन महापौर रहे. 1983 से 84 तक कांग्रेस के ही तरुण चटर्जी, 1984-85 तक कांग्रेस के संतोष अग्रवाल महापौर चुने गए. 1985 से लेकर 1995 तक रायपुर नगर निगम में प्रशासक बैठे थे. फिर 1995 में वार्डों की संख्या बढ़कर 60 कर दी गई . 1995-2000 तक कांग्रेस के बलबीर एस जुनेजा महापौर चुने गए. पहले नगर निगम कार्यालय जयस्तंभ के पास था. इसके बाद नया नगर निगम कार्यालय सीटी कोतवाली के पास भव्य रूप में बनाया गया है, जिसे व्हाइट हाउस के नाम से भी जाना जाता है. वर्तमान में रायपुर नगर निगम में कुल 70 वार्ड हैं.

2004 में पहली बार महापौर चुनाव में कांग्रेस को मिली थी हार
साल 2000 में छत्तीसगढ़ गठन के बाद तरुण प्रसाद चटर्जी रायपुर के पहले महापौर थे. हालांकि बाद में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर लिया था. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहले स्थानीय निकाय चुनाव साल 2004 में हुआ. तब भाजपा के सुनील सोनी रायपुर नगर निगम के महापौर बने, जो वर्तमान में विधायक हैं. रायपुर नगर निगम के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था, जब कांग्रेस को महापौर चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. 2010 से 2015 तक कांग्रेस नेत्री किरणमयी नायक महापौर रहीं. वे रायपुर नगर निगम की पहली महिला महापौर थीं. इसके बाद 2015 से 2020 तक कांग्रेस के प्रमोद दुबे महापौर रहे. 2020 से 2025 तक एजाज ढेबर महापौर रहे. भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में महापौर का अप्रत्यक्ष चुनाव हुआ. इस नियम को बदलते हुए वर्तमान साय सरकार ने इस बार महापौर का प्रत्यक्ष चुनाव कराया. सभी जगह ईव्हीएम से चुनाव संपन्न कराया गया.

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