इंसान अपनी आदतों का ही बाय प्रोडक्ट होता है। जहां कुछ आदतें उसे जीवन में सफलता और खुशियों की ओर ले जाती हैं तो वहीं अपनी ही कुछ गलत आदतों के चलते वो जीवन में बहुत पीछे छूट जाता है। दरअसल इंसान की आदतें ही उसका व्यक्तित्व और व्यवहार तय करती हैं, जो समाज में उसके सम्मान और स्थान दोनों को तय करते हैं। कई बार इंसान किसी दूसरे की वजह से नहीं बल्कि अपनी ही कुछ आदतों के चलते अपनी तरक्की का रास्ता खुद रोक देता है। कई बार तो ऐसा लगता है मानों अपना सबसे बड़ा दुश्मन वो खुद ही बन बैठा है। आज हम कुछ ऐसी ही आदतों के बारे में बता रहे हैं, जो यदि आपके अंदर हैं तो आपको तुरंत उनसे दूरी बना लेनी चाहिए। आइए जानते हैं इन्हीं आदतों के बारे में।
अपनी गलतियों का दोष दूसरों पर डालना
अगर आप भी अपनी गलतियों का दोष अक्सर दूसरों पर ही डाल देते हैं तो समझ लें कि आप अपनी ही सफलता के रास्ते में बाधा बन रहे हैं। जो लोग कभी अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करते हैं वो असल में कभी अपनी गलतियों से कुछ सीख ही नहीं पाते। दूसरों पर दोष मढ़ते-मढ़ते कई बार इतनी देर हो जाती है कि इंसान कहीं का नहीं रहता। अंत में ये अपनी लोग अपनी असफलता के लिए दूसरों को कोसते हुए ही नजर आते हैं।
हमेशा नेगेटिव सोच रखना
अगर लाइफ को ले कर आपका नजरिया बहुत नेगेटिव है या यूं कहें कि आप हर चीज में कोई ना कोई नेगेटिविटी ढूंढने के आदी हैं, तो यकीन मानिए आप अपने ही सबसे बड़े दुश्मन हैं। नकारात्मक सोच और नजरिया रखने वाले लोगों के हाथ अक्सर जीवन में निराशा, हताशा और असफलता ही लगती है। वो कहते हैं ना कि कोई भी काम पहले दिमाग से ही शुरू होता है। ऐसे में जब तक आप किसी चीज को ले कर अच्छा और पॉजिटिव सोचेंगे ही नहीं तब तक भला वो होगा भी कैसे।
आलस और काम को टालने की आदत
आपने सुना ही होगा कि आलस्य से बड़ा मनुष्य का शत्रु कोई और हो ही नहीं सकता। बात में पूरी सच्चाई भी है। आपकी आलस करने और काम को टालने की एक आदत, आपको जीवन में इतना पीछे ला कर खड़ी कर सकती है कि शायद उसका अंदाजा आपने कभी लगाया भी ना हो। कहते हैं ना 'काल करे जो आज कर, आज करे सो अब '। तो जीवन में सफल होना है तो इस छोटी सी बात को गांठ बांध लें।
जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वास
हर इंसान में आत्मविश्वास होना बहुत जरूरी है लेकिन हद से ज्यादा कॉन्फिडेंस भी व्यक्ति को नीचे गिराने का काम करता है। कई बार ओवर कॉन्फिडेंस के चलते इंसान ऐसी-ऐसी हरकतें कर बैठता है, जो बाद में उसी को नुकसान पहुंचाती हैं। अपने ओवर कॉन्फिडेंस के चलते वो अक्सर खुद को ही सही समझता है, जिससे ना तो वो कुछ नया सीख पाता है और ना ही लोगों को अपने आगे कुछ समझता है। यही अहंकार और हद से ज्यादा कॉन्फिडेंस इंसान की दुर्गति का कारण बनता है।
अतीत और भविष्य को ज्यादा महत्व देना
कुछ लोग वर्तमान में रहने की बजाए या तो अपने अतीत में बने रहते हैं या फिर भविष्य को ले कर ओवरथिंकिंग करते रहते हैं। ये दोनों ही आदतें व्यक्ति की सफलता में बाधा बनती हैं। ऐसे लोग अक्सर अपने पास्ट या फ्यूचर में फंसे रह जाते हैं, जिसकी वजह से ये वर्तमान में मौजूद अवसरों को खो देते हैं। दिमाग में भविष्य को ले कर ज्यादा ओवर थिंकिंग करने से स्ट्रेस और एंग्जाइटी के सिवाय कुछ भी हाथ नहीं लगता।