भारत में कैंसर के निदान के बाद लगभग हर पांच में से तीन रोगी की मृत्यु हो जाती है, जो कि एक चिंताजनक आंकड़ा

नई दिल्ली
भारत में कैंसर के निदान के बाद लगभग हर पांच में से तीन रोगी की मृत्यु हो जाती है, जो कि एक चिंताजनक आंकड़ा है। यह आंकड़ा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अध्ययन से सामने आया है, जिसने वैश्विक कैंसर डेटा का विश्लेषण किया। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में कैंसर से संबंधित मौतों का आंकड़ा बहुत उच्च है और यह स्थिति आने वाले दशकों में और गंभीर हो सकती है। विश्व स्तर पर कैंसर की घटनाओं और मौतों का विश्लेषण करते हुए शोधकर्ताओं ने पाया कि भारत, चीन और अमेरिका के बाद कैंसर से मौतों के मामले में तीसरे स्थान पर है। भारत में हर साल कैंसर के हजारों नए मामले सामने आते हैं और हर साल कैंसर से होने वाली मौतों का आंकड़ा 10 प्रतिशत से अधिक है। यह डेटा यह दर्शाता है कि भारत में कैंसर की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है और इसका प्रभाव अधिक हो रहा है।

कैंसर के प्रकार और प्रभाव
भारत में पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करने वाले पांच सबसे आम कैंसर प्रकारों में से एक प्रमुख बीमारी स्तन कैंसर है, जो महिलाओं में सबसे ज्यादा प्रचलित है। आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं में लगभग 30 प्रतिशत कैंसर के नए मामले स्तन कैंसर के होते हैं, जबकि पुरुषों में मुंह का कैंसर सबसे ज्यादा पाया जाता है। स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर और मुंह के कैंसर के मामले भारत में कैंसर के कुल मामलों का 44 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं। महिलाओं में इस आंकड़े की वजह से कैंसर के प्रति जागरूकता और जल्दी निदान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। अध्ययन में पाया गया कि कैंसर के मामलों का सबसे बड़ा बोझ वृद्धावस्था में देखने को मिलता है। 70 साल और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों में कैंसर के मामले सबसे ज्यादा होते हैं। इसके अलावा, 15 से 49 वर्ष के आयु वर्ग में भी कैंसर के मामलों की संख्या अधिक है, और यह वर्ग कैंसर से संबंधित मौतों का 20 प्रतिशत हिस्सा बनाता है।

भारत में कैंसर से निपटने की चुनौतियां
इस अध्ययन के अनुसार, भारत में कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या आने वाले दो दशकों में और बढ़ने की संभावना है। इसके कारण देश की वृद्ध होती आबादी और बढ़ती हुई कैंसर के मामलों की संख्या है। यदि समय रहते सही कदम नहीं उठाए गए तो भारत के लिए कैंसर की घटनाओं से जुड़ी मौतों को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती बन सकती है।

चौंकाने वाली तथ्य
भारत में कैंसर से संबंधित मौतों का 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है।
स्तन कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर महिलाओं में सबसे अधिक पाए जाते हैं।कैंसर से होने वाली मौतों का उच्चतम अनुपात 70 साल और उससे अधिक आयु वर्ग में है।

 

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