दक्षिण कोरिया में सरकार की मेहनत रंग लाई, बढ़ने लगी जन्म दर, बहुत तेज घट रही थी जनसंख्या

सियोल
पिछले लंबे समय से दुनिया के कई देश जनसंख्या में लगातार गिरावट से जूझ रहे हैं। इनमें एक देश ऐसा है जहां जन्म दर दुनिया में सबसे कम थी। लेकिन अब सरकार और कई अन्य कंपनियों की पहल काम आ रही है और करीब 9 साल बाद पहली बार जन्म दर में वृद्धि देखने को मिली है। हम बात कर रहे हैं दक्षिण कोरिया की। यहां सरकार के लगातार प्रयासों और नीतियों का असर दिखने लगा है।

पिछले एक दशक की बात करें, तो इस देश में जन्मदर में भारी गिरावट देखी गई थी क्योंकि महिलाएं करियर को प्राथमिकता दे रही थीं और महंगे घरों व बच्चों की परवरिश की बढ़ती लागत के कारण विवाह और मातृत्व से बच रही थीं। दक्षिण कोरिया में प्रजनन दर (फर्टिलिटी रेट) साल 2023 में 0.72 तक पहुंच गई थी, जो दुनिया में सबसे कम थी। किसी देश की जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए प्रजनन दर का 2.1 होना जरूरी माना जाता है, लेकिन दक्षिण कोरिया इससे बहुत पीछे था। बढ़ती महंगाई, लंबे काम के घंटे, नौकरी की असुरक्षा और बच्चों के पालन-पोषण की ऊंची लागत के चलते युवा शादी और बच्चे पैदा करने से कतरा रहे थे। नतीजतन, देश की आबादी तेजी से घट रही थी और यह अनुमान लगाया जा रहा था कि यदि यही स्थिति रही तो साल 2100 तक दक्षिण कोरिया की 5.1 करोड़ की आबादी आधी से भी कम हो जाएगी।

जन्मदर में मामूली सुधार
2024 में, दक्षिण कोरिया की कुल प्रजनन दर बढ़कर 0.75 हो गई, जो 2023 में 0.72 थी। 2015 में यह दर 1.24 थी, जिसके बाद लगातार आठ वर्षों तक गिरावट जारी थी। वहीं, 1,000 लोगों पर जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या (क्रूड बर्थरेट) 4.7 रही, जो 2014 से चली आ रही गिरावट को तोड़ने में सफल रही। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यह वृद्धि महामारी के कारण विलंबित शादियों की संख्या में वृद्धि और सरकार की कार्य-परिवार संतुलन, बाल देखभाल और आवास संबंधी नीतियों के कारण संभव हो सकी है।

सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए कई कदम उठाए। पिछले कुछ सालों में करीब 286 अरब डॉलर की भारी-भरकम राशि जन्म दर को बढ़ाने के लिए खर्च की गई। इसमें सब्सिडी वाले आवास, परिवहन, स्वास्थ्य सेवाएं, मुफ्त आईवीएफ (टेस्ट ट्यूब बेबी) सुविधाएं और माता-पिता को आर्थिक सहायता जैसे कदम शामिल थे। इसके अलावा, बच्चों की देखभाल के लिए विदेशी कर्मचारियों की भर्ती, कर में छूट और 30 साल की उम्र तक तीन या अधिक बच्चों वाले पुरुषों को सैन्य सेवा से छूट जैसे प्रोत्साहन भी दिए गए।

सामाजिक सोच में बदलाव
अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, सांख्यिकी कोरिया की अधिकारी पार्क ह्यून-जंग ने एक प्रेस वार्ता में कहा, "समाज में विवाह और मातृत्व को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण बढ़ा है।" उन्होंने बताया कि प्रजनन दर बढ़ाने में 30 वर्ष की उम्र वाले लोगों की संख्या में वृद्धि और महामारी के कारण विलंबित शादियों ने योगदान दिया।

नई जनसांख्यिकीय नीति
बीते वर्ष, राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देश के "जनसांख्यिकीय संकट" से निपटने के लिए एक नए मंत्रालय के गठन का प्रस्ताव रखा था। इस नीति का उद्देश्य पहले की केवल नकद सहायता आधारित योजनाओं के बजाय व्यापक समाधान देना था। नई नीति के तहत, माता-पिता दोनों के लिए कुल छह महीने तक 100 प्रतिशत वेतन भुगतान की सुविधा दी गई है, जबकि पहले यह केवल तीन महीने के लिए था। इसके अलावा, माता-पिता दोनों द्वारा छुट्टी लेने की स्थिति में कुल छुट्टी की अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर डेढ़ वर्ष कर दी गई है।

कंपनियों पर नए नियम
इस वर्ष से, सरकार ने सूचीबद्ध कंपनियों के लिए अनिवार्य कर दिया है कि वे अपने बाल देखभाल से जुड़े आंकड़ों को नियामक रिपोर्ट में शामिल करें। सरकार की विभिन्न परियोजनाओं और वित्तीय सहायता पाने के लिए कंपनियों को यह आंकड़े प्रस्तुत करने होंगे। इसके अलावा, छोटे और मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

सरकार का वित्तीय निवेश
दक्षिण कोरियाई सरकार इस वर्ष कार्य-परिवार संतुलन, बाल देखभाल और आवास के तीन प्रमुख क्षेत्रों में कुल 19.7 ट्रिलियन वॉन (13.76 अरब डॉलर) खर्च करने जा रही है। यह 2024 के मुकाबले 22 प्रतिशत अधिक है। सरकार को उम्मीद है कि इन नई नीतियों से जन्मदर को और स्थिरता मिलेगी और दक्षिण कोरिया की गंभीर जनसांख्यिकीय चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।

इन प्रयासों का नतीजा अब सामने आया है। ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में जन्म दर में मामूली लेकिन महत्वपूर्ण बढ़ोतरी दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह रुझान जारी रहा तो प्रजनन दर 0.74 के आगे पहुंच सकती है। हालांकि यह अभी भी अन्य देशों की तुलना में कम है, लेकिन यह एक सकारात्मक संकेत है। सितंबर 2024 में 14 सालों में पहली बार नवजात शिशुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिसने सरकार और नागरिकों में उम्मीद जगाई है।

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल शुरुआत है। दक्षिण कोरिया को अभी लंबा रास्ता तय करना है ताकि जनसंख्या संकट से पूरी तरह उबरा जा सके। बढ़ती उम्र की आबादी और युवाओं की घटती संख्या अब भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। फिर भी, जन्म दर में यह बढ़ोतरी सरकार की मेहनत का रंग लाने का सबूत है और भविष्य के लिए एक नई उम्मीद की किरण लेकर आई है।

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