प्रयागराज महाकुंभ के समापन पर CM योगी ने संगम घाट पर की पूजा, दोनों डिप्टी सीएम भी रहे मौजूद

 प्रयागराज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के आयोजन को सफल बताते हुए। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया और कहा कि इस महाआयोजन ने सकल विश्व को 'सभी जन एक हैं' का अमृत संदेश दिया है। सीएम योगी ने गुरुवार को प्रयागराज के अरैल घाट पर स्वच्छता अभियान कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने घाट की साफ-सफाई की। उनके साथ उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी मौजूद रहे।

सफाई अभियान में शामिल हुए CM योगी

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सफाई कर्मियों संग संवाद किया।
    अरैल घाट पर सफाई अभियान में भाग लेकर सफाई का संदेश दिया।

प्रधानमंत्री मोदी के प्रति जताया आभार

सीएम योगी ने एक्स पोस्ट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया और कहा:

    “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मार्गदर्शन प्रेरणादायी रहा।”
    “महाकुंभ 2025 एकता, समता और समरसता का महायज्ञ साबित हुआ।”
    “सुरक्षा, स्वच्छता और सुव्यवस्था के नए मानक स्थापित किए गए।”
    “66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई।”

महाकुंभ 2025 का यह ऐतिहासिक आयोजन पूरी दुनिया के लिए भारत की आस्था, संस्कृति और व्यवस्थागत दक्षता का एक जीवंत प्रमाण बनकर सामने आया।

सीएम योगी ने एक्स पर कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी, यह आपके यशस्वी मार्गदर्शन का ही सुफल है कि 'एकता, समता, समरसता का महायज्ञ' महाकुम्भ-2025, प्रयागराज भव्यता-दिव्यता के साथ सुरक्षा-स्वच्छता-सुव्यवस्था के नवीन मानक गढ़कर आज संपन्न हो गया है। विगत 45 पुण्य दिवसों में पूज्य साधु-संतों समेत 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाकर कृतार्थ हुए हैं। सकल विश्व को 'सभी जन एक हैं' का अमृत संदेश देने वाला यह मानवता का महोत्सव 'वसुधैव कुटुंबकम्' के पुण्य भाव के साथ संपूर्ण विश्व को एकता के सूत्र में पिरो रहा है। आपका मार्गदर्शन एवं शुभेच्छाएं हम सभी को सदैव नई ऊर्जा प्रदान करती हैं, हार्दिक आभार प्रधानमंत्री जी! हर हर-गंगे, भगवान बेनी माधव की जय!

15000 सफाईकर्मियों ने दिया योगदान

महाकुंभ अपनी स्वच्छता को लेकर भी चर्चा में रहा जिसमें स्वच्छता कर्मियों की अहम भूमिका रही। महाकुंभ मेले में स्वच्छता प्रभारी डाक्टर आनंद सिंह ने बताया कि पूरे मेले में 15,000 स्वच्छता कर्मी चौबीसों घंटे ड्यूटी पर तैनात रहे। कई पालियों में उन्होंने साफ सफाई की जिम्मेदारी बखूबी निभाई और मेले में शौचालयों और घाटों को पूरी तरह से साफ रखा। सभी ने उनके कार्यों की सराहना की। महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की घटना से इसकी छवि थोड़ी धूमिल हुई, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था पर इस घटना का कोई खास असर नहीं पड़ा और लोगों का आगमन अनवरत जारी रहा। भगदड़ में 30 लोगों की मृत्यु हो गई थी।
बड़ी हस्तियों ने लगाई डुबकी

महाकुंभ मेले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, फिल्मी सितारों और खेल जगत, उद्योग जगत की हस्तियों तक ने संगम में डुबकी लगाई और प्रदेश सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना की। इस महाकुंभ में नदियों के संगम के साथ ही प्राचीनता और आधुनिकता का भी संगम देखने को मिला जिसमें एआई से युक्त कैमरों, एंटी ड्रोन जैसी कई अत्याधुनिक प्रणालियों का उपयोग किया गया और मेला पुलिस को इन प्रणालियों का प्रशिक्षण दिया गया। हालांकि, यह मेला कई विवादों को लेकर भी चर्चा में रहा। जैसे, फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी का महामंडलेश्वर बनना और उनको लेकर विवाद खड़ा होना। इसके अलावा, गंगा जल की शुद्धता को लेकर राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एनपीसीबी) की रिपोर्ट और फिर उस पर सरकार के हवाले से कई वैज्ञानिकों द्वारा गंगा जल की शुद्धता की पुष्टि करना भी चर्चा में रहा।
यूपी में बनाया गया 76वां जिला

हिंदुओं की मान्यता है कि ग्रह नक्षत्रों के विशेष संयोग से कुंभ और महाकुंभ में गंगा और संगम में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। परमार्थ निकेतन आश्रम, ऋषिकेश के प्रमुख चिदानंद सरस्वती के अनुसार गुरुवार को ब्रह्म मुहूर्त शुरू होने के साथ मेला समाप्त हुआ। इस मेले के लिए एक नया जिला-महाकुंभ नगर अधिसूचित किया गया और मेला संचालन के लिए जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत पुलिस और प्रशासन की नियुक्ति की गई। यह प्रदेश का 76वां अस्थायी जिला है। महाकुंभ मेले में सभी 13 अखाड़ों ने तीन प्रमुख पर्वों- मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी पर अमृत स्नान किया। हालांकि, मौनी अमावस्या पर भगदड़ की घटना के बाद अखाड़ों का अमृत स्नान अधर में लटक गया था, लेकिन अंततः अखाड़ों के साधु संतों ने अमृत स्नान किया और बसंत पंचमी स्नान के साथ वे मेला से विदा हो गए।
विपक्ष के आरोप

मौनी अमावस्या को हुए हादसे को लेकर नेताओं ने सरकार पर निशाना साधना शुरू किया जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ को ‘मृत्युकुंभ’ करार दिया। हालांकि, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसका तगड़ा जवाब दिया। वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर भगदड़ में मृतकों की संख्या छिपाने का आरोप लगाया। सपा समेत विपक्षी दलों ने श्रद्धालुओं की संख्या पर भी सवाल खड़ा किया, लेकिन सरकार ने 1,800 एआई कैमरों समेत 3,000 से अधिक कैमरों, ड्रोन और 60,000 कर्मचारियों के हवाले से श्रद्धालुओं की सही संख्या बताने की बात कही। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘श्रद्धालुओं की संख्या का मिलान करने के लिए एआई कैमरों के साथ ही हम रोडवेज, रेलवे और हवाईअड्डे के अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में रहे।’’
विदेशी हस्तियां भी हुईं शामिल

महाकुंभ मेले में अग्निशमन विभाग ने आग की घटनाओं को रोकने में अहम भूमिका निभाई और आग लगने की सूचना मिलते ही तत्काल कार्रवाई किए जाने से जनहानि की एक भी सूचना नहीं आई। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 37,000 पुलिसकर्मी, 14,000 होमगार्ड के जवान तैनात रहे। इसके अलावा, तीन जल पुलिस थाने, 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम और 50 ‘वाच टावर’ स्थापित किए गए थे। महाकुंभ में आने वाले अति विशिष्ट लोगों में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी, एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल, ब्रिटेन के रॉक बैंड कोल्डप्ले के क्रिस मार्टिन प्रमुख रूप से शामिल थे।
45 दिन में 10 बार महाकुंभ पहुंचे योगी

सोशल मीडिया के चर्चित चेहरों में हर्षा रिछारिया, माला बेचने वाली युवती मोनालिसा भोसले और ‘आईआईटी बाबा’ के नाम से प्रसिद्ध अभय सिंह ने भी इस मेले में सुर्खियां बटोरी। महाकुंभ के आयोजन को लेकर प्रदेश सरकार शुरू से ही गंभीर रही और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 45 दिनों में 10 बार महाकुंभ नगर आकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके अलावा, उन्होंने लखनऊ और गोरखपुर में नियंत्रण कक्ष से मेले पर पैनी नजर रखी। मुख्यमंत्री महाकुंभ के औपचारिक समापन की घोषणा करने बृहस्पतिवार को यहां आने वाले हैं।

     आदरणीय प्रधानमंत्री जी, यह आपके यशस्वी मार्गदर्शन का ही सुफल है कि 'एकता, समता, समरसता का महायज्ञ' महाकुम्भ-2025, प्रयागराज भव्यता-दिव्यता के साथ सुरक्षा-स्वच्छता-सुव्यवस्था के नवीन मानक गढ़कर आज संपन्न हो गया है।

बता दें कि महाशिवरात्रि पर हुए शाही स्नान के बाद महाकुंभ के समापन की औपचारिक घोषणा हो गई है। हालांकि अभी मेला परिसर को पूरा खाली होने में एक सप्ताह से अधिक का समय लग सकता है। महाकुंभ के अंतिम स्नान पर लगभग डेढ़ करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई।

महाकुम्भ पर महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व के दौरान भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पूरे आयोजन को महासलामी दी है। बुधवार दोपहर वायुसेना के विमानों की तेज गर्जना सुन श्रद्धालुओं ने आसमान की ओर देख गर्व और उत्साह से तालियां बजानी शुरु कर दी। इस दौरान लोग जय श्री राम, हर हर गंगे, हर हर महादेव के साथ मोदी-योगी के भी जयकारे लगाने लगे। इसी के साथ वायुसेना के एयर शो के फोटो और वीडियो बनाकर श्रद्धालु सोशल मीडिया पर शेयर करने लगे। वायुसेना के एक अधिकारी के अनुसार महाकुम्भ में आए श्रद्धालुओं का अंतिम स्नान पर्व पर संगम क्षेत्र के ऊपर भव्य एयर शो से अभिवादन किया गया।

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