महिलाओं ने अपनी लेखनी से समाज को दिशा दी – मंत्री सुश्री भूरिया

भोपाल
लेखन समाज का दर्पण होता है। जब एक लेखिका अपनी रचनाओं के माध्यम से महिलाओं की स्थिति, उनके अधिकारों, उनके संघर्षों और उनके उत्थान की बात करती है, तो वह केवल अपनी ही कहानी नहीं बयां करती, बल्कि वह उन सभी महिलाओं की बात करती है जो मौन हैं, जो संघर्ष कर रही हैं और जो बदलाव की प्रतीक्षा कर रही हैं। यह बात महिला बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहीं। वे हिंदी भवन के सभागार में हिंदी लेखिका संघ मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित 30 वां वार्षिक कृति पुरस्कार एवं सम्मान समारोह 2024-25 में संबोधित कर रही थी।

सुश्री भूरिया ने कहा कि लेखन समाज के हर वर्ग को संदेश देता है। महिला लेखिकाओं का योगदान अमूल्य है और हम सभी को इसे पहचानने और प्रोत्साहित करने की जरूरत है।उन्होने कहा कि हिन्दी साहित्य का इतिहास समृद्ध और विविधताओं से भरा हुआ है, जिसमें नारी का योगदान एक अहम् और विशिष्ट स्थान रखता है। हमारे देश के साहित्य में अनेक महान लेखिकाओं का योगदान रहा है, जिन्होंने न केवल समाज में विद्यमान सामाजिक कुरीतियों और भेदभाव को उजागर किया, बल्कि उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से नारी के अधिकारों की लड़ाई भी लड़ी। यही कारण है कि हमें यह समझने की जरूरत है कि महिला लेखिकाओं ने केवल साहित्य में ही नहीं, बल्कि समाज में भी एक नई दिशा का संचार किया है।

मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि प्रारंभ में महिला लेखकों को पुरुष लेखकों के मुकाबले कम मान्यता मिलती थी। लेकिन समय के साथ हमारे समाज और साहित्य में बदलाव आया है। आज ऐसी अनेक महिला लेखिकाएं हैं, जिन्होंने अपने लेखन से साहित्यिक जगत को एक नया आयाम दिया है। महिला लेखिकाओं ने हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज की है। चाहे वह कहानी हो, कविता हो, उपन्यास हो या निबंध हो, हर रूप में उनकी आवाज़ सुनाई दी है।

महिला-बाल विकास मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि यह सम्मान समारोह नई लेखिकाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा। हमें यह समझने की जरूरत है कि साहित्य में नया दृष्टिकोण, नयी सोच और नवाचार की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। आज हम जिन लेखिकाओं को सम्मानित कर रहे हैं, उन्होंने न केवल साहित्य की दुनिया को समृद्ध किया है, बल्कि वे अपने लेखन के माध्यम से समाज के हर वर्ग, हर मुद्दे को जागरूकता और संवेदनशीलता से पेश कर रही हैं।उन्होंने कहा कि हिन्दी लेखिका संघ द्वारा आयोजित यह सम्मान समाराह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह महिला लेखन के प्रति हमारी न्यायसंगत समझ और समर्पण का प्रतीक है। हम सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाएं अपने लेखन के माध्यम से अपनी आवाज़ उठाएं और समाज में बदलाव लाने में सक्षम हों।

कार्यक्रम में हिंदी लेखिका संघ के प्रतिष्ठित सम्मान 2024-25, अमृत पर्व सम्मान वह वह हिंदी लेखिका संघ के कीर्ति पुरस्कार 2024-25 प्राप्त करने वाली लेखिकाओं को शॉल, श्रीफल, पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसी दौरान वरिष्ठ पत्रकार सम्मान एवं युवा पत्रकार सम्मान भी प्रदान किया गया।

हिंदी लेखिका संघ की स्थापना 1975 में हुई थी आज इसको 30 वर्ष हो गए हैं। यह संस्था लेखिकाओं की सृजनात्मक क्षमता को समाज में अभिव्यक्ति के अवसर प्रदान करती है। इस अवसर पर डॉ. रामदरश मिश्र और हरिशंकर परसाई की जन्मशती पर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित 'सर्जना' वार्षिक स्मारिका व सांझा कहानी संकलन "स्त्री मन की कहानियाँ " का लोकार्पण किया गया।

इस अवसर पर रविंद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं विश्व रंग के निदेशक श्री संतोष चौबे, रामायण शोध केंद्र भोपाल के निदेशक डॉ राजेश श्रीवास्तव, शिक्षाविद एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर आरती दुबे ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में साहित्य जगत से जुड़े श्री विकास दवे, श्री ओपी श्रीवास्तव व लेखिकाएं उपस्थित थी।

 

More From Author

लापता सभी चार श्रमिकों के शव रेस्क्यू टीम ने बरामद कर लिए, रेस्क्यू अभियान पूरा, आठ हुई मृतकों की संख्या

सोमवार, 03 मार्च 2025: बदल जाएगी इन राशियों की किस्मत, मिलेगी बड़ी सफलता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.