नारी सशक्तिकरण से ही राष्ट्र सशक्त होगा: मंत्री श्रीमती उइके

भोपाल
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कहा कि नारी सशक्तिकरण ही वास्तविक राष्ट्र सशक्तिकरण की आधारशिला है। जब महिलाएँ आत्मनिर्भर होंगी, तो समाज और देश की प्रगति स्वतः सुनिश्चित होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में महिलाओं, विशेष रूप से जनजातीय और अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं को प्रभावी कदम बताया।

मंत्री श्रीमती उइके ने कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल व्यक्तिगत विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज और राष्ट्र की उन्नति का मूल आधार भी है। महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने व्यापक नीतिगत पहल की हैं, जिनका सीधा लाभ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिलाओं को मिल रहा है। प्रधानमंत्री वन धन योजना जनजातीय महिलाओं को स्वरोजगार और लघु उद्यमों से जोड़ने का महत्वपूर्ण प्रयास है, जिससे वे अपने पारंपरिक ज्ञान और कौशल का उपयोग कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं। आदिवासी छात्रवृत्ति योजना और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय जनजातीय समाज की बेटियों को गुणवत्तापूर्ण और उच्च अध्ययन के अवसर प्रदान कर रहे हैं। स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए विशेष आर्थिक सहायता दी जा रही है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना गर्भवती और धात्री महिलाओं को आर्थिक संबल प्रदान कर स्वस्थ मातृत्व और पोषण को प्रोत्साहित कर रही है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के माध्यम से विशेष रूप से जनजातीय क्षेत्रों में बालिका शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है।

मंत्री श्रीमती उइके ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण को नीति-निर्माण की केंद्रीय धुरी बना रही है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना प्रदेश की 1.29 करोड़ महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करने की ऐतिहासिक पहल है। इस योजना के माध्यम से महिलाओं को प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता मिल रही है, जिससे वे परिवार के आर्थिक निर्णयों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं और आत्मनिर्भर बन रही हैं। मुख्यमंत्री आदिवासी महिला उद्यमिता योजना जनजातीय महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करने के लिये अनुदान और ऋण सहायता उपलब्ध करा रही है। हर घर नल जल योजना ग्रामीण और आदिवासी महिलाओं को पेयजल आपूर्ति की कठिनाइयों से राहत दे रही है, जिससे उनका श्रम और समय बच रहा है और वे शिक्षा, रोजगार और सामाजिक गतिविधियों में अधिक भागीदारी कर पा रही हैं। पेसा अधिनियम जनजातीय महिलाओं को ग्राम सभाओं में सशक्त भूमिका प्रदान करने के लिए प्रभावी कानून है, जिससे वे स्वतंत्र निर्णय ले रही हैं और समुदाय के विकास में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

मंत्री श्रीमती उइके ने कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल सरकारी योजनाओं से ही संभव नहीं है, बल्कि इसमें समाज की भागीदारी भी आवश्यक है। सरकार स्वरोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और वित्तीय सहायता के माध्यम से जनजातीय और अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं को सशक्त बना रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में महिला सशक्तिकरण को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे। जब हर नारी सशक्त होगी, तभी राष्ट्र सशक्त होगा और यही हमारा संकल्प है।

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