भैया जी जोशी ने कहा,’मुंबई में एक नहीं, कई भाषाएं हैं, हर हिस्से की अपनी अलग भाषा

 मुंबई

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता सुरेश भैयाजी जोशी के हालिया बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है. भैयाजी जोशी ने कहा कि "मुंबई की कोई एक भाषा नहीं है, इसलिए यहां आने के लिए मराठी सीखने की जरूरत नहीं है. यहां गुजराती से भी काम चल जाएगा." इस बयान पर शिवसेना (UBT) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

गुजराती को बताया घाटकोपर की भाषा

आरएसएस नेता के इस बयान का शिवसेना (UBT) नेता और विधायक आदित्य ठाकरे ने विरोध किया है. ठाकरे ने कहा,'मुंबई हो या महाराष्ट्र, हमारी जमीन की पहली भाषा मराठी है. तमिलनाडु या किसी दूसरे राज्य में तमिल की तरह मराठी भी हमारा गौरव है. भैयाजी जोशी ने गुजराती को घाटकोपर की भाषा बताया है. लेकिन यह अस्वीकार्य है. मराठी हमारी मुंबई की भाषा है.'

मुंबई को तोड़ने की कोशिश: आव्हाड

आरएसएस नेता के बयान पर एनसीपी विधायक जीतेंद्र आव्हाड की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा,'केम छो, केम छो' ऐसा लगता है कि अब मुंबई में सिर्फ यही सुनने को मिलेगा. भैयाजी जोशी भाषा के मुद्दे पर मुंबई को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.'

मराठी संस्कृति-पहचान का हिस्सा: फडणवीस

मराठी भाषा को लेकर छिड़ी बहस के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी इस मुद्दे पर बयान आ गया है. उन्होंने विधानसभा में कहा,'मुंबई, महाराष्ट्र और राज्य सरकार की भाषा मराठी है. यहां रहने वालों को इसे सीखना चाहिए. मराठी भाषा राज्य की संस्कृति और पहचान का हिस्सा है और इसे सीखना हर नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए.'

विधानसभा में भिड़े बीजेपी और शिवसेना

हालांकि, मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद सदन में शिवसेना (UBT) और बीजेपी के सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई. यह बहस इस कदर बढ़ गई कि कामकाज 5 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया.

भैयाजी जोशी का बयान

भैयाजी जोशी ने अपने बयान में कहा, "मुंबई में एक नहीं, कई भाषाएं बोली जाती हैं. मुंबई के हर हिस्से की अपनी अलग भाषा है. घाटकोपर इलाके में गुजराती भाषा प्रमुख रूप से बोली जाती है. इसलिए यदि कोई व्यक्ति मुंबई में रहना चाहता है या यहां आना चाहता है, तो उसे मराठी सीखने की अनिवार्यता नहीं है."

शिवसेना (UBT) का विरोध

शिवसेना (UBT) नेता और विधायक आदित्य ठाकरे ने इस बयान का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने कहा, "मुंबई हो या महाराष्ट्र, हमारी जमीन की पहली भाषा मराठी है. जिस तरह तमिलनाडु में तमिल को प्राथमिकता दी जाती है, वैसे ही महाराष्ट्र में मराठी हमारी पहचान और गौरव है. भैयाजी जोशी ने गुजराती को घाटकोपर की भाषा बताया है, लेकिन यह पूरी तरह अस्वीकार्य है. मुंबई की भाषा मराठी है."

NCP की प्रतिक्रिया

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने भी इस बयान की निंदा की है. पार्टी नेताओं ने कहा कि मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी है और मराठी यहां की मूल भाषा है. किसी भी भाषा को महत्व देना गलत नहीं है, लेकिन मराठी को दरकिनार करना मराठियों के स्वाभिमान के खिलाफ है.

मराठी अस्मिता का मुद्दा

महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता (पहचान) हमेशा से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है. शिवसेना और एनसीपी जैसे दलों ने हमेशा से मराठी भाषा और संस्कृति की रक्षा को अपने एजेंडे में रखा है. इस बयान के बाद राज्य में मराठी भाषा को लेकर नई बहस छिड़ गई है.

भैयाजी जोशी के बयान ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है और मराठी अस्मिता के मुद्दे को फिर से केंद्र में ला दिया है. शिवसेना और एनसीपी जैसे दल इसे मराठी संस्कृति पर हमला मान रहे हैं, जबकि आरएसएस नेता का कहना है कि मुंबई बहुभाषी शहर है और हर भाषा का सम्मान किया जाना चाहिए. यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद आगे क्या मोड़ लेता है.

More From Author

मार्क्वार्ट ने भारत में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया

भारत के 5 में से 2 बच्चों का बीएमआई दयनीय, स्पोर्ट्ज़ विलेज के 13वें वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण से हुआ खुलासा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.