पीएम आवास के लिए सर्वे हुआ प्रारंभ, मोबाइल से करें अप्लाई, 31 मार्च तक चलेगा सर्वे

दुमका
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण 2.0 (PM Awas Yojana) के लिए दुमका जिले में सर्वे प्रारंभ हो चुका है। आर्थिक तौर पर कमजोर तबके को पक्का मकान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रारंभ किए गए पीएम आवास योजना के तहत लाभुक को 1.20 लाख रुपये की लागत से पक्का मकान बनवाने की योजना है। पीएम आवास के नए सर्वे का इरादा 2024-25 से 2028-29 तक योजना के पात्र परिवारों को पक्के मकान मुहैया कराना है। झारखंड में 31 मार्च 2025 तक इस योजना के लिए नए लोग आवेदन कर सकते हैं। खास बात यह है कि पीएम आवास योजना के लिए अब लाभुक खुद भी मोबाइल एप से आवेदन कर सकते हैं। वैसे प्रशासनिक स्तर पर सर्वे करने की जिम्मेवारी ग्राम पंचायत के सचिव को दी गई है। इतना ही नहीं जिला व प्रखंड स्तर पर इसके सत्यापन के लिए कमेटियां भी गठित की गई है।

जिनके पास मकान नहीं है उन्हें मिलेगी प्राथमिकता
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वैसे लाभुकों को प्राथमिकता मिलेगी जिनके पास मकान नहीं है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के परिवार जिनके पास मकान नहीं है उन्हें भी पीएम आवास में वरीयता दी जाएगी। इसके अलावा मिडिल और लोअर-मिडिल श्रेणी के लाभुकों को भी इसका फायदा मिलेगा।

आवास प्लस ऐप से लाभुक कर सकते हैं खुद अप्लाई
सबसे अच्छी खबर यह है कि अब लोग पीएम आवास के लिए खुद भी अपने मोबाइल से अप्लाई कर सकते हैं। राष्ट्रीय सूचना केंद्र ने एक मोबाइल ऐप तैयार किया है जिसका नाम है आवास प्लस। चूंकि अगले पांच सालों तक पात्र परिवारों को इस योजना के तहत पक्के मकान दिए जाने की योजना है, इसलिए ऐप के जरिए भी अब लाभुक अपना आवेदन कर सकते हैं। सर्वे का काम 31 मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार से इस योजना के लिए 2024-25 से 2028-29 तक के लिए मंजूरी दे दी गई है।

ऐसे कर सकते हैं लाभुक खुद से अप्लाई
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए जरूरी शर्तों को पूरा करने वाले पात्र व्यक्ति खुद अपने मोबाइल से आवेदन कर सकते हैं।
लाभार्थी को अपने स्मार्टफोन में आवास प्लस-2024 सर्वे व आधार फेस आइडी एप डाउनलोड करके इंस्टाल करना होगा।
एक मोबाइल फोन से एक ही सर्वे किया जाए सकेगा। सर्वे के लिए लाभार्थी का आधार नंबर जरूरी है।

यह है पीएम आवास के लिए प्राथमिकताएं
पीएम आवास योजना में बेघर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के परिवारों को प्राथमिकता मिलेगी। यानी जिन लोगों के पास रहने के लिए अपना घर नहीं है उन्हें पक्के घर बनाकर दिए जाएंगे। इसके बाद अन्य लाभार्थियों को घर मिलेंगे।

यह है आवेदन के नियम
अगर किसी किसान की केसीसी लिमिट 50 हजार से ज्यादा है तो वह योजना के लाभ के लिए अपात्र की श्रेणी में आएंगे।
सर्वे में जिले के आवास विहीन और कच्चे घरों में रहने वाले पात्र परिवारों का नाम जोड़ा जाना है। इसके अलावा ऐसे लोग जिनके पास पक्के घर और -तीन पहिया या चार पहिया वाहन हैं, उन ग्रामीणों को इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।
मशीन वाले तीन पहिया और चार पहिया कृषि उपकरण रखने वालों को भी पीएम आवास योजना का फायदा नहीं मिल पाएगा।
जिन लोगों के पास ढाई एकड़ सिंचित भूमि हैं, उन्हें भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
ढाई एकड़ या इससे ज्यादा सिंचित भूमि और 11.5 एकड़ या इससे ज्यादा असिंचित भूमि वाले किसान इस योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे।
इसके अलावा परिवार के किसी भी सदस्य के सरकारी नौकरी में होने, गैर कृषि उद्यम वाले परिवार भी आवास योजना के लाभ से वंचित रहेंगे।
इनकम टैक्स व बिजनेस टैक्स देने वालों को भी इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।

 

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