बैतूल
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक बड़ा हादसा हुआ है। यहां वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की कोयला खदान में छत का हिस्सा ढहने से तीन कर्मचारियों की मौत हुई है। मौके पर पुलिस और रेस्क्यू टीमें पहुंच गई हैं। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है।
बताया जा रहा है कि कोयला खदान के एक फेज की स्लैब अचानक ढह गई। बैतूल के एसपी निश्चल झारिया के मुताबिक हादसे में शिफ्ट इंचार्ज गोविंद, ओवर मेन हरि चौहान और माइनिंग सरदार रामदेव पंडौले की जान गई है।
बैतूल के पाथाखेड़ा क्षेत्र में वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड की छतरपुर-1 खदान है। यहां गुरुवार दोपहर को खदान की 10 मीटर ऊंची छत गिर गई। खदान के कंट्यूनर माइनर सेक्शन में कोयला काटते वक्त यह हादसा हुआ।
चपेट में आने से तीन लोगों की जान चली गई। बचाव टीम ने घटनास्थल से तीनों कर्मचारियों के शवों को बाहर निकाला। जानकारी के मुताबिक हादसे के वक्त खदान के अंदर 25-26 लोग विभिन्न सेक्शनों में काम करने में जुटे थे।
कोयला काटते समय खदान की छत गिर छतरपुर वन खदान में कंट्यूनर माइनर मशीन चल रही थी। कोयला काटते समय अचानक खदान की छत गिर गई। बताया जा रहा है कि अधिकारी और वर्कर खदान में निरीक्षण के लिए उतरे थे। जिस सेक्शन में हादसा हुआ वह जॉय माइनिंग सर्विस का है। इसमें ऑस्ट्रेलियाई मशीन लगी है। कंपनी कोलकाता की है।
हादसे में इनकी हुई मौत
गोविंद कोसरिया (उम्र 37 वर्ष), पद- शिफ्ट इंचार्ज
रामप्रसाद चौहान (उम्र 46 वर्ष), पद- माइनिंग सरदार
रामदेव पंडोले (उम्र 49 वर्ष), पद- ओवरमैन
गोविंद कोसरिया छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के रोहंगी गांव के रहने वाले थे। दो साल पहले 23 मई 2023 को उनका तबदला छत्तीसगढ़ से एमपी के पाथाखेड़ा स्थित डब्ल्यूसीएल खदान में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर हुआ था। वे यहां छतरपुर वन कोयला खदान में तैनात थे। 9 गोविंद ने 2019 में कोयला कंपनी जॉइन की थी। यहां उनके परिवार में पत्नी प्रियंका है।
रामप्रसाद चौहान पाथाखेड़ा के हॉस्पिटल कॉलोनी में रहते थे। उन्होंने 13 दिसंबर 2004 में कोयला कंपनी जॉइन की थी। उनके परिवार में पत्नी उमा, 13 साल की बेटी पूर्वी और 10 साल का बेटा जितेंद्र है।
रामदेव पंडोले एसपीए के पद पर तैनात थे। रामदेव ने 29 जुलाई 1995 को कोयला कंपनी में नौकरी शुरू की थी। वे शोभापुर कॉलोनी में रहते थे। उनके परिवार में पत्नी सरिता और दो बेटे अंकुश (24) और पियूष (22) है।
कलेक्टर ने आर्थिक मदद देने के दिए निर्देश कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया भी घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर जरूरी निर्देश दिए। विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे भी मौके पर पहुंचे हैं।
कलेक्टर ने जीएम, डब्ल्यूसीएल को लाइफ कवर स्कीम से डेढ़ लाख की सहायता तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साथ ही एक्सग्रेसिया, ग्रेच्युटी , कंपनसेशन और पीएफ, लाइफ इनकेशमेंट की राशि भी जल्द देने के निर्देश दिए हैं।
बगैर सपोर्ट की छत के नीचे पहुंच गए भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि 2 फुट मोटा और ढाई मीटर लंबा रूफ गिरा था, जिसमें दबने से 3 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि टीम मशीन से कोयला खुदाई के बाद तुरंत मौके पर चली गई थी। ये लोग बगैर सपोर्ट की छत के नीचे पहुंच गए थे। जहां यह हादसा हुआ।
जांच के लिए नागपुर से आई टीम, कोल इंडिया की टीम भी आएगी इस मामले की जांच के लिए नागपुर से टीम पहुंच गई है। शु्क्रवार सुबह तक कोल इंडिया की जांच टीम भी यहां पहुंच जाएगी। सूत्रों के मुताबिक इस हादसे की जांच के लिए कोल इंडिया की एडी टीम यहां पहुंचेगी। यह टीम एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
बताया जा रहा है कि कोयला खदान हादसों में दो से ज्यादा मौतों को डिजास्टर एक्सीडेंट की श्रेणी में रखा जाता है। अगर इसे कोल इंडिया ने ज्यादा गंभीरता से लिया तो इसकी कोर्ट ऑफ इंक्वारी भी हो सकती है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के जज के नेतृत्व में जांच कमेटी घटना की जांच करती है। सेफ्टी मेंबर्स की अनुशंसा पर यह होता है। इसकी अपील हादसे के तीस दिन के भीतर की जा सकती है।
बैतूल की घटना पर श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने जताया दुख बैतूल की छतरपुर कोयला खदान की छत गिरने से 3 मजदूरों की मृत्यु का दुखद समाचार मिला है। हमारे प्रमुख सचिव ने कलेक्टर बैतूल और श्रम अधिकारी से बात की है। मृतक श्रमिकों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि और ईश्वर परिवारों को शक्ति दें।
मृतकों के परिजन को कलेक्टर बैतूल ने WCL को लाइफ कवर स्कीम से 1.5 लाख रुपए के साथ ही एक्सग्रेशिया, ग्रेच्युटी, पीएफ और क्षतिपूर्ति देने हेतु तत्काल निर्देश दिए गए हैं।