जयपुर
पशुपालन विभाग द्वारा राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को राज्य के गौ तथा भैंस वंशीय पशुओं के लिए एफएमडी टीकाकरण अभियान की शुरूआत की गई। यह सघन अभियान 18 मार्च से 17 मई तक चलेगा। शासन सचिव पशुपालन, डॉ. समित शर्मा ने राज्य में इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिलों के संयुक्त निदेशकों को माइक्रो लेवल पर टीकाकरण की विस्तृत योजना बनाकर इसकी क्रियान्विति करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए ब्लॉक लेवल पर भी नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। डॉ शर्मा ने जिला संयुक्त निदेशक और अधीनस्थ ब्लॉक नोडल अधिकारियों को दैनिक टीकाकरण कार्यक्रम बनाकर इसका विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया है जिससे अधिक से अधिक पशुपालक इस सघन अभियान से जुड़ सकें और ज्यादा ये ज्यादा संख्या में पशुओं का टीकाकरण हो सके।
डॉ. शर्मा ने निर्देश दिया कि प्रत्येक जिले में ब्लॉक और संस्थाओं को उनके कार्यक्षेत्र में पशुओं की संख्या के आधार पर वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इस कार्य में यथासंभव स्थानीय स्वैच्छिक संस्थाओं और प्रगतिशील पशुपालकों की भी मदद ली जा सकती है। उन्होंने जिलों में स्थित वन्य अभ्यारण्यों, संरक्षित वन क्षेत्रों की 5-10 किमी परिधि के गांवों में एफएमडी रोग रोग संभावित क्षेत्रों में वन विभाग के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर प्राथमिकता के आधार पर शत—प्रतिशत टीकाकरण किये जाने के निर्देश दिए।
अभियान के तहत पशुओं की टैगिंग, रजिस्ट्रेशन, गौ एवं भैंस वंशीय पशुओं में टीकाकरण तथा टीकाकरण का डेटा आदि का इंद्राज भारत पशुधन ऐप पर अनिवार्य रूप से किए जाने का निर्देश देते हुए उन्होंने बताया कि एफएमडी टीकाकरण के लिए पशुओं के ईयर टैग लगाया जाना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि पशुओं में हर्ड इम्यूनिटी के लिए आवश्यक है कि एक निश्चित सम्पूर्ण क्षेत्र में निश्चित अवधि में टीकाकरण का कार्य पूरा हो जाए। डॉ. शर्मा ने सभी जिलों के पशु चिकित्सा अधिकारियों से अपील की है कि इस टीकाकरण अभियान में पशुओं में शत प्रतिशत टीकाकरण का कार्य कर आवंटित लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करें ताकि राजस्थान को एफएमडी मुक्त राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ा जा सके।
इस विषय में विभाग के निदेशक डॉ. आनंद सेजरा ने बताया कि गाय और भैंस वंशीय पशुओं में खुरपका और मुंहपका रोगों से बचाव के लिए यह निःशुल्क टीकाकरण किया जाता है। दो महीने के इस अभियान में में दो करोड़ 32 लाख पशुओं को टीके लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि निराश्रित गौवंश का टीकाकरण ग्राम पंचायत के सहयोग से किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।