ग्वालियर
सूरज की बढ़ती तपन से लू – तापघात की संभावना बढ़ जाती है। अधिक तापमान में तेज हवायें गर्म लू में तब्दील हो जाती हैं। ऐसी स्थिति से बचाव के लिये राज्य आपदा प्रबंधन विभाग एवं चिकित्सकों द्वारा लोगों को लू व तापघात से बचाव के लिये सलाह दी गई है।
सभी लोग धूप मे बाहर जाते समय हमे सफेद या हल्के रंग के ढीले कपडों का प्रयोग करे एवं टोपी, रंगीन चश्मे व छतरी का उपयोग अवश्य करे तथा अत्यधिक पानी पीयें। गर्मी के दिनो में अपने घरों को ठण्डा रखे। दरवाजे एवं खिडकियॉ बंद रखे एवं रात में तापमान कम होने के समय खिडकियॉ एवं दरवाजे को खोले जा सकते है। गर्मी के दिनों में तापमान 35 डिग्री से अधिक होने पर अधिक मात्रा मे पेये पदार्थ पीयें। गर्मी के दिनो मे जहा तक संभव हो बाहर जाने से बचें। धूप मे खडे होकर व्यायाम मेहनत/अन्य कार्य न करें, बहुत अधिक भीड, गर्म घुटन भरे कमरों, रेल, बस आदि की यात्रा गर्मी के मौसम मे अत्यावश्यक होने पर ही करे। गर्मी के दिनों मे अपने शरीर को ठण्डा रखने हेतु ठण्डे पानी से स्नान करें या ठण्डे कपडे से शरीर को ढकें।
गर्मी के दिनो मे चक्कर, घबराहट, कमजोरी, अत्यधिक प्यास लगना एवं सिर मे दर्द, हाथ पैरो मे जकडन की शिकायत हो तो शीघ्र अतिशीघ्र ठण्डी जगह पर जाकर आराम करे एवं अपने शरीर का तापमान लेवें। अगर उपयुक्त उपचार से आराम न मिले तो तत्काल निकट के स्वास्थ्य केन्द्र मे जाये। अगर स्वास्थ्य केन्द्र मे रेफर करने मे विलम्ब हो रहा हो तो ऐसे मरीजों को सीधा लेटाकर पैरो की तरफ से ऊँचा करे एवं ठंडे पानी मे कपडा भिगोकर शरीर को ढंक देंवे। गर्मी के मौसम मे गर्दन के पीछे का भाग, कान व सिर को गमछे या तौलिये से ढंककर ही धूप में निकले। ओ.आर.एस, अन्य पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करे। दोपहर 12 से 3 बजे के समय बाहर निकलने से बचें एवं अधिक से अधिक पानी पीयें। हल्के, ढीले, हवादार एवं सूती कपडे पहनकर ही घर से बाहर निकले साथ ही गर्दन के पिछले भाग, कान व सिर को गमछे या तौलिये से ढंक कर ही धूप मे निकलें। यात्रा करने समय पानी अवश्य रखें एवं समय-समय पर पानी पीते रहे, चाय, कॉफी, एल्कोहल वाले पेय, कार्बोनेटेट पदार्थ का उपयोग न करे। गर्मी के दिनों मे बाहर का खाना एवं बासीं खाना, दूषित जल एवं सडे गले फलो का सेवन न करें।