जिला कलेक्टर होते हैं जिला स्तर पर गठित सार्वजनिक भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ के चेयरमैन : हाईकोर्ट

जबलपुर
 सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किये जाने के कारण राजमार्ग की चौड़ाई कम होने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की डबल बेंच ने बुरहानपुर कलेक्टर को याचिकाकर्ता के दावे की जांच कर चार सप्ताह में अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किए हैं.

बुरहानपुर निवासी समाजिक कार्यकर्ता हर्ष चौकसे ने दायर की है याचिका

बुरहानपुर निवासी समाजिक कार्यकर्ता हर्ष चौकसे की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि बुरहानपुर-अमरावती मार्ग पर डायफूडिया ग्राम की शासकीय भूमि पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है. जिसकी वजह से राजमार्ग की चौड़ाई काफी कम हो गई है और राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

याचिका में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायाल का स्पष्ट आदेश है कि अतिक्रमणकारियों को किसी प्रकार का बिजली कनेक्शन न दिया जाए. इसके बावजूद बिजली कंपनी ने अतिक्रमणकारियों को बिजली कनेक्शन दे दिए हैं. इस संबंध में जिला कलेक्टर व बिजली कंपनी के अधिकारियों से शिकायत की गई थी. शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण उक्त याचिका दायर की गई है.

जिला कलेक्टर होते हैं जिला स्तर पर गठित सार्वजनिक भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ के चेयरमैन

युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि अतिक्रमण संबंधी मामले के लिए जिला स्तर पर सार्वजनिक भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ (पीएलपीसी) का गठन किया गया है, जिसके चेयरमैन जिला कलेक्टर होते हैं. युगलपीठ ने कलेक्टर को निर्देश दिया है वह आवेदक के अभ्यावेदन पर जांच करें और यदि अतिक्रमण पाया जाता है तो उसे चार सप्ताह के भीतर हटाएं. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता धर्मेन्द्र सोनी ने पैरवी की.

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