सहारनपुर तीन बच्चों और पत्नी को गोली मरने के बाद थाने में खर्राटे मारकर सोया योगेश

सहारनपुर

सहारनपुर के सांगाठेड़ा गांव में एक तरफ तीन मासूम श्रद्धा, शिवांश और देवांश की चिता जल रही थी उसी समय उनके कातिल बाप योगेश को गंगोह थाना पुलिस अदालत लेकर पहुंची। गांव में अंतिम संस्कार हो रहा था तो वहीं कातिल बाप की अदालत में पेशी थी।

उस समय हर किसी की आंखें नम थीं, जब एक अर्थी पर श्रद्धा और दूसरी अर्थी पर दोनों भाई शिवांश और देवांश को अंतिम संस्कार के लिए लेकर जा रहे थे। दरअसल, रविवार दोपहर बाद 3:30 बजे पोस्टमार्टम के बाद तीनों के शव गांव में पहुंचे।

योगेश के चचेरे भाई अक्षय ने दी तीनों को मुखाग्नि
मासूमों के साथ बिताए गए पलों को याद कर परिजनों से लेकर आसपड़ोस में भी चीत्कार मच गया। हर कोई मासूमों को अंतिम बार देखना चाहता था। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल था तो वहीं पुरुषों की आंखें भी नम थीं। करीब 4:30 बजे तीनों की शव यात्रा को श्मशान घाट में ले जाया गया। वहां पर तीनों का अलग-अलग चिता में अंतिम संस्कार किया गया। योगेश के चचेरे भाई अक्षय ने तीनों को मुखाग्नि दी।
 
उधर, अब इसे अजीब इत्तेफाक ही कहा जाएगा कि जिस समय अंतिम संस्कार हो रहा था उसी समय पुलिस आरोपी योगेश को अदालत में लेकर पहुंची। एक तरफ बच्चों की चिता जल रही थी तो दूसरी तरफ अदालत में आरोपी बाप को लाया गया। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर हर कोई आरोपी को कोस रहा था कि आखिर इनका क्या कसूर था। इन्हें क्यों मौत के घाट उतारा गया। इन मासूमों ने तो अभी जी भरकर दुनिया देखी भी नहीं थी।

हत्याकांड के बाद पुलिस आरोपी को लेकर थाने पहुंची। वहां जाकर वह पुलिस के सामने एक ही राग अलापता रहा कि पत्नी के अनैतिक संबंध थे। इस वजह से हत्याकांड को अंजाम दिया गया। बच्चों को मारने पर पूछा तो बताया कि बच्चे मां को सपोर्ट करते थे और हमारे बाद बच्चों का क्या होता। इसलिए बच्चों को मारा।

हैरानी की बात यह थी कि इतने जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी ने थाने में कुछ घंटे तक ऐसा दर्शाया कि यह गलत हो गया, लेकिन रात होते ही वह हवालात में ऐसे खर्राटे मारकर सोया, जैसे कुछ हुआ ही नहीं। उसके इस रवैये से पुलिसकर्मी भी अचंभित थे। सुबह उठने के बाद नाश्ता भी बड़े आराम से खाया।

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गंगोह के सांगाठेड़ा गांव में दिल दहला देने वाली वारदात हुई। भाजपा नेता योगेश रोहिला ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों के सिर में लाइसेंसी पिस्टल सटाकर गोली मार दी। इसमें श्रद्धा (8), देवांश (7) और शिवांश (4) की मौत हो गई, जबकि पत्नी नेहा (32) मेडिकल कॉलेज में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। योगेश ने खुद फोन करके पुलिस को वारदात की सूचना दी। पुलिस ने घर पहुंच कर उसे गिरफ्तार कर लिया। अभी तक जांच में सामने आया है कि आरोपी को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था, जिसके चलते इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया।

कमरे से एक के बाद एक कई गोलियों की आवाज आई
योगेश रोहिला भाजपा में जिला कार्यसमिति का सदस्य है। दोपहर करीब डेढ़ बजे योगेश बाहर से आया और घर में जाकर कमरे का दरवाजा बंद कर लिया। करीब दो बजे कमरे से एक के बाद एक कई गोलियों की आवाज सुनाई दी। इस पर उसी मकान के दूसरे हिस्से में रहने वाली योगेश की चाची मीना व अन्य परिजनों ने दरवाजा खटखटाया।

'मैंने पत्नी और तीनों बच्चों को गोली मार दी'
योगेश ने दरवाजा खोला और तेज आवाज में कहा कि मैंने पत्नी और तीनों बच्चों को गोली मार दी। यह सुनते ही परिजन हैरान रह गए। उन्होंने अंदर जाकर देखा तो वहां चारों खून से लथपथ हालत में पड़े थे। श्रद्धा की मौत हो चुकी थी, जबकि पत्नी और अन्य दोनों बच्चे तड़प रहे थे। सभी के सिर में गोली मारी गई थी। इसी दौरान आरोपी ने एसएसपी, सीओ और कोतवाल को भी फोन कर कहा कि मैंने परिवार को मार दिया है।

'मैं खुद को भी गोली मार लूंगा, जल्दी आइए'
मैं खुद को भी गोली मार लूंगा, जल्दी आइए। पता चलते ही एसएसपी रोहित सिंह सजवाण और एसपी देहात सागर जैन समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया। लाइसेंसी पिस्टल को भी जब्त कर लिया गया है। घायलों को जिला अस्पताल में लाया गया, जहां शिवांश और देवांश की भी मौत हो गई। नेहा को मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।

मम्मी का साथ देते थे बच्चे…इसलिए मारा
आरोपी ने कहा कि तीनों बच्चे अपनी मम्मी की तरफदारी करते थे। जब भी झगड़ा होता था तब बच्चे कहते थे कि पापा आप गलत हो, मम्मी सही है। इसी वजह से उन्हें भी गोली मार दी। चेहरे पर शिकन तक नहीं पुलिस ने आरोपी को पकड़ा, उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। जांच में पता चला कि योगेश मानसिक तनाव से गुजर रहा था।

पुलिस के मुताबिक, योगेश ने पिस्टल का लाइसेंस 2013 में लिया था। वह दो माह से पत्नी को परेशान कर रहा था। गांव में योगेश ने बड़े नेताओं जैसा रौब गांठ रखा था। वह भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष रह चुका है। उसे कई बार पार्टी से निष्कासित भी किया गया।

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