ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण की नई इबारत लिख रहा मध्यप्रदेश

भोपाल
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि "महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना मानवता की प्रगति अधूरी है।” नारी सशक्तिकरण आर्थिक विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण आधार है। राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के विजन को मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मिशन बनाकर साकार कर रहे हैं। केन्द्र और राज्य सरकार का फोकस वित्तीय सहायता, कौशल और प्रशिक्षण के माध्यम से महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने पर रहा है। ग्रामीण महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक परिस्थितियों में बदलाव प्रमुख ध्येय है। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधीन संचालित एक महत्त्वाकांक्षी पहल है, जिसने विगत वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों विशेष रूप से महिलाओं के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन किया है। मिशन की बहुआयामी गतिविधियाँ आज ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुकी हैं। कृषि, महिला उद्यमिता, वित्तीय समावेशन, स्व-रोजगार, प्रशिक्षण और सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में यह मिशन न केवल मध्यप्रदेश बल्कि समूचे देश के लिए प्रेरणास्रोत बन चुका है।

नमो ड्रोन दीदी यानि तकनीक से जुड़ी महिलाएं
मिशन की अभिनव पहल 'नमो ड्रोन दीदी योजना' के तहत अब तक 89 महिलाओं को अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक से प्रशिक्षित कर उन्हें कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया गया है। ये 'ड्रोन दीदी' अब तक 17,393 एकड़ भूमि पर कीटनाशक छिड़काव का कार्य कर चुकी हैं, जिससे 47.94 लाख रुपये की आय अर्जित की गई है। यह पहल महिला सशक्तिकरण और स्मार्ट कृषि तकनीक के समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है।

उत्पादक कंपनियों से बढ़ा किसानों का मोल
प्रदेश में 135 उत्पादक कंपनियों का गठन कर समूह सदस्यों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने का सफल प्रयास किया गया है। इनमें 119 कृषि आधारित, 4 दुग्ध, 8 मुर्गीपालन, 2 लघुवनोपज और 2 बकरी पालन कंपनियाँ शामिल हैं। इनका कुल वार्षिक कारोबार वर्ष 2023-24 में 688 करोड़ रुपये को पार कर गया है।

महिला कृषि उद्यमियों की बढ़ती ताकत- 140 करोड़ से अधिक टर्न ओवर
प्रदेश की 1,576 महिला कृषि उद्यमी अब खाद, बीज, जैविक कीटनाशक एवं कृषि यंत्र जैसे क्षेत्रों में अपना व्यवसाय सफलता से चला रही हैं। वर्ष 2024-25 में इनका संयुक्त टर्नओवर 140.59 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है, जो महिला नेतृत्व वाली कृषि इकाइयों की सशक्त भूमिका को दर्शाता है।

"आजीविका फ्रेश" से जैविक खेती को मिला बाजार
जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए 2,107 "आजीविका फ्रेश" आउटलेट्स की स्थापना की गई है, जहाँ स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित रसायन-मुक्त सब्जियों की बिक्री हो रही है। इन आउटलेट्स से 55.2 करोड़ रुपये का व्यापार किया जा चुका है।

"लखपति दीदी": गरीबी से समृद्धि की ओर यात्रा
"लखपति दीदी इनिशिएटिव" के माध्यम से 8.87 लाख SHG परिवारों को दो या अधिक आजीविका गतिविधियों से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया गया है। यह योजना ग्रामीण महिलाओं को महज लाभार्थी नहीं, बल्कि निर्माता और नीति-निर्धारक बनने की प्रेरणा देती है।

मार्केटिंग और ब्रांडिंग को मजबूती: रूरल व स्टेट मार्ट
राज्य स्तरीय भोपाल हाट में स्थापित एक स्टेट मार्ट और जिलों में संचालित 43 रूरल मार्ट्स के माध्यम से SHG उत्पादों को व्यापक बाजार मिला है। स्टेट मार्ट से 24.54 लाख रुपये एवं रूरल मार्ट्स से 2.94 करोड़ रुपये के उत्पादों की बिक्री की गई है।

दीदी कैफे: स्वाद के साथ स्वावलंबन की मिसाल
प्रदेश भर में 169 दीदी कैफे महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। इनमें मुख्यमंत्री आवास स्थित दीदी कैफे का टर्नओवर सर्वाधिक 1.27 करोड़ रुपये रहा है। इसके अलावा भोपाल हाट परिसर में एक विशेष 'मिलेट कैफे' भी संचालित है।

"आजीविका एक्सप्रेस": परिवहन के साथ सेवाओं की डोर
219 आजीविका एक्सप्रेस वाहनों के माध्यम से ग्रामीणों की शिक्षा, स्वास्थ्य और बाजार तक पहुंच सुनिश्चित की गई है, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

वित्तीय समावेशन की नई ऊँचाइयाँ
प्रदेश के 3.96 लाख SHG को 598.54 करोड़ रुपये रिवाल्विंग फंड, 1.96 लाख SHG को 1,759.18 करोड़ रुपये सामुदायिक निवेश निधि और पिछले पांच वर्षों में 28 लाख SHG परिवारों को 11,765 करोड़ रुपये बैंक ऋण दिए गए हैं। यहाँ बैंक ऋण वितरण की वार्षिक प्रगति दर 130% रही, जो राष्ट्रीय औसत 26% से पाँच गुना अधिक है। NPA महज 1.28% है, जो उत्कृष्ट वित्तीय अनुशासन को दर्शाता है।

कौशल विकास और स्वरोजगार के अवसर
DDU-GKY के तहत 54,000 युवतियों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया गया है, जिनमें से 54% महिलाएं हैं। RSETI के तहत 2.82 लाख युवतियाँ स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित की गई हैं। ये युवतियाँ टेक्सटाइल, IT, बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में सफलता पूर्वक कार्यरत हैं।

लोक अधिकार केंद्र: न्याय की ओर बढ़ते कदम
313 विकासखंडों में स्थापित लोक अधिकार केंद्रों के माध्यम से महिलाओं की शासन तक पहुँच सुनिश्चित की गई है। ये केन्द्र स्थानीय प्रशासन और पंचायती राज संस्थाओं तक महिलाओं की पहुंच करने एवं उन्हें उनका हक दिलाने के लिये सशक्त मंच के रूप में काम कर रहे है। अब तक 61,674 मुद्दों में से 30,607 मामलों का सफल निराकरण किया जा चुका है।

राजनीतिक सशक्तिकरण और सेवा प्रदाय
17,000 से अधिक SHG सदस्य महिलाएं पंचायत प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित होकर स्थानीय शासन में अपनी भूमिका निभा रही हैं। वहीं SHG समूह 2,790 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 50.24 लाख टन अनाज का उपार्जन कर 80.38 करोड़ रुपये का कमीशन प्राप्त कर चुके हैं।

 

More From Author

कांग्रेस ने झीरम हमले की 12वीं बरसी पर मनाया शहादत दिवस

युवती से मुस्लिम युवक ने की दुष्कर्म की कोशिश, लोगों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, आरोपी को पुलिस को सौंप दिया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.