MP में 4 वेदर सिस्टम एक्टिव, दर्जनों शहरों में आज से तूफानी स्पीड में बारिश

भोपाल

मध्य प्रदेश में आंधी बारिश का दौर जारी है। प्रदेश के 5 जिलों में बुधवार को भारी बारिश का अलर्ट है। भारी बारिश के अलर्ट वाले जिलों में धार, झाबुआ, रतलाम, नीमच और मंदसौर शामिल हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि आज भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत पूरे प्रदेश में बारिश, तेज आंधी और गरज-चमक वाला मौसम रहेगा। अलग-अलग स्थानों पर बनी चार मौसम प्रणालियों के असर से मानसून के आगे बढ़ने का सिलसिला बना हुआ है।  अब तक प्रदेश के इंदौर समेत 19 जिलों में मानसून की एंट्री हो गई है। वहीं, अगले 24 घंटे के अंदर भोपाल, उज्जैन-जबलपुर में भी मानसून पहुंच सकता है। 

4 सिस्टम सक्रिय, तूफान और बारिश का कॉम्बो

भोपाल की वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक, '' वर्तमान में बारिश और आंधी के 4 सिस्टम सक्रिय हैं. पड़ोसी राज्य गुजरात में निम्न दबाव का क्षेत्र और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है. इसके साथ ही पश्चिमी विक्षोभ और ट्रफ लाइन की एक्टिविटी भी देखने को मिल रही है. यही वजह है कि अगले 24 घंटे से पूरे प्रदेश में मौसम बदल जाएगा. इस दौरान मध्य प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है.''

आज इन जिलों में बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग के मुताबिक आज बुधवार को इंदौर उज्जैन संभाग, खासतौर पर रतलाम, नीमच, धार, झाबुआ और मंदसौर में भारी बारिश हो सकती है. इसके साथ ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के साथ-साथ जबलपुर, ग्वालियर समेत कई जिलों में तेज आंधी और गरज-चमक का अलर्ट है. वहीं नरसिंहपुर, जबलपुर और कटनी में तूफानी हवाओं के साथ बारिश हो सकती है. प्रदेश के ज्यादातर जिलों में 40 से 60 किमी/घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, इसे लेकर मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. बता दें कि मध्यप्रदेश के इंदौर समेत 20 जिलों में मॉनसून ने दस्तक दे दी है.

प्रदेश के 19 जिलों में पहुंचा मानसून 
इंदौर समेत प्रदेश के 19 जिलों में मंगलवार तक मानसून पहुंच गया। इस दौरान प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर भी जारी रहा। मंगलवार को सिंगरौली में आकाशीय बिजली गिरने से दो बच्चियों की मौत हो गई। वहीं, भोपाल, राजगढ़, धार, रतलाम, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, सतना, टीकमगढ़ समेत कई जिलों में बारिश दर्ज की गई। बारिश की वजह से दिन के तापमान में भी गिरावट हुई है। शिवपुरी में ही पारा सबसे ज्यादा 40 डिग्री रहा। वहीं, सबसे कम तापमान इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में 28.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 5 बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 34.4 डिग्री, इंदौर में 32.2 डिग्री, ग्वालियर में 38.5 डिग्री, उज्जैन में 33 डिग्री और जबलपुर में पारा 34.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

प्रदेश में आंधी-बारिश के 4 सिस्टम एक्टिव
मौसम विभाग की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि वर्तमान में आंधी और बारिश के 4 सिस्टम एक्टिव है। गुजरात क्षेत्र और पड़ोसी हिस्से में लो प्रेशर एरिया (कम दवाब क्षेत्र) और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय है। वहीं, वेस्टर्न डिस्टरबेंस और टर्फ की एक्टिविटी भी देखने को मिल रही है। इस वजह से अगले चार दिन तक पूरे प्रदेश में मौसम बदला रहेगा। कुछ जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। यानी, 24 घंटे में सवा 4 इंच पानी गिर सकता है।

एमपी में एक दिन लेट पहुंचा मानसून
इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। वहीं, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में यह तय समय से पहले पहुंच गया। ऐसे में अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा। बावजूद यह प्रदेश में 1 दिन लेट हो गया। बता दें कि एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था।इस बार एक दिन लेट पहुंचा मानसून इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में यह तय समय से पहले पहुंच गया था। ऐसे में अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा। यह प्रदेश में 1 दिन लेट हो गया। बता दें कि एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था।

सिंगरौली में बिजली गिरने से 2 बच्चियों की मौत इससे पहले मंगलवार को प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर जारी रहा। सिंगरौली में आकाशीय बिजली गिरने से दो बच्चियों की मौत हो गई। वहीं, भोपाल, राजगढ़, धार, रतलाम, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, सतना, टीकमगढ़ समेत कई जिलों में बारिश दर्ज की गई।

बारिश की वजह से दिन के तापमान में भी गिरावट हुई है। शिवपुरी में पारा सबसे ज्यादा 40 डिग्री रहा। वहीं, सबसे कम तापमान इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में 28.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 5 बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 34.4 डिग्री, इंदौर में 32.2 डिग्री, ग्वालियर में 38.5 डिग्री, उज्जैन में 33 डिग्री और जबलपुर में पारा 34.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

अभी आंधी-बारिश के 4 सिस्टम एक्टिव सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि फिलहाल आंधी और बारिश के 4 सिस्टम एक्टिव हैं। गुजरात क्षेत्र और पड़ोसी हिस्से में लो प्रेशर एरिया (कम दवाब क्षेत्र) और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय है।

वेस्टर्न डिस्टरबेंस और टर्फ की एक्टिविटी भी देखने को मिल रही है। इस वजह से अगले चार दिन तक पूरे मध्यप्रदेश में मौसम बदला रहेगा। कुछ जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। 24 घंटे में सवा 4 इंच पानी गिर सकता है।

भीषण गर्मी से मिलने लगी राहत

प्रदेश के कई जिलों में हल्की बारिश व तेज हवाओं से दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. इससे भीषण गर्मी से राहत जरूर मिली है लेकिन जब तक तेज बारिश नहीं होती, उमस बेचैन कर सकती है. मौसम विभाग ने 21 जून तक पूरे प्रदेश में मल्टी हजार्ड वॉर्निंग जारी की है. इससे तापमान में खासी गिरावट देखने मिल सकती है. पिछले 24 घंटे में भोपाल में अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री, जबलपुर में 34.5, इंदौर में 32.2 डिग्री, ग्वालियर में 38.5 डिग्री और उज्जैन में 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी.

पिछले साल के मुकाबले 7 दिन पहले आया मॉनसून

मध्य प्रदेश में इस साल मॉनसून भले ही एक दिन लेट हो गया हो पर पिछले साल के मुकाबले ये 7 दिन पहले आया है. दरअसल, 2024 में मॉनसून ने मध्य प्रदेश में 23 जून को दस्तक दी थी. हालांकि, देरी के बावजूद पिछले साल मॉनसून ने कई रिकॉर्ड तोड़े. भोपाल में पिछले 40 सालों में चौथी सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई. इस दौरान कुल 64.35 इंच बारिश हुई थी. वहीं पूरे प्रदेश में औसत से ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी.

जून के पहले हफ्ते में आने वाला था मॉनसून

इस बार मॉनसून केरल में समय से एक हफ्ते पहले आ गया था. दक्षिण पश्चिम मॉनसून की रफ्तार देखते हुए कयास लगाए जा रहे थे कि यह जून के पहले ही हफ्ते में मध्य प्रदेश पहुंच जाएगा पर ऐसा नहीं हुआ. दरअसल, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में समय से पहले पहुंचने के बाद मॉनसून ठहर गया था. इस वजह से इसे मध्य प्रदेश पहुंचने में देरी हो गई. 

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