1 जनवरी से लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग, जानिए कितना बढ़ेगा वेतन

नई दिल्ली 
केंद्र सरकार ने एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन और अन्य लाभों को संशोधित करने के लिए प्रमुख सदस्यों की नियुक्ति और संदर्भ की शर्तों (टीओआर) को अंतिम रूप देने के बारे में अभी तक कोई बड़ी घोषणा नहीं की है। अब सबकी निगाहें 8वें वेतन आयोग के सदस्यों की आधिकारिक घोषणा और उसके ToR पर टिकी हैं।

बता दें कि जब से केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की है, तब से संभावित फिटमेंट फैक्टर के बारे में बहुत सारी अटकलें लगाई जा रही हैं, जो अंततः कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की मात्रा तय करेगा। चूंकि, कर्मचारियों के संभावित वेतन और पेंशन के बारे में बहुत कुछ कहा जा चुका है, इसलिए आज हम आपको 8वें वेतन आयोग के तहत भत्तों में संभावित बदलावों के बारे में बता रहे हैं। आइए जानते हैं विस्तार से…

प्रमुख भत्तों के पुनर्गठन का प्रस्ताव
34वें SCOVA (स्वैच्छिक एजेंसियों की स्थायी समिति) ने संकेत दिया कि पिछले आयोगों की तरह 8वां वेतन आयोग न केवल वेतन बल्कि प्रमुख भत्तों के पुनर्गठन का प्रस्ताव करेगा। यह बैठक इस साल मार्च में हुई थी। मुख्य भत्तों में बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है। इन भत्तों में HRA (हाउस रेंट अलाउंस), ट्रैवल अलाउंस, महंगाई भत्ता (DA) और मेडिकल अलाउंस जैसे प्रमुख भत्ते शामिल हैं।
फिक्स मेडिकल अलाउंस बढ़कर 3,000 रुपये हो सकता है

11 मार्च 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित SCOVA की 34वीं बैठक में पेंशनभोगियों के लिए फिक्स मेडिकल अलाउंस (FMA) को मौजूदा 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

बढ़ोतरी क्यों है जरूरी
वर्तमान में मिल रही 1,000 रुपये की राशि आज की महंगाई और इलाज के बढ़ते खर्च के मुकाबले काफी अपर्याप्त मानी जा रही है। कई पेंशनभोगियों ने सरकार से इसे बढ़ाने की अपील की थी।

कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग
यह बढ़ोतरी 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है, क्योंकि इसे 8वें वेतन आयोग की टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) में शामिल करने की सिफारिश की गई है। इसका मतलब है कि अब यह सिर्फ सुझाव नहीं रहेगा, बल्कि आधिकारिक समीक्षा का हिस्सा बन जाएगा।

फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी
पिछले आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना था, जिससे न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये तय हुआ था। अब खबरें हैं कि सरकार इसे 2.8 से बढ़ाकर 3.0 गुना करने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो न्यूनतम वेतन 26,000 से 27,000 रुपये तक पहुंच सकता है और पेंशन भी मौजूदा 9,000 रुपये से बढ़कर करीब 25,000 रुपये हो सकती है। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

एचआरए, यात्रा भत्ता और अन्य भत्तों में संभावित बदलाव
रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस), परिवहन भत्ता और अन्य भत्तों की नई दरों और संरचना पर काम कर रही है।

मेट्रो शहरों में HRA की दरें अधिक रखी जा सकती हैं
ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों के लिए TA (यात्रा भत्ता) की गणना अलग हो सकती है।

कुछ अप्रचलित भत्ते समाप्त किए जा सकते हैं
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार पहले से ही सिस्टम को अधिक पारदर्शी और व्यावहारिक बनाने के लिए कई पुराने और अप्रासंगिक भत्तों को हटाने पर विचार कर रही है।

डीए को मूल वेतन में विलय करने की योजना
एक और बड़ा बदलाव जो चर्चा में है, वह है महंगाई भत्ते (डीए) को मूल वेतन में विलय करना। हालांकि इससे कर्मचारियों के कुल वेतन पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन भविष्य में डीए दरों में बढ़ोतरी सीमित हो सकती है।

एग्जिक्यूशन में देरी संभव
हालांकि, 8वें वेतन आयोग की आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं की गई है और संदर्भ की शर्तें (टीओआर) भी अधिसूचित नहीं की गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, आयोग के गठन से लेकर सिफारिशों के कार्यान्वयन तक आमतौर पर 18-24 महीने लगते हैं। ऐसी स्थिति में, संभावना है कि ये सिफारिशें 1 जनवरी, 2026 से लागू न हों, बल्कि थोड़ा और विलंबित हो जाएं।

 

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