जयपुर
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मुंबई शाखा ने एक बड़े साइबर फ्रॉड रैकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए अहमदाबाद, जयपुर, जबलपुर और पुणे स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी एक जाली लोन स्कीम से जुड़े चल रहे मामले की जांच के सिलसिले में की गई है, जिसके जरिए अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा था। ईडी ने इस कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में नकदी और बहुमूल्य धातुएं जब्त की हैं। ईडी के अधिकारियों ने इस अभियान के दौरान 7 किलोग्राम सोना, 62 किलोग्राम चांदी, 1.18 करोड़ रुपए नकद और 9.2 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज बरामद किए। इसके साथ ही, फर्जी कॉल सेंटर के संचालन से जुड़े कई अहम डिजिटल सबूत भी जब्त किए गए हैं, जिनसे इस पूरे रैकेट की कार्यप्रणाली का पता चलेगा।
जांच एजेंसी ने इस मामले में मुख्य आरोपी फर्म 'मैग्नाटेल बीपीएस कंसल्टेंट्स एंड एलएलपी' के दो पार्टनर्स संजय मोरे और अजीत सोनी को जयपुर से गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर भारत से संचालित होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी गिरोह को चलाने का आरोप है। माना जा रहा है कि यह गिरोह अमेरिकी नागरिकों को कम ब्याज पर फर्जी लोन देने का झांसा देकर उनसे प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्कों के नाम पर पैसे ऐंठता था।
ईडी की यह कार्रवाई भारत में स्थित कॉल सेंटरों के जरिए होने वाले अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ के बाद इस रैकेट से जुड़े और भी लोगों के नाम सामने आने की उम्मीद है। ईडी के सूत्रों ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच अभी जारी है और बरामद की गई संपत्तियों की कीमत अभी बढ़ सकती है।
