हाई प्रोटीन डाइट बना रही है युवाओं को बीमार? जानें डॉक्टरों की राय

आजकल फिट रहने का जुनून हर किसी पर हावी है। जिम जाना, प्रोटीन सप्लीमेंट्स लेना और हाई प्रोटीन डाइट फॉलो करना यंगस्टर्स में एक आम ट्रेंड बन गया है। मसल्स बनाने और वजन कम करने के लिए प्रोटीन को 'सुपरफूड' माना जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस प्रोटीन को आप अपनी सेहत का दोस्त समझ रहे हैं, वो कम उम्र में ही आपके दिल का दुश्मन बन सकता है? जी हां, डॉक्टर्स अब इस बात को लेकर चेतावनी दे रहे हैं।

युवाओं में क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले?
पहले हार्ट अटैक को बढ़ती उम्र की बीमारी माना जाता था, लेकिन आजकल 20, 30 और 40 की उम्र के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसके कई कारण हैं, जिनमें तनाव, खराब लाइफस्टाइल, धूम्रपान, शराब, मोटापा और अनहेल्दी खान-पान शामिल हैं, लेकिन अब एक नया और चौंकाने वाला कारण सामने आ रहा है- जरूरत से ज्यादा प्रोटीन का सेवन, खासकर सप्लीमेंट्स के रूप में।

हाई प्रोटीन डाइट और दिल का कनेक्शन
डॉक्टर्स और शोधकर्ताओं का मानना है कि हाई प्रोटीन, खासकर एनिमल प्रोटीन और कुछ प्रोटीन सप्लीमेंट्स का ज्यादा सेवन, दिल की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।

    कोलेस्ट्रॉल में बढ़ोतरी: कुछ एनिमल प्रोटीन स्रोतों में सैचुरेटेड फैट ज्यादा होता है, जिससे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ सकता है। यह कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमा होकर उन्हें संकरा कर देता है, जिससे खून का बहाव रुकता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
    किडनी पर दबाव: प्रोटीन को पचाने के लिए किडनी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। अगर आप लंबे समय तक अत्यधिक प्रोटीन का सेवन करते हैं, तो आपकी किडनी पर एक्स्ट्रा दबाव पड़ सकता है, जिससे किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं जो अप्रत्यक्ष रूप से दिल पर भी असर डाल सकती हैं।
एसिडोसिस का खतरा: बहुत अधिक प्रोटीन डाइट शरीर में एसिड का स्तर बढ़ा सकती है। यह शरीर के pH संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें दिल की समस्याएं भी शामिल हैं।
    प्रोटीन सप्लीमेंट्स का काला सच: जिम जाने वाले कई युवा बिना डॉक्टर या डायटीशियन की सलाह के प्रोटीन पाउडर का अत्यधिक सेवन करते हैं। कुछ रिसर्च बताती हैं कि बाजार में मिलने वाले कुछ प्रोटीन पाउडर और स्टेरॉयड दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं। एक मामले में तो प्रोटीन सप्लीमेंट्स के ओवरडोज के कारण एक युवक का हार्ट फेल होने की नौबत आ गई थी।

अचानक होने वाले हार्ट अटैक
डॉक्टर के मुताबिक उन्होंने ऐसे कई 35 साल के 'फिट' लोगों का इलाज किया है जिन्हें हार्ट अटैक आया। उन्हें कोई लक्षण नहीं थे, कोई चेतावनी नहीं थी- बस एक टिक-टिक करता टाइम बम था जो कभी भी फट सकता था। यह हमें सिखाता है कि एथलेटिक होना हमेशा हेल्दी होने का सबूत नहीं है। कम बॉडी फैट का मतलब कम जोखिम नहीं है और एक सिक्स-पैक आपको प्लाक रप्चर (धमनी में जमा प्लाक का फटना) से नहीं बचा सकता है।

अगर आपकी डाइट आपकी ब्लड वेसल्स की अंदरूनी परत (एंडोथेलियम) को नुकसान पहुंचा रही है, तो आपके बाइसेप्स कितने भी मजबूत क्यों न हों, इसका कोई फायदा नहीं।

क्या है सेहत का असली मंत्र?
असली सेहत चरम पर जाने में नहीं है, बल्कि यह संतुलन में है। अपनी डाइट में प्लांट-बेस्ड डाइट को शामिल करना और नियमित रूप से ब्लड टे्स्ट कराना बहुत जरूरी है। आपके टेस्ट के रिजल्ट्स ही बताएंगे कि आपका शरीर अंदर से कितना हेल्दी है। इसलिए, सिर्फ बाहर से फिट दिखने के बजाय, अपनी हार्ट हेल्थ पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है। एक बैलेंस डाइट ही आपको लंबी और हेल्दी जिंदगी दे सकती है।

 

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