EOW की ताबड़तोड़ छापेमारी, शराब घोटाले के तीन आरोपी दबोचे गए

रायपुर

शराब घोटाला मामले में EOW ने बड़ी कार्रवाई की है. EOW ने मनीष मिश्रा, संजय कुमार मिश्रा और अभिषेक सिंह को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा कि संजय और मनीष नेक्सजेन पॉवर कंपनी बनाकर FL 10 लाइसेंस लेकर प्रदेश में महंगी ब्रांडेड अंग्रेजी शराब की सप्लाई करते थे.

बता दें कि मनीष और संजय कुमार आपस में सगे भाई हैं. संजय कुमार पेशे से चार्टड अकाउंटेंट हैं. अभिषेक सिंह पूर्व में आबकारी घोटाले के आरोपी अरविंद सिंह का भतीजा है. तीनों आरोपियों को EOW की विशेष कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से तीनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा सकती है. बता दें कि हाल ही में ईडी ने शराब घोटाला मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था. उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है.

क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला
वर्ष 2019 से 2023 के बीच, राज्य के 15 बड़े जिलों में पदस्थ आबकारी अधिकारी और अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा बिना ड्यूटी चुकाई गई देसी शराब (B-Part शराब) की शासकीय दुकानों में समानांतर अवैध बिक्री की गई. बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर चयनित जिलों में अधिक खपत वाली देसी शराब दुकानों को डिस्टलरी से सीधे अतिरिक्त अवैध शराब भेजी जाती थी, जिसे वैध शराब के साथ समानांतर बेचा जाता था.

इस पूरे नेटवर्क में डिस्टलरी, ट्रांसपोर्टर, सेल्समैन, सुपरवाइजर, आबकारी विभाग के जिला प्रभारी अधिकारी, मंडल व वृत्त प्रभारी, और मैन पावर एजेंसी के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे. अवैध शराब को “बी-पार्ट शराब” कहा जाता था, और इससे अर्जित रकम सीधे सिंडीकेट के पास पहुंचाई जाती थी.

2174 से बढ़कर 3200 करोड़ का हुआ घोटाला
EOW/ACB द्वारा अब तक की गई जांच और 200 से अधिक व्यक्तियों के बयान एवं डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर अनुमान है कि लगभग 60,50,950 पेटी बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री हुई है, जिसकी अनुमानित कीमत 2174 करोड़ रुपये से अधिक है. पहले इस घोटाले का अनुमान 2174 करोड़ रुपये था, लेकिन नवीनतम आंकड़ों के अनुसार घोटाले की कुल राशि 3200 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है.

अब तक हुई प्रमुख गिरफ्तारियां
इस प्रकरण में अब तक अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, कवासी लखमा, विजय भाटिया सहित कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. FIR के अनुसार 70 आरोपी नामजद हैं. चतुर्थ पूरक चालान की प्रस्तुति हेतु न्यायालय ने आरोपियों को नोटिस जारी किए थे, लेकिन वे न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए.

EOW/ACB की जांच जारी
EOW/ACB द्वारा अब भी इस मामले की गहन जांच जारी है, जिसमें विदेशी शराब में लिये गये सिंडीकेट कमीशन, धन शोधन के नेटवर्क और राज्य स्तरीय समन्वय तंत्र की परतें खोली जा रही हैं.

पूर्व मंत्री को घोटाले में मिले 64 करोड़ रुपये
शराब घोटाला मामले की जांच में अब तक यह सामने आया है कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा के संरक्षण में विभागीय अधिकारियों, सहयोगियों और ठेकेदारों के माध्यम से यह सुनियोजित घोटाला किया गया. इस घोटाले से प्राप्त रकम को व्यक्तिगत और पारिवारिक हितों में खर्च किया गया, जिससे उन्हें अनुचित आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ. अब तक तीन पूरक अभियोग पत्रों सहित कुल चार अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए जा चुके हैं. इस मामले में अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जांच जारी है.

 शराब घोटाला मामले में 22 अफसर निलंबित
बीती 11 जुलाई को छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब घोटाला मामले में कुल 22 अधिकारियों को निलंबित किया था. यह कार्रवाई पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के दौरान हुए 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच के आधार पर की गई है. वर्ष 2019 से 2023 के बीच हुए इस घोटाले में आबकारी विभाग के इन अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई थी, जिन्होंने अवैध रूप से अर्जित धन से संपत्तियां बनाई थी.

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