सही खानपान और नियमित जीवनशैली अपनाकर दिखें हमेशा जवां-जवां

खूबसूरत, खिली-खिली और जवां त्वचा का राज है-सही खानपान और नियमित जीवनशैली। अगर आपने इन पर संतुलन बनाना सीख लिया, तो उम्र की लहर आपको छू भी नहीं सकती। तेज जीवनशैली, बढ़ता प्रदूषण, जीवनशैली पर भौतिकता का प्रभाव और कार्य का स्वरूप और तनाव जैसी वजहों से छोटी उम्र में ही बढ़ती उम्र के निशान नजर आने लगते हैं। ऐसे में सिर्फ कॉस्मेटिक्स से त्वचा की देखभाल नहीं की जा सकती है। शोध से यह साबित हो चुका है कि फल-सब्जियों के अलावा ऐसे बहुत सारे फूड्स हैं, जिनमें एंटी-एजिंग तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं।

खान-पान का हमारे यहां पहले से ही बड़ा महत्व है। पौष्टिक और संतुलत भोजन हमारे पारंपरिक जीवन का अभिन्ना अंग है। इसकी जरूरत न सिर्फ स्वस्थ शरीर के लिए है, बल्कि खूबसूरत त्वचा के लिए भी है। अपनी त्वचा को युवा, लचीली और ग्लोइंग कैसे बनाएं इसके लिए त्वचा की ऊपरी देखभाल के साथ-साथ अपने खान-पान पर भी ध्यान देने की जरूरत है। यहां डर्मेटोलॉजिस्ट, डाइटीशियन एवं न्यूट्रिशनिस्टब बता रहे हैं खास एंटी एजिंग फूड आइटम्स के बारे में, जिन्हें आप अपने रोजमर्रा के भोजन में शामिल करके लंबे समय तक जवां रह सकती हैं।

पालक: हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक व वॉटरक्रेस (जलकुंभी) में ल्यूटिन पर्याप्त मात्रा में होता है, जो उम्र के साथ होने वाली आंखों की बीमारियों और झुर्रियों को दूर करने में सहायक होता है। इससे न सिर्फ त्वचा बल्कि आंखों और बालों को भी पोषण मिलता है।

ब्ल्यूबेरी: इसमें ओरैक प्रचुर मात्रा में होता है, जो त्वचा को ढीली पड़ने से बचाने में मदद करता है। स्ट्रॉबेरी, रॉस्पबेरी, प्लम और ब्लैकबेरी में भी एंथोसियानिंस होता है, जो हृदय रोग और कैंसर के खतरों से बचाव करता है।

संतरा: कीवी फ्रूट, शिमला मिर्च, ब्रॉक्ली की तरह संतरा भी विटमिन सी युक्त होता है, जो क्षतिग्रस्त हुए फ्री रेडिकल्स की मरम्मत कर एजिंग से बचाव करने में सहायक होता है। ब्रिटेन में 40-74 साल की उम्र की 4, 025 स्त्रियों पर हुए एक शोध में पाया गया कि विटामिन सी झुर्रियों से छुटकारा दिलाने में 36 फीसद सहायक होता है।

मेवे (नट्स): आमतौर पर सभी सूखे मेवे सेलेनियम के अच्छे स्रोत होते हैं। सेलेनियम एक ऐसा एंटीऑक्सीडेंट है, जो एजिंग के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

काबुली चने: बींस और दालों में ऑरैक स्केल बहुत उच्च होता है। ज्यादातर दालों (विशेषकर चना दाल, मूंग दाल, राजमा और मसूर की दाल) और बींस में फाइटेट्स और फाइटोएस्ट्रोजेन नामक तत्व होता है, जो कुछ खास तरह के कैंसर से बचाव करने में सहायक होता है। बींस में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा होती है, इसी वजह से हमारी पारंपरिक थाली में बींस का खास स्थान है।

दही: 150 ग्राम दही कैल्शियम की दैनिक जरूरत का 1/3 हिस्सा पूरा करता है। नियमित व्यायाम के साथ-साथ विटमिन डी और कैल्शियम युक्त दही का सेवन करते रहने से हड्डियां मजबूत बनती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी नहीं रहता।

टमाटर: टमाटर में लाइकोपीन पर्याप्त मात्रा में होता है जो त्वचा में कसाव लाकर लकीरों से छुटकारा दिलाने में सहायक होता है। एक शोध के मुताबिक अपने दैनिक आहार में 5 टेबल स्पून टमाटर का पेस्ट शामिल करने से त्वचा कांतिमय हो जाती है। उसमें कसाव आ जाता है। साथ ही यह त्वचा को हानिकारक यूवी किरणों से 33 प्रतिशत बचाता है। टमाटर को खाने के साथ-ही साथ त्वचा में कसाव के लिए लगाया भी जा सकता है।

ऑयली फिश: मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है विशेषकर सालमन, टूना, सोल और बास मछली में। यह ब्लड कोलेस्ट्रॉल को निम्न रखने और हार्ट अटैक या स्ट्रोक के खतरों को कम करता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड याददाश्त कमजोर होने से बचाता है। साथ ही त्वचा पर नजर आने वाली लकीरों को कम करने में मदद करता है। शाकाहारियों के फ्लेकसीड्स और वॉलनट ओमेगा 3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत माना जाता है।

ओट्स: इसमें बीटाग्लूकैन नामक सॉल्युबल फाइबर होता है जो कोलेस्ट्रॉल को बॉडी से बाहर निकालने में मदद करता है। ओट्स सेलिसिक का एक अच्छा स्रोत है। ये ऐसे सेल्स का निर्माण करता है जो त्वचा के कोलेजेन और लचीलेपन को बढ़ाने में मदद करते हैं। ओट्स और दूध से बेहतर ब्रेकफॉस्ट कोई अन्य नहीं है। यह वजन कंट्रोल करने और घटाने में भी मदद करेगा।

ऑलिव्स: एक शोध के मुताबिक जो लोग प्रतिदिन ऑलिव ऑयल (जैतून का तेल) का सेवन करते हैं उनमें 41 फीसद स्ट्रोक्स का खतरा कम होता है। ऑलिव ऑयल के अलावा कैनोला ऑयल भी काफी उपयोगी होता है। इसमें ऑलिव ऑयल की तुलना में कम सैचुरेटेड फैट होता है और यह ओमेगा 3 का एक बेहतरीन स्रोत है।

इनसे बचें…

न कहें सैचुरेटेड फैट को: एक डाइटरी स्टडी के मुताबिक असमय झुर्रियों का सबसे गहरा ताल्लुक मीट (विशेषकर प्रॉसेस्ड मीट मसलन सॉसेज और बर्गर), मक्खन, हार्ड फैट और फुल फैट डेयरी प्रोडक्ट्स से होता है। बेहतरी इसी में है कि प्रोसेस्ड मीट, अधिक घी-तेल वाले भोजन और बार-बार उसी तेल के इस्तेमाल से बचें।

एल्कोहॉल से करें तौबाः यह त्वचा की सतह के पास रक्तसंचार को बढ़ा देता है। साथ ही यह छोटी रक्त नलिकाओं को फैला देता है। कुछ समय बाद यह स्थायी तौर पर नष्ट हो जाती हैं और रक्त नलिकाओं के फट जाने के कारण त्वचा पर झुर्रियां साफ नजर आने लगती हैं। एल्कोहल शरीर को डीहाइड्रेट कर देता है। पानी की कमी से त्वचा पर असमय झुर्रियां हो जाती है। अगर आप लंबे समय तक जवां रहने की तमन्नाी रखती हैं तो एल्कोहल को हमेशा के लिए लिए दरकिनार करना जरूरी है।

चीनी कमः चीनी के सेवन को कम करने से केवल आपका वजन ही नहीं कम होगा बल्कि आपकी त्वचा पर नजर आने वाली झुर्रियां भी कम होंगी। ब्रिटेन में हुए एक शोध के अनुसार 50 ग्राम अधिक कार्बोहाइड्रेट लेने से (250 मिली की दो सॉफ्ट ड्रिंक की बोतल में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा के बराबर) झुर्रियां होने का खतरा 28 फीसद तक बढ़ जाता है। चीनी और प्रोटीन से मिलकर बने अणु कोलेजन और इलास्टिन को नुकसान पहुंचाते हैं। साथ ही त्वचा को स्वस्थ, एकसार और जवां बनाने में मदद करने वाले फाइबर को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इस कारण असमय त्वचा में ढीलापन और झुर्रियां नजर आने लगती हैं। शरीर में चीनी का उच्च स्तर ग्लाइकेशन नामक प्रक्रिया को सक्रिय बनाता है, जिसके परिणामस्व्रूप त्वचा पर झुर्रियां हो जाती हैं।

धूम्रपान छोड़ें: बढ़ती उम्र के पीछे छिपे कुछ कारणों में से एक मुख्य कारण है धूम्रपान करना। यह बड़ी बीमारियों का कारण ही नहीं बनता बल्कि आपकी त्वचा को भी नुकसान पहुंचाता है। ध्यान से किसी धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को देखिए-आंखों के आसपास कालापन व झुर्रियां, काले होंठ और रूखी -बेजान त्वचा के साथ-साथ रेशेज साफ नजर आएंगे।

 

More From Author

तमिलनाडु में बंगाली बोलने पर चार युवकों से मारपीट, मुर्शिदाबाद में मामला दर्ज

अश्लील सामग्री पर सख्ती: 40 डिजिटल प्लेटफॉर्म्स भारत में बैन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.