11वीं सदी की दुर्लभ मूर्ति के दर्शन का अवसर, नागपंचमी पर खुलेगा नागचंद्रेश्वर मंदिर

 उज्जैन 

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में नाग पंचमी पर भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन  करने के लिए शीघ्र दर्शन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। भक्त मात्र 300 रुपये का शीघ्र दर्शन टिकट खरीदकर भगवान नागचंद्रेश्वर के कम समय में सुविधापूर्वक दर्शन कर सकते हैं।उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर की तीसरी मंजिल पर विराजित भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन वर्ष में केवल एक बार, नागपंचमी के अवसर पर आम श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे के लिए कराए जाते हैं। इस वर्ष मंदिर के पट 28 जुलाई सोमवार की रात 12 बजे खोले जाएंगे। 

मंदिर समिति ने भक्तों की सुविधा के लिए शीघ्र दर्शन टिकट की अग्रिम बुकिंग भी शुरू कर दी है। श्रद्धालु शनिवार सुबह से ही मंदिर के टिकट काउंटरों से शीघ्र दर्शन टिकट खरीद सकते हैं।

29 जुलाई को मनाया जाएगा नागपंचमी महापर्व

    महाकाल मंदिर में 29 जुलाई को नागपंचमी महापर्व मनाया जाएगा। मंदिर के शीर्ष पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट 28 जुलाई की रात 12 बजे खोले जाएंगे। परंपरागत पूजा अर्चना के बाद आम दर्शन का सिलसिला शुरू होगा, जो 29 जुलाई की रात 12 बजे तक निरंतर जारी रहेगा।

प्रशासन का अनुमान है कि 24 घंटे में तीन लाख से अधिक भक्त भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करेंगे। उसके अनुसार दर्शन व्यवस्था की जा रही है। सामान्य दर्शनार्थियों को कर्कराज मंदिर पार्किंग से भील समाज की धर्मशाला, चारधाम आश्रम पार्किंग के रास्ते नागचंद्रेश्वर मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।

भगवान नागचंद्रेश्वर का होगा पूजन

भगवान श्री नागचंद्रेश्वर का मंदिर, श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह के ठीक ऊपर स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के शीर्ष पर स्थित है। पट खुलने के बाद त्रिकाल पूजन के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारीगण भी पूजन-अभिषेक में शामिल होंगे। नागपंचमी के दिन 29 जुलाई को दोपहर 12 बजे पुनः महानिर्वाणी अखाड़ा द्वारा विशेष पूजन किया जाएगा। इसके पश्चात शाम को महाकाल की आरती के बाद पुजारियों और पुरोहितों द्वारा पूजन संपन्न किया जाएगा।

शताब्दियों पुरानी दुर्लभ प्रतिमा

श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर में स्थापित 11वीं शताब्दी की दुर्लभ और अद्वितीय प्रतिमा श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होती है। प्रतिमा में श्री नागचंद्रेश्वर सात फनों वाले नाग के साथ विराजित हैं। शिव-पार्वती के वाहन नंदी और सिंह, श्री गणेश की ललितासन मूर्ति, माता उमा के दाईं ओर कार्तिकेय, और ऊपरी भाग में सूर्य-चंद्रमा की आकृति इस प्रतिमा को विशेष बनाती है। भगवान शिव की भुजाओं और गले में भुजंग लिपटे हुए हैं। माना जाता है कि यह प्रतिमा नेपाल से लाई गई थी, और उज्जैन के अलावा यह स्वरूप विश्व में कहीं और नहीं मिलता। श्रद्धालुओं के लिए यह एक दुर्लभ अवसर होता है, जब वे इस अलौकिक और ऐतिहासिक स्वरूप के दर्शन कर पाते हैं।

नागचंद्रेश्वर दर्शन की नई व्यवस्था

नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को अस्थायी जूता स्टैंड पर अपने जूते रखने होंगे। इसके बाद दर्शनार्थी चारधाम मंदिर से लाइन में लगकर बेरिकेडिंग के माध्यम से हरसिद्धि मंदिर चौराहे होते हुए बड़ा गणेश मंदिर के सामने से गेट क्रमांक चार से प्रवेश करेंगे। यहां से वे विश्रामधाम होते हुए एयरो ब्रिज के जरिए नागचंद्रेश्वर मंदिर तक पहुंच सकेंगे।

दर्शन के पश्चात श्रद्धालु उसी ब्रिज से वापस विश्रामधाम आएंगे और वहां से मार्बल गलियारे से होकर यातायात प्रीपेड बूथ के पास बाहर निकलेंगे। इसके बाद वे सीधे हरसिद्धि चौराहे की ओर आगे बढ़ सकेंगे।

29 जुलाई को मनाया जाएगा नागपंचमी महापर्व

    महाकाल मंदिर में 29 जुलाई को नागपंचमी महापर्व मनाया जाएगा। मंदिर के शीर्ष पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट 28 जुलाई की रात 12 बजे खोले जाएंगे। परंपरागत पूजा अर्चना के बाद आम दर्शन का सिलसिला शुरू होगा, जो 29 जुलाई की रात 12 बजे तक निरंतर जारी रहेगा।

प्रशासन का अनुमान है कि 24 घंटे में तीन लाख से अधिक भक्त भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करेंगे। उसके अनुसार दर्शन व्यवस्था की जा रही है। सामान्य दर्शनार्थियों को कर्कराज मंदिर पार्किंग से भील समाज की धर्मशाला, चारधाम आश्रम पार्किंग के रास्ते नागचंद्रेश्वर मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।

इस रास्ते से भक्तों को करीब तीन किलोमीटर पैदल चलने के बाद भगवान के दर्शन होंगे। मंदिर समिति भक्तों की सुविधा के लिए शीघ्र दर्शन की सुविधा भी उपलब्ध करा रही है। शीघ्र दर्शन का शुल्क 300 रुपये रहेगा।

मंदिर प्रशासन का दावा है कि इस व्यवस्था से भक्तों को 40 से 45 मिनट में भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन हो जाएंगे। शीघ्र दर्शन की कतार हरसिद्धि चौराहा से लगेगी। शीघ्र दर्शन टिकट वाले श्रद्धालु को 700-800 मीटर पैदल चलने के बाद ही भगवान के दर्शन सुलभ हो जाएंगे।

 

महाकाल मंदिर दर्शन व्यवस्था

श्रद्धालु महाकाल लोक के नंदी द्वार से प्रवेश करेंगे। वहां से मानसरोवर भवन होते हुए टनल मार्ग से होकर मंदिर के कार्तिकेय मंडपम तक पहुंचेंगे। यहां से नीचे उतरने के बाद वे गणेश मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। दर्शन उपरांत के बाद आपातकालीन मार्ग से बाहर निकलकर अपने गंतव्य की ओर रवाना होंगे।

वाहन पार्किंग व्यवस्था

नागपंचमी पर आने वाले श्रद्धालु अपने वाहनों को हरिफाटक पुल के पास स्थित मेघदूत पार्किंग, हाटबाजार पार्किंग, कर्कराज मंदिर के पास, कार्तिक मेला ग्राउंड और सरफेस पार्किंग स्थलों पर पार्क कर सकेंगे।

प्रशासन द्वारा पार्किंग से दर्शन मार्ग तक विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं, जिनमें पेयजल सुविधा, प्राथमिक उपचार और एंबुलेंस सेवा, दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए व्हीलचेयर सुविधा, अस्थाई फायर स्टेशन, पूछताछ केंद्र तथा खोया-पाया केंद्र शामिल हैं।

इस रास्ते से भक्तों को करीब तीन किलोमीटर पैदल चलने के बाद भगवान के दर्शन होंगे। मंदिर समिति भक्तों की सुविधा के लिए शीघ्र दर्शन की सुविधा भी उपलब्ध करा रही है। शीघ्र दर्शन का शुल्क 300 रुपये रहेगा।

मंदिर प्रशासन का दावा है कि इस व्यवस्था से भक्तों को 40 से 45 मिनट में भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन हो जाएंगे। शीघ्र दर्शन की कतार हरसिद्धि चौराहा से लगेगी। शीघ्र दर्शन टिकट वाले श्रद्धालु को 700-800 मीटर पैदल चलने के बाद ही भगवान के दर्शन सुलभ हो जाएंगे।

 

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