भोपाल बनेगा आदर्श सड़क सुरक्षा मॉडल: न्यायमूर्ति सप्रे का प्रस्ताव

  • हेलमेट, सीट बेल्ट सहित यातायात नियमों के पालन को बनाएं आदत
  • नियम उल्लंघन और नशे में वाहन चलाने पर हो सख्त कार्रवाई
  • सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति अध्यक्ष के साथ जिला सड़क सुरक्षा समिति की हुई बैठक

भोपाल
सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री अभय मनोहर सप्रे ने कहा है कि भोपाल में सड़क सुरक्षा और यातायात सुधार के क्षेत्र में संगठित प्रयासों के माध्यम से और अधिक सुदृढ़ बनाया जाए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम सहित सभी संबंधित विभागों को गंभीरता, लगन और समर्पण भाव से कार्य करना होगा। उन्होंने समयबद्ध कार्ययोजना तैयार कर आगामी 3 माह में सकारात्मक बदलाव सुनिश्चित करने की अपेक्षा की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा संबंधी समिति भोपाल को इस दिशा में हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मृत्यु की संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।

न्यायमूर्ति श्री सप्रे की अध्यक्षता में शुक्रवार को पुलिस आयुक्त कार्यालय भोपाल में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई। बैठक में कलेक्टर श्री कौशलेंद्र विक्रम सिंह, पुलिस आयुक्त श्री हरिनारायणचारी मिश्र, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त श्री पंकज श्रीवास्तव, नगर निगम आयुक्त श्री हरेन्द्र नारायण, सीईओ स्मार्ट सिटी श्रीमती अंजू अरुण कुमार, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती ईला तिवारी एवं एडीएम श्री अंकुर मेश्राम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

न्यायमूर्ति श्री सप्रे ने कहा कि हेलमेट पहनने की आदत को बढ़ावा दिया जाए, सीट बेल्ट उपयोग के प्रति जागरूकता लाई जाए, शराब पीकर वाहन चलाने वालों एवं नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। लोक परिवहन को बढ़ावा दिया जाए ताकि सड़कों पर छोटे वाहनों का दबाव कम हो सके। उन्होंने निर्देश दिए कि पुलिस विभाग सहित सभी शासकीय कर्मचारी वाहन चलाते समय अनिवार्य रूप से सीट बेल्ट/हेलमेट का उपयोग करें। स्कूल-कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाए। उन्होंने मीडिया से जन-जागरूकता अभियान को गति देने में सहयोग का भी आग्रह किया।

न्यायमूर्ति श्री सप्रे ने भोपाल जिले के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में हुई सड़क दुर्घटनाओं, ब्लैक स्पॉट चिन्हांकन एवं उनके सुधार कार्यों, चालानी कार्रवाई, जन-जागरूकता अभियानों और अन्य नवाचारों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का जीवन अमूल्य है और किसी की गलती से निर्दोष की जान न जाए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति श्री सप्रे ने निर्देश दिए कि वाहनों की फिटनेस की नियमित जांच की जाए, ड्राइविंग टेस्ट में सख्ती बरती जाए, बीमा और लाइसेंस की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाए तथा ओवरलोडिंग पर रोक के लिए विशेष कार्रवाई की जाए। सड़कों पर मानक गति सीमा का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के लिए राहवीर योजना और कैशलेस ट्रीटमेंट योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए।

श्री सप्र ने कहा कि प्रशासन एवं पुलिस बड़ी संस्थाओं से अपील करे कि वे अपने कर्मचारियों के लिए परिवहन सुविधाएं, जैसे बसें आदि, उपलब्ध कराएं जिससे सड़कों से वाहनो का अत्यधिक दबाब कम हो। उन्होंने जिले के नागरिकों से भी आग्रह किया कि बच्चों को बचपन से ही सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाए।

कलेक्टर श्री कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि भोपाल जिले में सड़क सुरक्षा और यातायात सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें नवाचार और जन-जागरूकता अभियान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में दिए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। पुलिस आयुक्त श्री हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा कि पुलिस विभाग सड़क सुरक्षा को लेकर और अधिक सक्रियता से कार्य करेगा तथा जागरूकता अभियान को गति देकर उसे प्रभावी बनाया जाएगा।

 

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