नई टीम इंडिया का जज्बा: ओवल में आखिरी पलों में पलटी बाजी, इंग्लैंड को चटाई धूल

 ओवल 

वाह टेस्ट क्रिकेट, वाह टीम इंड‍िया… क्या जबरदस्त मैच रहा. क्या शानदार तरह से जीता. भारतीय टीम के ल‍िए मैच में जीत के हीरो मोहम्मद सिराज और प्रस‍िद्ध कृष्णा रहे, ज‍िन्होंने क्रमश: 5 और 4 विकेट झटककर भारतीय टीम की झोली में जीत डाल दी. भारत की यह 6 रनों की जीत टेस्ट क्रिकेट में रनों के अंतर के ल‍िहाज से सबसे कम अंतर की जीत रही. 

ओवल मैच की पहली पारी में पिच पर घास ज्यादा थी, जिससे गेंदबाजों को काफी मदद मिली. भारत की ओर से करुण नायर ने संघर्ष करते हुए अर्धशतक लगाया, साथ में साई सुदर्शन और वॉशिंगटन सुंदर ने भी थोड़ा योगदान दिया जिससे भारत ने किसी तरह 200 का आंकड़ा पार किया. इस तरह टीम इंड‍िया 224 रन पर ऑलआउट हो गई. इंग्लैंड के लिए गस एटकिंसन ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट लिए. 

जवाब में इंग्लैंड ने तेज शुरुआत की और सिर्फ 13 ओवर में 92 रन बना लिए. लेकिन फिर मोहम्मद सिराज ने दूसरी सेशन में कमाल की गेंदबाजी की और इंग्लैंड की मिडिल ऑर्डर लड़खड़ा गई. इंग्लैंड की टीम 247 रन पर सिमट गई.

दूसरी पारी में पिच थोड़ी आसान हो गई और यशस्वी जायसवाल ने इस दौरे का अपना दूसरा शतक लगाया, जबकि वॉशिंगटन सुंदर ने भी तेज अर्धशतक मारा. भारत ने इस तरह इंग्लैंड को जीत के लिए 374 रन का बड़ा लक्ष्य दिया. 

लेकिन इंग्लैंड ने इस लक्ष्य को आसानी से हासिल करने की कोशिश की. शुरुआत बेन डकेट ने की, फिर जो रूट ने पारी को संभाला और आखिर में हैरी ब्रूक ने धमाकेदार 111 रन (सिर्फ 98 गेंदों में) बनाए और लग रहा था कि इंग्लैंड आसानी से जीत जाएगा. 

ओवल टेस्ट आख‍िरी दिन कैसे पलटा? 
आखिरी दिन (4 अगस्त) को मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया. भारत को जीत के ल‍िए 4 व‍िकेट चाहिए थे और इंग्लैंड को 35 रन. पांचवें द‍िन मैच की शुरुआत में इंग्लैंड ने दो चौके मारे और लगा कि वे जीत जाएंगे, लेकिन वह आत्मविश्वास झूठा निकला. सिराज ने पहले जैमी स्मिथ को आउट किया, फिर जैमी ओवरटन को LBW किया.  इसके बाद प्रसिद्ध कृष्णा ने जोश टंग को बोल्ड किया. जब इंग्लैंड को सिर्फ कुछ रन चाहिए थे, तब एटकिंसन ने एक बड़ा शॉट मारा लेकिन फील्डर आकाश दीप कैच पकड़ने में चूक गए और गेंद छक्के के लिए चली गई. अब इंग्लैंड को सिर्फ 6 रन चाहिए थे, तभी सिराज ने एक शानदार यॉर्कर फेंका और एटकिंसन का स्टंप उड़ा दिया. इंग्लैंड की टीम 6 रन से हार गई. 

कुल मिलाकर, 25 दिन तक चली यह टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच बेहद रोमांचक और यादगार रहा. भारत ने लगभग हार चुके मैच को जीत में बदल दिया. यही टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती है. 

क्रिस वॉक्स ने टूटे कंधे के बावजूद बैटिंग की

भारत और इंग्लैंड के बीच ओवल टेस्ट मैच के आखिरी दिन बेहद रोमांचक हो चुके मैच में क्रिस वॉक्स ने टूटे कंधे के बावजूद बैटिंग के लिए मैदान पर कदम रखा. अपनी टीम की डूबती लुटिया को बचाने के लिए  जो उनकी हिम्मत और जुझारूपन की इस वक्‍त हर कोई तारीफ कर रहा है. वो मैदान पर एक हाथ से बैटिंग करते नजर आए. क्रिकेट में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां खिलाड़ियों ने चोट के बावजूद खेल को प्राथमिकता दी.

साउथ अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ ने साल 2008-09 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में चोटिल कंधे के साथ एक हाथ से बैटिंग की थी. सिडनी टेस्ट में उनके कंधे में गंभीर चोट लगी, फिर भी उन्होंने नाबाद 36 रन बनाए. यह प्रदर्शन उनकी दृढ़ता का प्रतीक था. स्मिथ ने टीम की जरूरत को समझते हुए दर्द को नजरअंदाज किया, जिससे दक्षिण अफ्रीका ने मैच बचा लिया. यह पल क्रिकेट इतिहास में उनकी वीरता के लिए याद किया जाता है.

वेस्‍टइंडीज के माल्कम मार्शल ने इंग्लैंड के खिलाफ, लीड्स 1984 टेस्‍ट मैंच में भी ऐसा ही किया था. उन्‍होंने एक हाथ से बैटिंग का अनोखा रिकॉर्ड बनाया था. उनके बाएं हाथ में प्लास्टर था, फिर भी उन्होंने नौवें विकेट के लिए लैरी गोम्स का साथ दिया. मार्शल ने एक हाथ से चार रन बनाए और गोम्स को शतक पूरा करने में मदद की. यह बलिदान वेस्टइंडीज की जीत में महत्वपूर्ण था और उनकी बहादुरी को अमर कर गया.

वेस्‍टइंडीज के ब्रायन लारा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल 2005 में सेंट जॉन्स टेस्ट में चोटिल हाथ के साथ एक हाथ से बैटिंग की. उनकी उंगली में फ्रैक्चर था, लेकिन उन्होंने टीम को संकट से निकालने के लिए बल्ला थामा. लारा ने 20 रन बनाए, जो उनकी तकनीक और हिम्मत को दिखाता है. यह प्रदर्शन वेस्टइंडीज के लिए प्रेरणादायक था, भले ही मैच हारा गया.

सचिन तेंदुलकर साल 2004 में पाकिस्तान में मुल्तान टेस्ट के दौरान टेनिस एल्बो की चोट के बावजूद एक हाथ से खेले थे. उनकी बांह में दर्द था, लेकिन उन्होंने 194 रन की ऐतिहासिक पारी खेली. हालांकि यह पूरी तरह एक हाथ से नहीं थी, लेकिन चोट के बावजूद उनका प्रदर्शन असाधारण था, जो क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार है.

इंजमाम-उल-हक (पाकिस्तान) – ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, 1999: चैंपियंस ट्रॉफी में इंजमाम-उल-हक ने टूटी हुई कोहनी के साथ एक हाथ से बैटिंग की थी. उन्होंने 21 रन बनाए और टीम को संभाला. यह प्रदर्शन उनकी नेतृत्व क्षमता और जुझारूपन को दर्शाता है, जो पाकिस्तानी क्रिकेट में मील का पत्थर रहा.

क्रिस वोक्स का हालिया कारनामा इन महान खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो सकता है. एक हाथ से बैटिंग न केवल शारीरिक साहस की मांग करती है, बल्कि टीम भावना का भी प्रतीक है. यह परंपरा क्रिकेट के इतिहास में हमेशा सम्मान के साथ याद की जाएगी.

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