भरोसे का फायदा उठाया: इलाज के बहाने डॉक्टर से करोड़ों की ठगी

रायपुर

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. शंकर नगर के चिकित्सक डॉ. बी. बालाकृष्णा ने मनोज चांवला, उनकी पत्नी खुशबू चांवला और परिवार के अन्य सदस्यों पर 1.5 करोड़ रुपये की राशि गबन करने और अमानत में खयानत करने का आरोप लगाया है. इस मामले में सिविल लाइंस थाने में धारा 409, 120 बी, और 34 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.

पुलिस के मुताबिक डॉ. बी. बालाकृष्णा, जो शंकरनगर के एचआईजी-18 में रहते हैं और एडवांस चेस्ट सेंटर नामक क्लीनिक संचालित करते हैं, ने अपने लिखित आवेदन में बताया कि वर्ष 2021 से मनोज चांवला (37 वर्ष, निवासी सेल टैक्स कॉलोनी, खम्हारडीह, रायपुर) का उनके क्लीनिक में इलाज के लिए आना-जाना था. कोविड काल में मनोज चांवला, उनके परिवार और दोस्तों का इलाज डॉ. बालाकृष्णा ने किया था. धीरे-धीरे परिचय बढ़ने के बाद मनोज चांवला, उनके भाई चेतन चांवला, पत्नी खुशबू चांवला, बहन नैना चांवला, और मां कांता चांवला नियमित रूप से क्लीनिक में आने लगे. क्लीनिक प्रबंधन का जिम्मा डॉ. बालाकृष्णा ने बताया कि उनके क्लीनिक में फार्मेसी और लैबोरेटरी का प्रबंधन करने के लिए काबिल लोगों की जरूरत थी. मनोज चांवला और उनके परिवार ने बार-बार अनुरोध कर इन कार्यों का जिम्मा लेने की पेशकश की. भरोसा होने पर डॉ. बालाकृष्णा ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंप दी. इस दौरान मनोज और उनके परिवार ने व्यवसाय को बढ़ाने में भी मदद की.

1.5 करोड़ की राशि गबन का आरोप
डॉ. बालाकृष्णा ने अपने क्लीनिक को बड़े स्तर पर अस्पताल में बदलने की योजना बनाई थी, जिसके लिए उन्हें भारी धनराशि की जरूरत थी. इस योजना पर मनोज चांवला और उनके परिवार से चर्चा के दौरान, उन्होंने सुझाव दिया कि डॉ. बालाकृष्णा अपनी जमा राशि उन्हें सौंप दें, जिसे वे ट्रेडिंग व्यवसाय में निवेश करेंगे. उन्होंने वादा किया कि मूलधन सुरक्षित रहेगा और मुनाफा आपस में बांटा जाएगा. इस भरोसे पर डॉ. बालाकृष्णा ने मनोज चांवला और उनके परिवार को किस्तों में 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी.

  हालांकि, जब वर्ष 2022 से डॉ. बालाकृष्णा ने अपनी राशि वापस मांगे, तो मनोज चांवला और उनके परिवार ने पैसे देने से साफ इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि कोई राशि उनके पास नहीं दी गई और वे इसे क्यों रखेंगे.

डॉ. बालाकृष्णा के बार-बार अनुरोध पर मनोज चांवला और उनके परिवार ने 1 करोड़ रुपये वापस करने का समझौता किया, लेकिन शर्त रखी कि यह राशि व्यवसायिक और घरेलू कार्यों के लिए ली गई थी. समझौते में 15-15 लाख रुपये के 10 चेक देने की बात लिखी गई, जो अगस्त 2023 से नवंबर 2023 के बीच लिए गए दिखाए गए. यह समझौता 31 जून 2024 को तैयार किया गया था. समझौते में यह भी लिखा गया कि 22 मार्च 2025 तक 1 करोड़ रुपये नकद वापस कर दिए जाएंगे और डॉ. बालाकृष्णा उनके परिवार के खिलाफ कोई शिकायत या कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे.

  डॉ. बालाकृष्णा ने जांच में पाया कि मनोज चांवला के खाते में पर्याप्त राशि नहीं थी और चेक केवल धोखे में रखने के लिए दिए गए थे. वर्तमान में मनोज चांवला और उनके परिवार ने 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वापस करने से साफ इंकार कर दिया है.

डॉ. बालाकृष्णा ने बताया कि मनोज चांवला और उनके परिवार ने कई अन्य लोगों से भी करोड़ों रुपये लेकर धोखाधड़ी की है. सिविल लाइंस थाने में मनोज चांवला के खिलाफ पहले भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज हो चुका है, जिसमें उनकी गिरफ्तारी हुई थी. वर्तमान में मनोज चांवला, खुशबू चांवला, और उनके परिवार के अन्य सदस्य हाउसिंग बोर्ड, फेस-1, डुप्लेक्स फ्लैट, कचना, रायपुर में रहते हैं.

 

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