बेमानी लेनदेन पर लगेगी लगाम, प्रॉपर्टी खरीद के लिए पैन और आधार जरूरी

भोपाल 

देश में संपत्ति खरीद और पंजीकरण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण परिवर्तन की योजना बनाई जा रही है. नए पंजीकरण विधेयक-2025 के मसौदे में प्रस्तावित है कि हर संपत्ति खरीद के समय स्टांप के लिए OTP आधारित सत्यापन अनिवार्य होगा. इससे सभी संपत्तियों की जानकारी आयकर विभाग के पास पहुंच जाएगी. इसके अलावा, बैनामी संपत्ति और भूमि खरीद पर नियंत्रण लगाने के लिए सरकार आधार और पैन नंबर का सत्यापन बैनामे से पहले अनिवार्य करने की तैयारी कर रही है.

ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग ने नए पंजीकरण विधेयक-2025 का मसौदा तैयार किया है. वर्तमान में संपत्ति खरीदने के लिए आधार कार्ड और पैन कार्ड नंबर देना अनिवार्य है, लेकिन इनका सत्यापन नहीं किया जाता. सभी राज्यों के स्टांप एवं निबंधन विभागों के लिए यह आवश्यक है कि 30 लाख रुपये से अधिक के बैनामे की जानकारी आयकर विभाग को प्रदान करें, लेकिन कई मामलों में यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती. इसके परिणामस्वरूप, बैनामी संपत्तियों का पता लगाना कठिन हो जाता है.

खरीदार का रिकॉर्ड खंगाला जाएगा
इस प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद, आयकर विभाग का एआई आधारित प्रणाली यह मूल्यांकन करेगी कि खरीददार कौन है, उसकी पिछले पांच से छह वर्षों में वार्षिक आय कितनी रही है, और उसने कुल कितनी संपत्तियां खरीदी हैं. यदि किसी व्यक्ति द्वारा उसकी शुद्ध आय से अधिक मूल्य की संपत्ति खरीदी जाती है, तो यह प्रणाली स्वतः नोटिस जारी करेगी. इससे संदिग्ध मामलों की पहचान और त्वरित समाधान में सहायता मिलेगी.

आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, नई व्यवस्था के तहत संपत्तियों का संपूर्ण विवरण हमारे पास उपलब्ध रहेगा. किसी भी भूमि या संपत्ति की खरीद से पूर्व, खरीदार और विक्रेता के पैन कार्ड का ओटीपी के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा, जिसके बाद आधार नंबर से भी इसकी पुष्टि की जाएगी.

 अब क्रेता, विक्रेता के ओटीपी नंबर देने पर ही जमीन का बैनामा होगा। जमीन की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा रोकने को जुलाई से नया नियम लागू हो गया है। क्रेता, विक्रेता के मोबाइल नंबर पर दो-तीन बार ओटीपी आयेगा। ओटीपी नंबर डालने पर ही आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी होगी। जमीन रजिस्ट्री के पैन कार्ड नंबर देना या फॉर्म 60 भरना अनिवार्य होगा। बैनामा के समय फसली वर्ष की ताजा खतौनी भी प्रस्तुत करनी होगी। जमीन की रजिस्ट्री में जालसाजी रोकने को नई व्यवस्था लागू की गई है। अब बिना ओटीपी बताए जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी। रजिस्ट्री से पहले मोबाइल पर भेजे गए ओटीपी को बताना अनिवार्य होगा।

ओटीपी नंबर डालने पर ही आवेदन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। मोबाइल पर मिले ओटीपी को निर्धारित समय में भरना होगा। ऐसा न करने पर दोबारा ओटीपी भेजा जाएगा। इसके दर्ज करने के बाद ही रजिस्ट्री के आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी होगी। अब-तक जमीन, खेत, भवन की रजिस्ट्री के लिए निबंधन विभाग के दफ्तर पहुंचते वाले ऑनलाइन आवेदन के दौरान सही जानकारी छिपाने को मोबाइल नंबर, आधार कार्ड या पैनकार्ड की आधी-अधूरी या गलत जानकारी भरवा देते हैं, जिससे इन अचल संपत्तियों की वास्तविक जानकारी सरकार को नहीं मिल पाती। इस तरह की जालसाजी पर अंकुश लगाने को निबंधन विभाग ने नया सॉफ्टवेयर तैयार कराया है, इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।

 रजिस्ट्री के समय क्रेता और विक्रेता को अपना वास्तविक मोबाइल नंबर दर्ज कराना होगा। इस मोबाइल नंबर पर आने वाली ओटीपी को भरने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। आधार नंबर और पैन नंबर का भी ऑनलाइन सत्यापन होगा। आधी-अधूरी या गलत जानकारी देने पर सॉफ्टवेयर रजिस्ट्री की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पायेगी। संपत्ति की खरीद-बिक्री का पूरा ब्योरा क्रेता-विक्रेता के पैनकार्ड और आधार कार्ड के रिकॉर्ड में दर्ज होगा। क्रेता- विक्रेता के मोबाइल नंबर पर तीन-चार बार ओटीपी आयेगा,पूरी तरह सत्यापन बाद ही रजिस्ट्री प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। कृषि भूमि के बैनामे में खसरा की यूनिक आईडी का सत्यापन भी राजस्व विभाग के भूलेख पोर्टल से होगा। इससे इसमें होने वाले फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा। बैनामे में खसरा संख्या की यूनिक आईडी को भी दर्ज किया जाएगा। सभी विवरण सीधे संबंधित तहसीलदार की लॉगइन पर पहुंच जाएगा। इससे नामांतरण कराने में आसानी होगी। बैनामे के दौरान पैन कार्ड नंबर देना या फार्म-60 भरना भी अनिवार्य कर दिया गया है। बिना इसके बैनामा नहीं हो सकेगा। 

उक्त सभी नियमों के लागू होने से कौन कितने की संपत्ति खरीद व बिक्री किया है इसका ब्योरा आयकर वयिभाग तक भी पहुंच जायेगा। महिलाओं के एक करोड़ तक के बैनामें पर स्टांप में एक फीसदी छूट महिलाओं के नाम से अब एक करोड़ रूपये तक का भूमि, भवन बैनामा कराने पर स्टैम्प में एक फीसदी तक छूट मिलेगी। अब-तक 10 लाख रूपये तक की सम्पत्ति का बैनामा कराने पर ही महिलाओं को एक फीसदी स्टैम्प शुल्क में छूट मिल रही थी। लेकिन जब से एक करोड़ तक की संपत्ति पर स्टैम्प में एक फीसदी छूट आया है, महिलाओं के नाम से बैनामें की संख्या में बढ़ोतरी हो गयी है। इससे महिलाओं को आर्थिक रूप से और मजबूती मिलने लगी है। बोले तहसीलदार भूमि, भवन का बैनामा करने में जालसाजी रोकने को ओटीपी आधारित प्रक्रिया शुरू किया गया है। 

इसका नया सॉफ्टवेयर बन गया है, जिस पर 10 दिनों से कार्य हो रहा है। बैनामा के प्रक्रिया क्रेता, विक्रेता के मोबाइल नंबर पर भेजे गये ओटीपी से दर्ज करने से शुरू होगा। ओटीपी के सत्यापन के बाद ही रजिस्ट्री की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन आवेदन के दौरान आधार और पैन नंबर का भी ऑनलाइन सत्यापन होगा। उसके बाद ही रजिस्ट्री होगी। नयी व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा।

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