सरकार की प्री-पेड बिजली योजना पर रोक, इंदौर नगर निगम और पुलिस ने नहीं किया अपनाना

इंदौर 

सरकार द्वारा शुरू किया गया  प्री-पेड बिजली कनेक्शन सिस्टम खुद सरकारी विभागों के लिए चुनौती बन गया है। अगस्त महीने तक शहर के करीब 1300 सरकारी कनेक्शनों को प्री-पेड मोड पर लाना था, लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी केवल 350 कनेक्शन ही इसमें जोड़े जा सके हैं। खास बात यह है कि नगर निगम और पुलिस प्रशासन जैसे बड़े उपभोक्ता भी अभी तक इस प्रणाली को अपनाने को तैयार नहीं हैं। आधे से ज्यादा विभागों ने कोषालय को न तो बिल भेजे हैं और न ही अग्रिम भुगतान किया है। योजना के तहत मोबाइल की तरह बिजली के लिए भी पहले रिचार्ज करवाने की व्यवस्था की जानी है। शुरुआत में सरकारी दफ्तरों को इसमें शामिल किया गया है, इसके बाद व्यावसायिक और घरेलू कनेक्शनों पर भी यह प्रणाली लागू की जाएगी।

बिजली कंपनी की कोशिशें नाकाम, विभागों की बेरुखी बरकरार
पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के इंदौर-उज्जैन संभाग में 15 जिले आते हैं। योजना के पहले चरण में इन जिलों के करीब 11 हजार सरकारी कनेक्शनों को प्री-पेड मोड में लाने का लक्ष्य रखा गया था। इंदौर शहर के लगभग 1300 सरकारी कनेक्शन इस सूची में थे, लेकिन अगस्त तक काम पूरा नहीं हो सका। बिजली कंपनी ने कोषालय के माध्यम से दो माह के अग्रिम बिल जमा कराने की व्यवस्था भी बना दी थी, परंतु वास्तविक अमल की रफ्तार बेहद धीमी रही। दिलचस्प बात यह है कि प्री-पेड योजना में सरकारी उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 25 पैसे की छूट भी दी जा रही है, इसके बावजूद विभागों की अनदेखी जारी है। निजी उपभोक्ताओं के लिए भी भविष्य में यह योजना लागू करने की तैयारी थी, लेकिन शुरुआती चरण की धीमी रफ्तार से अब यह योजना ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है।

जिन विभागों का बिजली खर्च ज्यादा, वही कर रहे उपेक्षा
वित्त मंत्रालय ने सभी जिलों को अगस्त से पहले दो माह के अग्रिम बिल भुगतान की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे। बिजली कंपनी ने स्मार्ट मीटर लगाकर सिस्टम अपग्रेड कर लिया, भुगतान फाइलें भेज दीं, लेकिन कई सरकारी विभागों ने सहयोग नहीं किया। जिन विभागों पर सबसे अधिक बिजली खर्च होता है, उन्हीं की फाइलें अटकी पड़ी हैं। नगर निगम और पुलिस प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट रुख सामने नहीं आया है। न तो कोषालय को अग्रिम भुगतान की जानकारी दी गई और न ही सहमति पत्र भेजे गए। अस्पताल, थाने और जल प्रदाय जैसी आवश्यक सेवाओं को पहले चरण से फिलहाल बाहर रखा गया था, फिर भी जिन कनेक्शनों को शामिल किया जाना था, वहां भी प्रक्रिया सुस्त है।

इंदौर में 7.75 लाख उपभोक्ताओं के लिए तैयारी, पर गति धीमी
इंदौर शहर में करीब 7.75 लाख उपभोक्ता हैं और सभी को भविष्य में प्री-पेड सिस्टम में लाने की योजना है। अधिकांश जगहों पर स्मार्ट मीटर लग चुके हैं और सिस्टम भी अपग्रेड किया जा चुका है। पहले चरण में लगभग 1300 सरकारी कनेक्शनों को प्री-पेड मोड पर देना तय था, लेकिन अब तक केवल 350 कार्यालयों ने दो माह का अग्रिम बिल जमा किया है। मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण अभियंता डी.के. गांठें ने बताया कि “कंपनी ने पूरी तैयारी कर ली है, अब विभागों से अपेक्षित सहयोग मिलना बाकी है।” 

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