एथेनॉल उत्पादन व गन्ना क्षेत्रफल में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम, किसान हित में सरकार के ठोस कदम

गन्ना किसानों को योगी सरकार का बड़ा उपहार, गन्ना मूल्य ₹30 प्रति कुन्तल बढ़ा

पेराई सत्र 2025-26 में अगेती गन्ना ₹400, सामान्य ₹390 प्रति कुन्तल निर्धारित

गन्ना मूल्य वृद्धि से किसानों को होगा ₹3,000 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान

गन्ना किसान केवल उत्पादक नहीं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था के सशक्त स्तंभ हैं : लक्ष्मी नारायण चौधरी

योगी सरकार में अब तक ₹2.90 लाख करोड़ का रिकॉर्ड भुगतान, पिछली सरकारों से ₹1.42 लाख करोड़ अधिक

प्रदेश में संचालित 122 चीनी मिलें, पारदर्शी नीतियों से उद्योग में आया ₹12,000 करोड़ निवेश

8 वर्षों में 4 नई चीनी मिलें स्थापित, 6 पुनः शुरू, 42 में क्षमता विस्तार

‘स्मार्ट गन्ना किसान’ प्रणाली ने खत्म किया बिचौलियों का राज, भुगतान सीधे किसानों के खातों में

एथेनॉल उत्पादन व गन्ना क्षेत्रफल में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम, किसान हित में सरकार के ठोस कदम

लखनऊ
योगी सरकार ने एक बार फिर गन्ना किसानों के हित में ऐतिहासिक निर्णय लिया है। पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में ₹30 प्रति कुन्तल की वृद्धि की गई है। उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के अनुसार अब अगेती गन्ना प्रजाति का मूल्य ₹400 प्रति कुन्तल तथा सामान्य प्रजाति का मूल्य ₹390 प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। इस वृद्धि से गन्ना किसानों को लगभग ₹3,000 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान होगा। योगी सरकार के कार्यकाल में यह चौथी बार है जब गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की गई है। यह निर्णय न केवल गन्ना किसानों की आमदनी में वृद्धि करेगा, बल्कि प्रदेश के ग्रामीण अर्थतंत्र में नई ऊर्जा भी भरेगा। 

मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि किसानों के परिश्रम का सम्मान करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। गन्ना किसान केवल उत्पादक नहीं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था के सशक्त स्तंभ हैं। गन्ना हमारे ग्रामीण जीवन और अर्थव्यवस्था का आधार है और हर किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य सही समय पर उपलब्ध कराना सरकार की प्रतिबद्धता है।

उन्होंने बताया कि गन्ना किसानों को अब तक ₹2,90,225 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो वर्ष 2007 से 2017 के बीच सपा और बसपा सरकारों में किसानों को कुल मात्र ₹1,47,346 करोड़ का भुगतान हुआ था। इस प्रकार सरकार ने मात्र साढ़े आठ वर्षों में पिछली सरकारों के मुकाबले ₹1,42,879 करोड़ अधिक भुगतान कर नया इतिहास रचा है।

मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 122 चीनी मिलें संचालित हैं, जिससे उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में जहां 21 मिलें औने-पौने दामों पर बेची गई थीं, वहीं सरकार के पारदर्शी प्रबंधन और निवेशोन्मुख नीतियों से इस उद्योग में ₹12,000 करोड़ का निवेश आकर्षित हुआ है। पिछले आठ वर्षों में 4 नई चीनी मिलें स्थापित की गईं, 6 बंद मिलें पुनः शुरू की गईं और 42 मिलों की उत्पादन क्षमता में विस्तार हुआ। इससे प्रदेश में 8 नई बड़ी मिलों के बराबर उत्पादन क्षमता में वृद्धि दर्ज हुई है। साथ ही, 2 मिलों में सीबीजी संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जिससे गन्ना क्षेत्र में वैकल्पिक ऊर्जा उत्पादन को भी बल मिला है।

प्रदेश सरकार की अभिनव पहल ‘स्मार्ट गन्ना किसान’ प्रणाली के माध्यम से गन्ना क्षेत्रफल, सट्टा, कैलेंडरिंग और पर्ची जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है। अब किसानों को उनकी गन्ना पर्ची सीधे मोबाइल पर प्राप्त होती है और भुगतान डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में पहुंचता है। इस प्रणाली को भारत सरकार ने 'मॉडल सिस्टम' घोषित किया है, जिससे बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह समाप्त हो गई है।

एथेनॉल उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि सरकार के प्रयासों से राज्य में एथेनॉल उत्पादन 41 करोड़ लीटर से बढ़कर 182 करोड़ लीटर तक पहुंच गया है और आसवनियों की संख्या 61 से बढ़कर 97 हो गई है। गन्ना क्षेत्रफल में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रदेश में गन्ना क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुका है, जिससे उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर आ गया है।

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