अमेरिकी चुनाव में भारतीय प्रतिभाओं का प्रभाव, ममदानी के साथ अन्य विजेताओं ने किया कमाल

 न्यूयॉर्क

अमेरिका के न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में भारतीय मूल के मुस्लिम डेमोक्रेट ज़ोहरान ममदानी (34) ने ऐतिहासिक फतह हासिल की है. उन्होंने पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो और रिपब्लिकन कर्टिस स्लीवा को पटखनी देते हुए अमेरिका के सबसे अमीर शहर में इतिहास रच दिया है. इसके साथ ही वे अमेरिका के सबसे बड़े शहर के मेयर पद पर बैठने वाले पहले दक्षिण एशियाई और मुस्लिम शख्स बन गए हैं.

जोहरान ममदानी को इस चुनाव में 948,202 वोट (50.6 प्रतिशत) मिले, जिसमें से 83 प्रतिशत वोट पड़े थे. वह कई महीनों से NYC मेयर चुनाव में सबसे आगे चल रहे थे. एंड्रयू कुओमो एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे और चुनाव के एक दिन पहले ट्रंप का सपोर्ट मिला था. इसके बाद भी बेहद आसानी से ममदानी की जीत हो गई. 

कुओमो को 776,547 वोट (41.3 प्रतिशत) मिले, जबकि स्लीवा को 137,030 वोट मिले. न्यूयॉर्क सिटी चुनाव बोर्ड ने बताया कि 1969 के बाद पहली बार दो मिलियन वोट डाले गए, जिनमें मैनहट्टन में 444,439 वोट पड़े, उसके बाद ब्रोंक्स (187,399), ब्रुकलिन (571,857), क्वींस (421,176) और स्टेटन आइलैंड (123,827) का स्थान रहा. ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी चुनाव में कुओमो को हराया था और इस साल जून में उन्हें विजेता घोषित किया गया था.

ज़ोहरान ममदानी कौन हैं?

युगांडा के कंपाला में जन्मे ज़ोहरान ममदानी सात साल की उम्र में न्यूयॉर्क शहर चले गए और बाद में अमेरिकी नागरिक बन गए. उनकी मां मीरा नायर एक मशहूर भारतीय-अमेरिकी फिल्म निर्माता हैं और उनके पिता महमूद ममदानी कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं.

ममदानी की शादी सीरियाई-अमेरिकी कलाकार रमा दुवाजी से हुई है. इस जोड़े की सगाई अक्टूबर 2024 में हुई और इसी साल फरवरी में लोअर मैनहट्टन स्थित सिटी क्लर्क के कार्यालय में दोनों कोर्टहाउस में शादी के बंधन में बंध गए. बता दें कि ज़ोहरान ममदानी के अलावा और भी भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने अलग-अलग चुनावों में जीत हासिल की है.

भारतीय मूल की ग़ज़ाला हाशमी की जीत

भारतीय मूल की डेमोक्रेट ग़ज़ाला हाशमी ने रिपब्लिकन जॉन रीड को हराकर वर्जीनिया के लेफ्टिनेंट गवर्नर का चुनाव जीत लिया है. हाशमी वर्जीनिया सीनेट में सेवा देने वाली पहली मुस्लिम और पहली दक्षिण एशियाई अमेरिकी हैं, जो 15वें सीनेटरियल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करती हैं. हाशमी की इस जीत का मतलब है कि उनकी सीनेट सीट के लिए एक विशेष चुनाव होगा.

ग़ज़ाला हाशमी ने 2019 में सियासत में एंट्री ली और एक चौंकाने वाली जीत के साथ, रिपब्लिकन के कब्जे वाली स्टेट सीनेट सीट को जीत लिया और वर्जीनिया जनरल असेंबली के लिए चुनी गईं. पांच साल बाद, साल 2024 में उन्हें सीनेट शिक्षा और स्वास्थ्य समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जो दो महत्वपूर्ण डेमोक्रेटिक प्राथमिकताओं, प्रजनन स्वतंत्रता और सार्वजनिक शिक्षा, के लिए एक महत्वपूर्ण नेतृत्व पद है.

जेजे सिंह ने लहराया परचम

भारतीय मूल के जेजे सिंह ने वर्जीनिया के Virginia House of Delegates District 26 से चुनाव लड़ा था और यहां पर जीत हासिल की है. यह जिला मुख्य रूप से उत्तरी वर्जीनिया में स्थित है. 

जेजे सिंह का जन्म उत्तरी वर्जीनिया में एक पंजाबी सिख परिवार में हुआ था और वे फेयरफैक्स स्टेशन में पले-बढ़े. उनके माता-पिता 1970 में भारत से इस इलाके में आकर बस गए थे. उनके पिता अमर जीत सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत (मौजूदा पाकिस्तान) के पंजाब प्रांत के फैसलाबाद में हुआ था और भारत के बंटवारे के बाद वे भारत के हरियाणा आ गए. 

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