‘झूठ का मुंह काला’ — आरोपों से बरी हुईं विधायक अनुभा मुंजारे

बालाघाट
उत्तर सामान्य वनमंडल की डीएफओ (उत्तर) नेहा श्रीवास्तव द्वारा बालाघाट सीट से कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे पर दो-तीन पेटी रकम की व्यवस्था करने का आरोप लगाकर जिले व प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी थी। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में विधायक अनुभा को क्लीन चिट मिल गई है। हालांकि, इसे लेकर विभाग के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। ‘नईदुनिया’ से चर्चा में विधायक ने कहा कि जांच रिपोर्ट में किसी ने भी मेरे द्वारा पैसे मांगने की बात की पुष्टि नहीं की है। ये भाजपा के इशारे पर किया गया कृत्य था। जांच रिपोर्ट में मुझ पर लगे आरोप झूठे साबित हुए हैं। मुझे विश्वास था कि सच सामने आएगा। झूठ का मुंह काला हो गया।

18 अगस्त को डीएफओ नेहा श्रीवास्तव की लिखित शिकायत पर वन विभाग ने दो सदस्यीय टीम गठित की थी। सूत्रों की मानें तो टीम ने जांच उपरांत अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंप दी है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि डीएफओ नेहा की फारेस्ट रेस्टहाउस में विधायक द्वारा दो-तीन पेटी रकम मांगने की शिकायत की किसी भी गवाह ने पुष्टि नहीं की है। इसमें उन लाेगों के बयान लिए गए थे, जो रेस्टहाउस में तब मौजूद थे। क्लीन चिट मिलने के बाद एक बार फिर जिले में सियासी पारा चढ़ गया है।
 
‘मेरी राजनीतिक छवि खराब की गई’
अनुभा ने कहा- ‘रेस्टहाउस में डीएफओ नेहा श्रीवास्तव से दो-तीन पेटी मांगने की शिकायत एक तरह से भाजपा के इशारे पर किया गया कृत्य था। इसके सूत्रधार पूर्व कैबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन और उनकी पुत्री मौसम हरिनखेड़े थीं। उन्होंने मेरी राजनीतिक छवि खराब करने की कोशिश की, लेकिन सच्चाई सबके सामने है। इससे साबित हो गया कि डीएफओ कितनी झूठी और फरेबी है। गौरीशंकर बिसेन ने पर्दे के पीछे से इसमें राजनीति की है। क्योंकि वह अपनी बेटी को राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। मौसम हरिनखेड़े जरूर राजनीति करें, लेकिन वह किसी की लकीर मिटाकर अपनी लकीर बड़ी नहीं कर सकतीं। इस मामले से भाजपा ने आंबेडकर चौक पर मंच से मुझे और मेरे परिवार को कलंकित किया। व्यक्तिगत हमले किए गए। डीएफओ का आरोप मेरे परिवार को कलंकित करने वाला आरोप था। एक पल के लिए मैं भी विचलित हुई थी। मैंने अपने 30 साल की राजनीति में ऐसा घटनाक्रम पहले कभी नहीं देखा। क्लीन चिट मिलने से साजिशकर्ताओं के चेहरे पर करारा तमाचा है।'

डीएफओ अधर गुप्ता पर आरोप तय, पत्नी नेहा को भी नोटिस
बालाघाट के उत्तर व दक्षिण वनमंडल में पदस्थ डीएफओ पति-पत्नी अधर गुप्ता और नेहा श्रीवास्तव की मुश्लिकें बढ़ गई है। एक तरफ नेहा के आरोपों पर विधायक को क्लीन चिट मिल गई है, तो दूसरी तरफ नेहा से शासन ने एक मामले में सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। मामला वन सुरक्षा समिति लामता में एक टेंडर विवाद से जुड़ा है। इसकी शिकायत सुरक्षा समिति लामता के अध्यक्ष शत्रुघ्न असाटी ने की थी। डीएफओ नेहा ने शिकायतकर्ता को समिति के अध्यक्ष पद से हटाने का नोटिस जारी कर दिया। शासन ने इसे दुर्भावना से प्रेरित कार्रवाई माना।

वहीं, नेहा के पति डीएफओ अधर गुप्ता पर बाघ की रहस्यमय मौत और बगैर प्रोटोकाल शव जलाने के मामले में आरोप तय हो गया है। सूत्रों के अनुसार, प्रशासनिक कार्यों, वन्य जीव संरक्षण और वित्तीय अनुशासन में लापरवाही बरतने पर शासन ने 170 से अधिक पत्रों आरोप पत्र जारी किया है। अधर पर लगे मुख्य आरोपों में लालबर्रा क्षेत्र में एक बाघ की संदिग्ध मौत व अवैध दाह संस्कार, प्रकरण के आरोपित वनपाल टीकाराम हनोते व वनरक्षक हिमांशु घोरमारे के फरार होने का मामला शामिल है।

More From Author

4.2 करोड़ लोगों के राशन पर संकट टला? एसएनएपी कटौती मामले में ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

कंबल वाले बाबा का भंडाफोड़: तेल-चूरन बेच रहे थे ‘औषधि’ बताकर, स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RO No. 13379/50

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.