36,600 करोड़ के निवेश प्रस्ताव हुए प्राप्त, 27,800 रोजगार होंगे सृजित

सभी निवेशकों का स्वागत है मध्यप्रदेश में
निवेशकों को सभी क्षेत्रों में दिया जा रहा है आगे बढ़ने का अवसर
तेलंगाना और मध्यप्रदेश की जोड़ी है हीरा-मोती की तरह
निवेशकों की सहूलियत के लिये बनाई 18 निवेश नीतियाँ
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हैदराबाद में ‘इन्वेस्टमेंट अपॉर्चुनिटीज इन मध्यप्रदेश’ सत्र को किया संबोधित

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में अनेक क्षेत्रों में निवेश की विद्यमान संभावनाओं को साकार करने के लिए सभी मिलकर कार्य करेंगे। मध्यप्रदेश की प्रोत्साहनकारी निवेश नीतियों से निरंतर निवेश आ रहा है। आज सभी के संयुक्त प्रयासों से अपने प्रदेश के साथ संपूर्ण देश की प्रगति का विचार रखते हुए क्रियान्वयन की राह पर आगे बढ़ना है। मध्यप्रदेश सरकार की 18 नवीन निवेश नीतियाँ निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। निवेशकों के लिये आवश्यक हुआ तो इन नीतियों की परिधि के बाहर जाकर भी उद्योगपतियों को हरसंभव सहयोग प्रदान किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार पलक-पांवड़े बिछाकर सभी निवेशकों का स्वागत कर रही है। हम हैदराबाद के निवेशकों के साथ एक नई डोर जोड़ने के लिये आये है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हैदराबाद में अनेक उद्योगपतियों ने मध्यप्रदेश में निवेश की इच्छा जताई है। इसमें 36 हजार 600 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जिससे लगभग 27 हजार 800 रोजगार सृजित होने की संभावना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को हैदराबाद में आयोजित ‘इन्वेस्टमेंट अपॉर्चुनिटीज इन मध्यप्रदेश’ सत्र में उद्योगपतियों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सत्र का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अन्य राज्यों में उन्होंने बिना राजनैतिक एजेंडा के सिर्फ एक उद्देश्य, औद्योगिक निवेश को लेकर यात्राएं की हैं। ऐसे इंटरैक्टिव सेशन मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास की बहुआयामी संभावनाओं को बताने और निवेश के लिए आमंत्रित करने का माध्यम बने हैं। यह क्रम चलता रहेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के विचारों का उद्योगपतियों और निवेशकों ने समर्थन करते हुए करतल ध्वनि से स्वागत किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि मैं बाबा महाकाल की नगरी से हूं। मध्यप्रदेश देश का एक मात्र राज्य है, जहां हीरा निकलता है। तेलंगाना राज्य में मोती निकलते हैं। इस प्रकार से हमारी जोड़ी हीरा-मोती की तरह है। हैदराबाद के लोग मोती की पहचान कर लेते हैं, उनके लिए आदमी पहचानना तो बहुत आसान है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हैदराबाद एक ऐसा शहर है, जो भविष्य को भांप कर आगे बढ़ता है। इसका अर्थ यह है कि हैदराबाद आने वाले समय का अनुमान लगाने में सक्षम है। यहां निवेशकों के साथ एक नई डोर जोड़ने के लिए आए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया में अपनी अलग पहचान बना चुका है। देश ने कई मिथकों को तोड़कर अंतरिक्ष सहित सभी क्षेत्रों में विकास की तेज गति हासिल की है। भारत अब रेल कोच भी निर्यात करने की स्थिति में है। मध्यप्रदेश में बीईएमएल को 18 हजार करोड़ लागत की रेल कोच निर्माण की यूनिट लगाने के लिए भूमि आवंटित की गई है। प्रदेश में डिफेंस टेक्नोलॉजी में बड़ा निवेश हो रहा है। राज्य में सभी क्षेत्रों के निवेशकों को आगे बढ़ने का अवसर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हाईड्रा पॉवर पंप स्टोरेज का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट नीमच में चंबल नदी पर बनाया जा रहा है, जिसका निर्माण आगामी 2 वर्ष में पूर्ण हो जाएगा। यह एक बड़ा प्रकल्प है। मध्यप्रदेश सरकार निवेशकों से किए हर संकल्प को पूरा कर रही है।

राज्यों के बीच साहचर्य का भाव है, देश बदल रहा है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्यों के बीच साहचर्य की भावना विकसित हो रही है। मध्यप्रदेश नदियों का मायका है और हमारे पास पर्याप्त जल उपलब्ध है। मध्यप्रदेश सरकार ने राजस्थान के साथ चल रहे सालों पुराने जल विवाद को खत्म कर पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) परियोजना को आगे बढ़ाया है। इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए केन्द्र सरकार 90 प्रतिशत राशि प्रदान कर रही है। आज का समय स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ने और प्रदेश को आगे बढ़ाने का है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में अब देश बदल रहा है। राज्य सरकार उद्योगपतियों और निवेशकों को मध्यप्रदेश में भी अपना कार्य शुरू करने का अवसर दे रही है। उद्योग-व्यापार बढ़ने से गरीबों और जरूरतमंदों को रोजगार मिलता है।

वन-टू-वन बैठकों में प्राप्त निवेश प्रस्ताव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हैदराबाद में आयोजित ‘इन्वेस्टमेंट अपॉर्चुनिटीज इन मध्यप्रदेश’ सत्र में उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा की। चर्चा के दौरान 10 कम्पनियों द्वारा 36 हजार 600 करोड़ के निवेश प्रस्ताव दिए गए। इससे लगभग 27 हजार 800 रोजगार सृजित होंगे। प्रमुख निवेश प्रस्ताव में एजीआई ग्रीनपैक कम्पनी द्वारा पैकेजिंग इंजीनियरिंग सेक्टर में 1500 करोड़ रुपये, एक्सिस एनर्जी वेंचर्स इंडिया कम्पनी द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर में 29 हजार 500 करोड़ रुपये, अनंत टेक्नालॉजीज कम्पनी द्वारा एयरो स्पेस सेक्टर में एक हजार करोड़, ऑटोमेटस्की सॉल्यूशंस कम्पनी द्वारा आईटी सेक्टर में एक हजार करोड़, कोलाबेरी इंक कम्पनी द्वारा फार्मा एण्ड ट्रेडिंग सेक्टर में एक हजार करोड़ रुपये, डर्माक्योर फार्मास्युटिकल्स कम्पनी द्वारा नवकरणीय ऊर्जा एवं आईटी सेक्टर में 150 करोड़ रुपये, विंडपोनिक्स इण्डिया कम्पनी द्वारा नवकरणीय ऊर्जा एवं कृषि सेक्टर में 280 करोड़ रुपये, विंटेज कॉफी एण्ड बेवरेजेस लिमिटेड कम्पनी द्वारा फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में 1100 करोड़ रुपये, विश्वनाथ प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कम्पनी द्वारा अधोसंरचना सेक्टर में 350 करोड़ रुपये और वुमेनोवा एग्रो फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी द्वारा फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में 720 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव दिया गया।

ग्रीनको ग्रुप के ग्रुप प्रेसिडेंट एवं फाउंडर श्री महेश कोली का अनुभव
ग्रीनको ग्रुप प्रेसिडेंट श्री महेश कोली ने बताया कि ग्रीनको ने पिछले 10 वर्षों में मध्यप्रदेश में 12 हजार करोड़ रूपये से अधिक का निवेश से 3 हजार मेगावॉट क्षमता वाले नवकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट स्थापित किए हैं। आने वाले पाँच वर्षों में 25 हजार करोड़ रुपये के निवेश की योजना भी तैयार है, जो मध्यप्रदेश के प्रति उनके विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि नीमच में 1,900 मेगावॉट का हाइड्रो स्टोरेज प्रोजेक्ट किसी भी अन्य देश में 8 से 10 वर्ष में पूरा होता, जबकि मध्यप्रदेश में यह 3 वर्षों से भी कम समय में पूरा हुआ है। पहला प्रोजेक्ट 4 से 5 वर्ष में पूरा हुआ था, लेकिन मौजूदा प्रोजेक्ट की तेज प्रगति यह साबित करती है कि नीति स्पष्टता, प्रशासनिक सहयोग और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता ने विकास को अभूतपूर्व गति दी है।

मध्यप्रदेश में निवेश प्रक्रिया अत्यंत सहत और तीव्र : श्री मीला
सुधाकर पाइप्स के अध्यक्ष श्री जयदेव मीला ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनके लिए मध्यप्रदेश में निवेश प्रक्रिया अत्यंत सहज और तीव्र रही। उनका उद्यम उज्जैन में स्थापित है और जब वे निवेश के लिए संबंधित विकास निगम से संपर्क करने गए तो उन्हें त्वरित और निष्ठावान मदद मिली। केवल कुछ दिन में भूमि का निरीक्षण, औपचारिकताएँ और अग्रिम राशि का निपटान संभव हुआ।

मध्यप्रदेश का प्रशासनिक और तकनीकी दृष्टिकोण बेहद प्रभावी : डॉ. पवुलुरी
अनंत टेक्नोलॉजीज़ के प्रबंध निदेशक डॉ. सुब्बाराव पवुलुरी ने कहा कि मध्यप्रदेश में ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ का अनुभव वास्तव में उल्लेखनीय है। उन्होंने बताया कि वे स्पेस और सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के क्षेत्र से जुड़े हैं, जहाँ बड़े पैमाने पर सरकारी सहयोग, स्पष्ट नीतियाँ और तेज़ फैसले अत्यंत आवश्यक होते हैं। इस दृष्टि से मध्यप्रदेश का प्रशासनिक और तकनीकी दृष्टिकोण बेहद प्रभावी है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश भौगोलिक रूप से इतना विस्तृत है कि यह स्वयं एक बड़े यूरोपीय देश की तरह विविध संभावनाएँ समेटे हुए है। ऐसे में उन्नत स्पेस टेक्नोलॉजी, हाई-एंड डिज़ाइन, डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और अत्याधुनिक एयरोस्पेस सिस्टम्स के विकास के लिए यह राज्य एक आदर्श गंतव्य साबित हो सकता है।

मध्यप्रदेश तेज़ी से बन रहा है भारत का प्रमुख टियर-2 टेक हब : एसीएस श्री दुबे
अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री संजय दुबे ने कहा कि मध्यप्रदेश तेज़ी से भारत का प्रमुख टियर-2 टेक हब बन रहा है। इंदौर-भोपाल कम लागत, उच्च जीवन-स्तर, स्वच्छ वातावरण और भरपूर कुशल प्रतिभा का अनोखा मेल प्रस्तुत कर रहे हैं। यहाँ ऑफिस किराया, वेतन, बिजली व रियल एस्टेट की लागत देश में सबसे कम है। हर साल 90 हजार से अधिक उच्च-शिक्षित युवा तैयार हो रहे हैं और 5,211 स्टार्ट-अप राज्य को नवाचार में अग्रणी बना रहे हैं। प्रदेश सरकार ने IT/ITeS, GCC, AVGC-XR, ड्रोन, सेमीकंडक्टर, स्पेसटेक, AI, रोबोटिक्स आदि क्षेत्रों के लिए देश की सबसे आकर्षक नीतियाँ लागू की हैं, जिनमें कैपेक्स-पेरोल सब्सिडी, R&D फंडिंग और सस्ती बिजली जैसे प्रोत्साहन शामिल हैं। भोपाल में 2000 एकड़ की प्रस्तावित नॉलेज सिटी वैश्विक विश्वविद्यालयों, अनुसंधान एवं विकास केन्द्र और टेक कंपनियों को एक छत के नीचे लाकर भारत के ज्ञान-नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को नया आयाम देगी। बेहतर जीवन और विश्वस्तरीय प्रतिभा के साथ मध्यप्रदेश अब भारत का सबसे मज़बूत टियर-2 टैलेंट व इनोवेशन इंजन बनने जा रहा है।

मध्यप्रदेश सबसे विश्वसनीय एवं आदर्श निवेश गंतव्य : प्रमुख सचिव श्री सिंह
प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन श्री राघवेंद्र कुमार सिंह ने उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश की अपार संभावनाओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ने पिछले एक वर्ष में 5 देशों में निवेश सत्र एवं सभी संभागों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित कर निवेशकों का विश्वास कई गुना बढ़ाया है। मध्यप्रदेश देश का पाँचवाँ सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है। यहाँ पीएम मित्र पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, फुटवियर पार्क, लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित हो रहे है। राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को 50% तक पूंजीगत सहायता, 40% कैपिटल सब्सिडी, 100% स्टाम्प ड्यूटी छूट, एफडीआई-एक्सपोर्ट मल्टीप्लायर जैसी सहायता दी जा रही हैं। साथ ही मेगा प्रोजेक्ट्स के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमिटी द्वारा विशेष पैकेज, सिंगल विंडो क्लीयरेंस, ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में शीर्ष स्थान, नो मेनडेज लॉस एवं स्थिर प्रशासन के साथ मध्यप्रदेश सबसे विश्वसनीय एवं आदर्श निवेश गंतव्य है।

उद्योगपतियों के साथ राउण्ड टेबल बैठक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव हैदराबाद में फार्मा एवं बायोटेक सेक्टर की राउंडटेबल बैठक में फार्मा एवं बायोटेक जगत के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि उज्जैन में विकसित मेडिकल डिवाइस पार्क में विश्वस्तरीय अधोसंरचना तैयार हो रही है और इसके द्वितीय चरण के लिए शीघ्र ही निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब बायोटेक क्षेत्र में नई दिशा तय कर रहा है। कृषि, औषधीय पौधों और वन-संपदा के विशाल आधार के साथ प्रदेश जैव-प्रौद्योगिकी आधारित कृषि एवं उत्पादन के लिए तैयार मंच है। नीमच में भारत सरकार की नेशनल बायोटेक्नोलॉजी पार्क्स स्कीम के तहत प्रदेश का पहला बायोटेक पार्क भी शीघ्र स्थापित होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राउंड टेबल केवल संवाद का मंच नहीं बल्कि इंटर-स्टेट कोलैबोरेशन का भी अवसर है। हमारा प्रयास है कि हम फार्मा, बायो- मैन्युफैक्चरिंग, अनुसंधान, और स्किल अपग्रेडेशन के क्षेत्र में काम करें। मध्यप्रदेश की सभी इन्वेस्टमेंट पॉलिसियां निवेशकों के हित में बनाई गई है। ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस को हर स्तर पर सुदृढ़ किया जा रहा है। भूमि आवंटन से लेकर के सभी स्वीकृतियाँ अब इन्वेस्ट एमपी के नवीन पोर्टल पर सुगम, पारदर्शी और समयबद्ध रूप से उपलब्ध हैं। राज्य सरकार हर निवेशक, हर शोधकर्ता और हर स्टार्ट-अप के साथ 'पार्टनर-इन-प्रोग्रेस' के रूप में खड़ी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी उद्योगपतियों, वैज्ञानिकों और स्टार्ट-अप्स को मध्यप्रदेश की विकास यात्रा के सहभागी बनने के लिए आमंत्रित किया।

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