प्रयागराज
संगम तट पर हर वर्ष लगने वाला माघ मेला बेहद खास है. आध्यात्मिक मेलों में से एक माना जाने वाला माघ मेला पूरे एक माह तक चलता है. यह मेला करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है. इसे तप, साधना, संयम और जागरण का महापर्व कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. यही कारण है कि हर वर्ष मकर संक्रांति से लेकर पूरा माघ महीना लाखों श्रद्धालु संगम तट पर आकर स्नान, पूजा और साधना में लीन रहते हैं.
पुराणों में संगम को देवभूमि और पुण्यस्थल बताया गया है, जबकि अक्षयवट, सरस्वती कूप और त्रिवेणी क्षेत्र को प्राचीन काल से तपस्थली माना गया है. इतिहासकारों के अनुसार यह मेला कई हजार वर्षों से निरंतर आयोजित होता आ रहा है. समय के साथ इसकी भव्यता में लगातार बढ़ोतरी हुई है. आइए जानते हैं 2026 में माघ मेला की शुरुआत कब होगी, यह कितने दिनों तक चलेगा और इस दौरान पवित्र स्नान की तिथियां क्या रहेंगी.
माघ मेला 2026 कब से कब तक
पंचांग के मुताबिक, माघ मेला की शुरुआत पौष पूर्णिमा के दिन से शुरू होकर महाशिवरात्रि तक चलेगी. यानी माघ मेला 3 जनवरी 2026 से शुरू होकर 15 फरवरी 2026 तक चलेगा. इस दौरान 6 प्रमुख माघ स्नान किए जाएंगे, जिसमें मौनी अमावस्या के स्नान को सबसे प्रमुख स्नान माना जाता है.
पौष पूर्णिमा – 3 जनवरी 2026
मेला का शुभारंभ पौष पूर्णिमा के पवित्र स्नान से होता है. इसी दिन कल्पवास भी प्रारंभ होता है. श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर अपने आध्यात्मिक तप की शुरुआत करते हैं.
मकर संक्रांति – 14 जनवरी 2026
मकर संक्रांति को सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करता है. इसे अत्यंत पुण्यदायी स्नान तिथि माना गया है. इसी दिन दूसरा शाही माघ स्नान होता है. लाखों श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाते हैं.
मौनी अमावस्या – 18 जनवरी 2026
मौनी अमावस्या माघ मेला का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण स्नान पर्व माना जाता है. मौन साधना, दान और संगम स्नान इस दिन विशेष फलदायी होते हैं. यह दिन तीसरे प्रमुख स्नान के रूप में मनाया जाएगा.
वसंत पंचमी – 23 जनवरी 2026
बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक वसंत पंचमी को चौथा प्रमुख स्नान आयोजित होगा. यह दिन सरस्वती पूजा और नए उत्साह का प्रतीक माना जाता है.
माघी पूर्णिमा – 1 फरवरी 2026
यह तारीख कल्पवासियों के लिए विशेष महत्व रखती है. माघी पूर्णिमा पर संगम स्नान और दान को अत्यंत शुभ माना जाता है। यह मेला का पांचवां बड़ा स्नान है.
महाशिवरात्रि – 15 फ़रवरी 2026
माघ मेला का समापन महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर अंतिम स्नान के साथ होगा. भगवान शिव के ध्यान, उपवास और पूजा के साथ संगम स्नान करने का विशेष महत्व है.




