नई दिल्ली
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक ओर कहा, ‘सिंध भले ही आज भौगोलिक रूप से भारत का हिस्सा नहीं, लेकिन सभ्यता के नजरिये से सिंध हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा. जहां तक जमीन की बात है, सीमाएं बदल सकती हैं. कौन जानता है कि कल सिंध फिर भारत में वापस आ जाए.’ उनके बयान से पाकिस्तान में हलचल मची हुई है. दूसरी ओर खबर आ रही कि पाकिस्तान से लगते इंटरनेशनल बॉर्डर और एलओसी पर हलचल तेज हो गई है. कहा तो यहां तक जा रहा कि भारत ने इस इलाके में फौज की संख्या दोगुनी कर दी है. हालांकि, इसके पीछे वजह कुछ और बताई जा रही है.
दरअसल, दिल्ली ब्लास्ट के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट पर हैं. ब्लास्ट के तुरंत बाद से ही केंद्र और राज्य की खुफिया एजेंसियां लगातार इनपुट साझा कर रही हैं, जिन्हें देखते हुए इंटरनेशनल बॉर्डर (IB) और लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) दोनों ही सेक्टरों में फोर्सेज की तैनाती को कई स्तर पर बढ़ा दिया गया है. सीमा पर हालात कितने गंभीर हैं, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जवानों की संख्या दोगुनी कर दी गई है और गश्त का दायरा भी रात-दिन लगातार बढ़ाया गया है.
दिल्ली ब्लास्ट के बाद आतंकियों की हलचल तेज
इनपुट्स के अनुसार फिलहाल जम्मू-कश्मीर में करीब 131 आतंकी सक्रिय हैं, जिनमें से 117 पाकिस्तानी आतंकी बताए जा रहे हैं. इनके साथ 14 स्थानीय मददगार भी शामिल हैं, जो इन आतंकियों को हाइडआउट बदलने, मूवमेंट छिपाने और संसाधन उपलब्ध कराने में मदद करते हैं. वहीं, सीमा पार भी बड़ी संख्या में आतंकी घुसपैठ की फिराक में बैठे हुए हैं.
सर्दियों का मौसम जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के लिए एक अलग चुनौती लेकर आता है. पुंछ-राजौरी सेक्टर में बर्फबारी और गहरी धुंध के कारण एलओसी के रास्ते से घुसपैठ लगभग नामुमकिन हो जाती है. ऐसे में खुफिया एजेंसियों को यह इनपुट मिल रहा है कि आतंकी अब इंटरनेशनल बॉर्डर (IB) को घुसपैठ का नया रास्ता बनाने की तैयारी में हैं.
इंटरनेशनल बॉर्डर पर बढ़ी हलचल
यही वजह है कि सेना और बीएसएफ ने इंटरनेशनल बॉर्डर पर सुरक्षा तैनाती को दोगुना कर दिया है. पेट्रोलिंग के दौरान महिला और पुरुष जवान दोनों शामिल किए गए हैं. खास बात यह है कि पेट्रोलिंग टीम में वही महिला अधिकारी भी तैनात हैं, जिन्होंने हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के कई पोस्ट को ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई थी.
उस इंटरनेशनल बॉर्डर तक पहुंची, जहां से पाकिस्तानी पोस्ट महज कुछ मीटर की दूरी पर साफ दिखाई देती हैं. यह वही जोन है जहां दुश्मन हर समय नजर बनाए रखता है. हालात बेहद चुनौतीपूर्ण हैं. सामने पाकिस्तान का पोस्ट, हर क्षण खतरा, और पहरेदारी में जरा भी ढिलाई की गुंजाइश नहीं.
हथियार हर पल तैयार
बीएसएफ और सेना के जवानों ने बताया कि उनके हथियार हर समय लोडेड और तैयार रहते हैं. पेट्रोलिंग के दौरान उनकी निगाहें लगातार पाकिस्तान की दिशा में रहती हैं. एक जवान ने कहा, पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता. वे कभी भी किसी भी हरकत की कोशिश कर सकते हैं. इसी लिए हर सेकेंड अलर्ट रहना पड़ता है. एक महिला अधिकारी ने कहा, खतरे कई हैं, लेकिन हमारे अंदर कोई डर नहीं है. हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं. बॉर्डर पर हम हैं, तो देश सुरक्षित है.
ड्रोन खतरा बड़ा, अब स्पेशल ट्रेनिंग दे रही सेना
जवानों ने यह भी खुलासा किया कि पहले सीमा पर मुकाबला केवल ‘रेंज फाइट’ तक सीमित था. यानी दूर से फायरिंग. लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से ड्रोन का इस्तेमाल बेहद नजदीक से किया गया. इसके बाद से जवानों को ड्रोन डिटेक्शन और ड्रोन-न्यूट्रलाइजेशन की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. फोर्सेज के अनुसार पाकिस्तान सीमा पर तैनात पोस्टों से ड्रोन भेजने की कई असफल कोशिशें पहले भी हुई हैं. यही वजह है कि अब हर पेट्रोलिंग टीम में ‘एंटी-ड्रोन गियर’ और प्रशिक्षित जवान शामिल किए गए हैं.
जवानों का स्पष्ट संदेश
जवानों ने कैमरे पर सीधे पाकिस्तान को संदेश भेजते हुए कहा, सीमा पर कोई भी नापाक हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पाकिस्तान की किसी भी कोशिश को कामयाब नहीं होने देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि चाहे घुसपैठ की कोशिश हो, ड्रोन से हथियार भेजने की साजिश, या पाक रेंज से फायरिंग, हर तरह की प्रतिकूल परिस्थिति से निपटने के लिए वे पूर्ण रूप से तैयार हैं.




