रूस
रूस ने साफ कर दिया है कि उसकी रणनीतिक रक्षा साझेदारी भारत के साथ न सिर्फ मजबूत है, बल्कि नए तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्रों में तेजी से विस्तार कर रही है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से पहले रूस के प्रथम उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंतुरोव ने कहा कि को-प्रोडक्शन, जॉइंट डेवलपमेंट और लोकलाइजेशन अब भारत–रूस रक्षा रिश्तों के मुख्य आधार बन चुके हैं।मंतुरोव ने बताया कि पिछले एक दशक में भारत की 30% से अधिक रक्षा खरीद रूस से हुई है, जो इस साझेदारी की गहराई को दिखाता है। उन्होंने कहा-“भारत–रूस सैन्य-तकनीकी सहयोग हर साल और मजबूत होता जा रहा है। अब हमारा मुख्य फोकस सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट्स के बजाय तकनीकी साझेदारी और ‘मेेक इन इंडिया’ के अनुरूप सहयोग पर है।”
S-400 पर भ्रम खत्म
मंतुरोव ने S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर किसी भी तरह की देरी या विवाद की खबरों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया-“यह कॉन्ट्रैक्ट तय समयसीमा के अनुसार पूरी तरह क्रियान्वित हो रहा है।”भारत के लिए S-400 की समय पर आपूर्ति बेहद अहम है, क्योंकि यह सिस्टम देश की लॉन्ग-रेंज एयर डिफेंस क्षमता को कई गुना बढ़ाता है। मंतुरोव ने याद दिलाया कि भारत–रूस संबंध 2000 में पुतिन की यात्रा के दौरान हुए “स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप डिक्लेरेशन” से नई ऊंचाइयों पर पहुंचे और 2010 में यह संबंध और अपग्रेड होकर “स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप” बन गया।




