शिक्षक की मृत्यु के बाद बेटे की याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने कहा—अनुकंपा नियुक्ति अनिवार्य नहीं

जबलपुर
 मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक अहम आदेश में कहा है "अनुकंपा नियुक्ति अधिकार नहीं है. मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा सकती है. कर्मचारी की मृत्यु के 7 साल बाद परिजन अनुकंपा नियुक्ति की दावेदारी नहीं कर सकते." हाई कोर्ट जस्टिस दीपक खोत ने इस आदेश के साथ याचिका को खारिज कर दिया.

बालिग होने के बाद अनुकंपा नियुक्ति की मांग

आशुतोष साध ने याचिका में कहा "उसके पिता गवर्नमेंट मिडिल स्कूल ब्लॉक केसला तहसील इटारसी में असिस्टेंट टीचर थे. नौकरी के दौरान दिसम्बर 2008 में पिता की मौत हो गयी. उस समय वह नाबालिग था और उसकी उम्र महज 11 साल थी. वह सितंबर 2015 में बालिग हुआ था और साल 2016 में हायर सेकेंडरी एग्जाम पास किया."

याचिकाकर्ता ने अप्रैल 2016 को अनुकंपा नियुक्ति के लिए डीईओ को आवेदन दिया था, उसे सूचित किया गया कि उसके पिता आदिवासी कल्याण विभाग में पदस्थ थे. इसलिए वह सहायक आयुक्त आदिवासी कल्याण विभाग में आवेदन दें.

याचिकाकर्ता के पास बीएड व डीएड की डिग्री नहीं

इसके बाद आशुतोष साध ने सहायक आयुक्त के समक्ष आवेदन पेश किया. उसके आवेदन पर उच्च अधिकारी से मार्गदर्शन मांगा गया. विभाग की तरफ जारी पत्र के अनुसार उसने जुलाई 2019 में अपने दस्तावेज जमा कर दिये थे. विभाग ने नियुक्ति के लिए उसकी पसंद पूछी थी तो उसने शिक्षक कैडर बताया. विभाग ने जनवरी 2020 के पत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि 3 दिन के अंदर सर्टिफिकेट जमा नहीं होने पर उसका आवेदन निरस्त कर दिया जायेगा. याचिकाकर्ता के पास बीएड तथा डीएड की डिग्री नहीं थी, जो टीचिंग कैडर के लिए आवश्यक है.

याचिकाकर्ता ने काफी देर से दिया आवेदन

याचिकाकर्ता ने ग्रेजुएशन की डिग्री के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने या बीएड की डिग्री के लिए दो साल का समय प्रदान करने के आग्रह किया. इसके बाद 3 सदस्यीय कमेटी ने उसके आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि साल 2014 की पॉलिसी के अनुसार बालिग होने के एक साल के अंदर अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन करना था. लगभग 11 माह बाद आवेदन किया. याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि उसने अज्ञानतावश अप्रैल 2016 में आवेदन किया था, जो निर्धारित समय सीमा के अंदर था.

हाई कोर्ट ने आदेश सुनाकर आवेदन किया खारिज

एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया "याचिकाकर्ता के पिता का निधन 2008 में हुआ था. उस समय 2008 की पॉलिसी प्रभावी थी. अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन की अधिकतम समय सीमा 7 साल थी. कमेटी ने पॉलिसी 2014 के तहत आवेदन खारिज किया है. अनुकंपा पॉलिसी 2008 के अनुसार भी आवेदन निर्धारित समय अवधि के बाद दायर किया गया." एकलपीठ ने इस आदेश के साथ आवेदन खारिज कर दिया.

More From Author

राजीव गांधी एयरपोर्ट पर हंगामा! तकनीकी खराबी से IndiGo की फ्लाइट रद्द, यात्री घंटों रहे परेशान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RO No. 13379/51

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.