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बीजेपी को यदि ऊपरी असम की सभी सीटें जीतने का विश्वास तो विज्ञापन पर करोड़ों क्यों खर्च किए : कांग्रेस

गुवाहाटी : भारतीय जनता पार्टी पर जोरदार हमला बोलते हुए असम कांग्रेस प्रमुख रिपुन बोरा ने सोमवार को सवाल किया कि अगर भगवा पार्टी को ऊपरी असम की सभी 47 सीटों पर जीत हासिल करने का विश्वास है, तो उसने अखबारों में विज्ञापन देने के लिए करोड़ों रुपये क्यों खर्च किए।

गौरतलब है कि असम विधानसभा चुनाव में पहले चरण में 27 मार्च को 47 सीटों पर मतदान हुआ था।

कांग्रेस ने ऊपरी असम की सभी सीटों पर भाजपा की जीत का अनुमान लगाने वाले ‘‘विज्ञापन को खबर के रूप में प्रकाशित करने’’ के मामले में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रंजीत कुमार दास और आठ बड़े अखबारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है।

कांग्रेस ने भाजपा पर आदर्श आचार संहिता, जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के प्रावधान 126ए और चुनाव आयोग द्वारा 26 मार्च को जारी निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। बोरा ने आरोप लगाया कि इस अनुमान को लेकर भाजपा नेताओं में एकमत नहीं है और वे ऐसे विज्ञापनों के माध्यम से अपनी असफलता को छुपाना चाहते हैं।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘सबसे पहले भाजपा ने कहा कि वह 46 सीटें जीतेगी, फिर विज्ञापन में दावा किया गया कि भागवा दल सभी 47 सीटों पर जीत दर्ज करेगा। बाद में राज्य भाजपा के अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी को 42 सीटें मिलेंगी और अंत में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा 37 सीटों पर जीत हासिल करेगी।’’

बोरा ने कहा, ‘‘कितनी सीटों पर जीत हासिल करनी है, इसे लेकर भाजपा नेताओं में एकमत नहीं है क्योंकि वे जनता को भ्रमित करना और अपनी असफलता को छुपाना चाहते हैं। अगर उन्हें पहले चरण के चुनाव में सभी सीटों पर जीत का इतना ही विश्वास है, तो वे अखबारों में विज्ञापन पर करोड़ों रुपये क्यों खर्च कर रहे हैं।’’

रविवार को प्रकाशित विज्ञापनों को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नितिन खड़े के पास, जबकि अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने भारत निर्वाचन आयोग में शिकायत देकर भाजपा और अखबारों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की है।उन्होंने कहा, ‘‘सवाल यह भी उठता है कि ऐसे क्या हालात पैदा हो गए हैं कि भाजपा को अपनी जीत के अनुमान का विज्ञापन छपवाने पर करोड़ों रुपये खर्च करने पड़े। यदि उसे जीत का भरोसा है तो उसपर जोर देने के लिए पैसे क्यों खर्च करने हैं?’’(इनपुट-भाषा)

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