नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा का शुक्रवार की सुबह निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे। माना जा रहा है कि उनकी मृत्यु कोविड-19 के कारण हुई। वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
मिली जानकारी के मुताबिक अधिकारियों के मुताबिक, ऐसा समझा जा रहा है कि सिन्हा के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता बृहस्पतिवार रात को चला था। उन्होंने आज तड़के चार बज कर करीब तीस मिनटपर अंतिम श्वांस ली।
बिहार कैडर के 1974 बैच के अधिकारी सिन्हा ने 21 साल की आयु में प्रतिष्ठित यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) परीक्षा उत्तीर्ण की थी। सिन्हा 2012 में सीबीआई प्रमुख बने थे। उन्होंने पुलिस सेवा में चार दशक पुराने अपने करियर में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) एवं रेलवे सुरक्षा बल का नेतृत्व किया था और पटना एवं दिल्ली में सीबीआई में वरिष्ठ पदों पर जिम्मेदारी निभाई।
आईटीबीपी ने एक बयान में कहा, ‘‘आईटीबीपी के महानिदेशक एवं सभी रैंक के कर्मी आईटीबीपी के पूर्व महानिदेशक रंजीत सिन्हा के दु:खद निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं। उन्होंने एक सितंबर, 2011 से 19 दिसंबर, 2012 तक महानिदेशक के रूप में और इससे पहले अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में बल में सेवाएं दी थीं। उन्हें उनके पेशेवर कौशल एवं असाधारण नेतृत्व के लिए हमेशा याद किया जाएगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।’’
सिन्हा ने भारतीय लोक प्रशासन संस्थान से एमफिल की डिग्री ली थी। वह पढ़ने एवं लिखने के बहुत शौकीन थे और विभिन्न पत्रिकाओं में नीति संबंधी मामलों में नियमित रूप से योगदान देते रहते थे।
प्रतिष्ठित सेवा के लिए पुलिस पदक और विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित सिन्हा ने रांची, मधुबनी एवं सहरसा जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और बिहार के नक्सल प्रभावित मगध प्रमंडल में पुलिस उपमहानिरीक्षक के तौर पर सेवाएं दीं।