रायपुर : जैन धर्म मे चारो दादा गुरुदेव के चमत्कारों व उनकी साधना कि आराधना निमित्ते बड़ी पूजा का विधान प्रति माह पूनम व अमावस्या में किया जाता है उसी के अनुरूप आज चैत्री पूनम को भैरव सोसाइटी की जैन दादाबाड़ी में कलात्मक मार्बल कि छतरी में विराजमान चारो दादागुरुदेव की चमत्कारिक मूर्तियों के सम्मुख विधिकारक व ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष बैद द्वारा कोविड नियमों का पालन करते हुए मंत्र नवकार हमे प्राणों से प्यारा है
ये वो जहाज जिसने लाखों को तारा के पवित्र स्वर लहरियों से पूजा का आगाज किया फिर पूर्ण विधि विधान से अक्षत नारियल पान पत्ता व नैवेद्य समर्पित करते हुऐ मंत्रोच्चार के साथ स्थापना का विधान सम्पन्न किया फिर प्रथम विधान के बोल ईश्वर जग चिंतामणि कर परमेष्ठी ध्यान गणधर पड़ गन वर्णना पूजन करो सुजान कि चौपाइयों द्वारा प्रथम नवहन विधान में पवित्र जल से मूर्तियों का अभिषेक किया गया दिव्तीय विधान केशर चंदन मृगमदा कर घनसार मिलाप, परचा जिनदत्त सूरी का पूज्य छुटे पाप के द्वारा केशर चंदन का समर्पण किया गया उपरोक्त जानकारी ट्रस्ट के महासचिव महेन्द्र कोचर ने देते हुए बताया कि विधिकारक के द्वारा कैसे कैसे अवसर में गुरु राखी लाज हमारी मोको सबल भरोसो तेरो चंद्र सूरी पट्टधारी जे द्वारा पूरे भारत को कोविड की महामारी से मुक्त करने की भाव पूर्ण अरदास की गई आगे कोचर ने बताया कि ऐसी कर्म में पुष्प धूप दीप अक्षत नैवेद्य व फल पूजा के आठ विधान में समर्पण के मंत्रोच्चारण के साथ दादा गुरुदेव कि मूर्तियों के सम्मुख अष्ट प्रकारी पूजन किया गया व आठवे विधान में पहल पूजा से पहल मिले-प्रगटे नव निधान-चहु दिशा कीरत विस्तरे-पूजन करो सुजान के बोलो से गुरुदेव से प्राथना की गई 9 वे विधान में वस्त्र समर्पित कर गुरुदेव के चमत्कारों का वर्णन दरिया बीच जहाज श्रावक की डूबन खतरे आवे-साँचे मन सुमरे सद्गुरु को दुख संकट से मुक्ति पावे के बोलो के साथ किया 10 वे विधान में ध्वज पूजा गुरुराज कि लचके पवन प्रचार -तीन लोक के शिखर पर सो पहुचे नर नार की चौपाइयों से चांदी की ध्वजा को तीन फेरी देकर शिखर में समर्पित किया गया ग्यारहवे विधान में अर्ध्य के द्वारा शुद्धिकरण का विधान सम्पूर्ण किया गया-पूजा के लाभार्थी परिवार अनमोल जी ममता जी जैन, वर्धमान वर्तिका वैभव चोपड़ा , मूलचंद संतोष सरल बैद , करणमल संपतलाल घीया- बसंत जी जितेन्द्र नाहर ,गुमानचन्द सुरेशचंद झाबक,चन्दरीदेवी कांकरिया व गुप्त लाभार्थी परिवार थे पूजा की समाप्ति आरती व मंगल दीपक के साथ संपन्न हुई पूजा में निर्मल पारख प्रतिभा बाफना व बैद उपस्थित थे..