मध्य भारत के सबसे बड़े इनोवेशन कार्निवल ‘नवोन्मेष 2025’ का हुआ समापन

नई स्टार्टअप नीति के माध्यम से अगले दो वर्षों में मप्र को बनाएंगे बेस्ट स्टार्टअप स्टेट : श्री चेतन्य कश्यप

कौशल, विद्या और उद्यम के साथ आने से समाज की उन्नति होती है सुनिश्चित : श्री संतोष चौबे

–    स्विगी के सीईओ श्री रोहित कपूर ने की-नोट सेशन में युवाओं से किया संवाद
–    एड मैड शो, रोबो फाइट में युवाओं ने दिखाया टैलेंट

भोपाल,

उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने अटल इंक्यूबेशन सेंटर-रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी में आयोजित किए जा रहे मध्य भारत के सबसे बड़े इनोवेशन कार्निवाल 'नवोन्मेष 2025' का बुधवार को समापन हुआ। इस दौरान कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों में मध्य प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री श्री चैतन्य कश्यप, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे, स्कोप ग्लोबल स्किल विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, एआईसी-आरएनटीयू के निदेशक डॉ. नितिन वत्स, मप्र स्टार्टअप सेंटर की एग्जीक्यूटिव हेड डॉ. आभा ऋषि, आरएनटीयू के कुलगुरू प्रो आर.पी. दुबे, एसजीएसयू के कुलगुरु डॉ. विजय सिंह उपस्थित रहे। इस दौरान मध्य प्रदेश शासन के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री श्री चैतन्य कश्यप ने कार्यक्रम में बताया कि अंग्रेजों एवं मुगलों के आने से पहले से भारत में उद्यमिता की संस्कृति रही है तब हस्तशिल्प, कला, सिल्क, मेटल इत्यादि के कारीगर बड़ी संख्या में काम करते थे और व्यापारी इस सामान को देश-दुनिया तक बेचने जाते थे। उस समय भारत का दुनिया की जीडीपी में करीब 25 प्रतिशत का योगदान था। फिर आक्रमणकारियों और अंग्रेजों की नीतियों के चलते हमारे उद्योग खत्म हुए और हम नौकरी करने वाले बन गए। आज लेकिन भारत के प्रधानमंत्री और मप्र के मुख्यमंत्री के विजन के तहत हम लगातार उद्योगों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं जिसके तहत स्टार्टअप पॉलिसी को भी लॉन्च किया गया है। 100 करोड़ के फंड को भी रखा गया और उद्योगों के विकास के लिए संपूर्णता से कार्य किया जा रहा है जिससे अगले दो वर्षों में मप्र को देश का बेस्ट स्टार्टअप स्टेट बनाया जा सके। साथ ही उन्होंने श्री संतोष चौबे द्वारा किए गए कार्यों को सराहा और कहा कि उन्होंने तब आईसेक्ट नाम का यह स्टार्टअप किया जब स्टार्टअप का नाम भी नहीं था।

मप्र निजी विवि नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. भरत शरण जी ने “मास प्रोडक्शन” की बजाय “प्रोडक्शन बाय मासेस” की अवधारणा को सामने रखा। इसके अलावा उन्होंने आत्मनिर्भर भारत को बनाने में युवाओं की महती भूमिका को रेखांकित किया।

श्री संतोष चौबे ने अपने उद्बोधन में उद्योग और शिक्षा के संबंध पर बात करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति यह बात कहती है कि यूनिवर्सिटी में प्रोडक्शन सेंटर और उद्यमिता का सेंटर होने चाहिए जहां से प्रदेश की इकॉनमी को ताकत मिलती रहे। इसे लेकर हमने पांच साल पहले ही कार्य करना शुरू कर दिया था जिसके तहत इंडस्ट्री एकेडमिया पार्टरनरशिप का काम किया। हमने नीति आयोग के सहयोग से एआईसी आरएनटीयू की स्थापना की और अब तक करीब 135 स्टार्टअप इंक्यूबेट किए जा चुके हैं जिनमें से कई को करोड़ो की फंडिंग प्राप्त हो चुकी है। आगे उन्होंने कहा कि कौशल, विद्या और उद्यम जब साथ आते हैं तब समाज की उन्नति सुनिश्चित होती है। आगे उन्होंने कहा कि नवोन्मेष 2025 में दो दिनों के दौरान शामिल हुए युवाओं की यह रचनात्मक ऊर्जा आश्वस्त करती है कि मप्र में स्टार्टअप का भविष्य अच्छा है।

श्री सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने अपने वक्तव्य में अतिथियो का स्वागत किया और कहा कि हमारे प्रयास मप्र सरकार के विजन के साथ एलाइंमेंट में कार्य कर रहे हैं जिससे स्टार्टअप एवं लघु उद्योग को मजबूत बनाया जा सके। इसके अलावा नवोन्मेष 2025 के दो दिन के कार्यों का विवरण दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी हम भोपाल का पहला मीडियम रेंज ड्रोंस पर काम करने वाला सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करने जा रहे हैं।

स्विगी के सीईओ श्री रोहित कपूर का की-नोट सेशन

इससे पहले दिन की शुरुआत स्विगी कंपनी के सीईओ श्री रोहित कपूर के की-नोट स्पीकर सेशन से हुई जिसमें उन्होंने युवाओं से बात करते हुए सक्सेस के कई टिप्स दिए।

कोई काम बुरा नहीं, नहीं करना बुरा है
अपने वक्तव्य में उन्होंने युवाओं से कहा कि कोई काम अच्छा है कोई काम बुरा इस माइंडसेट से बाहर आना चाहिए। भारत में लोग अपने बच्चे को होटल में काम करते नहीं देखना चाहते परंतु जब बच्चा विदेश में पढ़ने जाता है और खर्चे के लिए मैक डोनाल्ड्स में काम करता है तो पैरेंट्स को कोई समस्या नहीं होती जबकि मैक डी वहां का एक छोटा सा होटल ही है। इसलिए काम को लेकर अच्छे बुरे की मानसिकता से बाहर आना चाहिए क्योंकि कोई काम बुरा नहीं, नहीं करना बुरा है। साथ ही उन्होंने पैरेंट्स से भी अपील की कि बच्चे यदि कुछ अच्छा करना चाहें तो उन्हें फ्रीडम दें और सहयोग करें।

6 इंच के स्क्रीन में न फसें
युवाओँ में बढ़ते मोबाइल के इस्तेमाल पर रोहित कपूर ने चेताया और कहा कि इस 6 इंच की स्क्रीन में मत फंसो और मेहनत करो। इसे इस्तेमाल करो भी तो नॉलेज लेने के लिए करो क्योंकि आज दुनिया का बेस्ट नॉलेज भी मुफ्त में अवेलेबल है। आप दुनिया में कहीं भी बैठे हों अगर आपके पास इंटरनेट है तो आपके पास इक्वेल अपॉर्च्यूनिटी है। इसे रील देखने के लिए मत इस्तेमाल करो।

“यू आर द एवरेज ऑफ 5 पीपल अराउंड यू”
अपने वक्तव्य में जिंदगी में दोस्ती और संगत के असर पर बात करते हुए रोहित कपूर ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति पर उसके आसपास के पांच लोगों का प्रभाव होता है। जैसे वे होते हैं वैसा ही वह बनता है। अगर संगत या दोस्ती बहुत अच्छे लोगों में है तो आप तरक्की करते जाते हैं। यहां अच्छे लोगों से तात्पर्य इलीट या बड़े लोगों से नही है अपितु ऐसे लोगों से है जिनके अंदर सीखने और कुछ करने का जुनून हो, जो अनुशासित हों और समय का मूल्य समझते हों। ऐसे लोग स्वयं भी आगे बढ़ते और अपने आसपास के लोगों को भी ज्ञान, अनुभव और प्रभाव से आगे बढ़ाते हैं।

अपनी एजुकेशन में एआई एवं नई स्किल्स का टॉप अप करें
करियर में सफलता पाने और लगातार आगे बढ़ते रहने के लिए अपनी ट्रेडिशनल एजुकेशन के साथ एआई और अन्य स्किल्स का टॉप अप करने की बात रोहित कपूर ने कही। उन्होंने कहा कि आज तकनीक की दुनिया में तेजी से चीजें बदल रही हैं। मैं जिस जगह पर काम कर रहा हूं उसके अनुभव से सभी को एक बात कहता हूं कि हर माह एआई टूल्स सीखें। ये आपको अपने करियर में प्रांसगिक बनाए रखेंगे। इसके अलावा लगातार नई स्किल्स को सीखते रहें, यह सफलता के लिए आवश्यक है।  

इन पांच बातों का हमेशा ध्यान रखें
–    नो बडी इज बेटर दैन यू (आपसे बेहतर कोई नहीं)
–    अपने पांच दोस्त स्वयं से चुनो
–    देश, समाज, फैमिली, काम और सेल्फ – सभी को ध्यान में रखकर काम करें किसी को भी पूरी तरह मिस न करें। जब आप कुछ बन जाएं तो समाज और देश को लौटाने की भी शुरुआत करें।
–    किसी एक चीज में बेस्ट बनने का प्रयास करें
–    नथिंग इज इम्पॉसिबल

एड मैड शो में प्रतिभागियों ने दिखाया क्रिएटिविटी और मार्केटिंग कौशल
नवोन्मेष 2025 के अंतर्गत आयोजित एड मैड शो में प्रतिभागियों ने अपनी रचनात्मकता, विपणन कौशल और ब्रांडिंग की समझ का शानदार प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (MCU), रबींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (RNTU), SGSU, सैम ग्लोबल यूनिवर्सिटी, आईपीईआर, ट्रूबा समेत विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के छात्रों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता के अंतिम चरण में 15 टीमें चयनित हुईं, जिन्होंने जूरी के समक्ष अपने विज्ञापन प्रस्तुत किए। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागी टीमों ने रमन ग्रीन्स और अलाना के उत्पादों पर केंद्रित विज्ञापन तैयार किए, जिनमें उन्होंने उत्पादों के लाभ और विशेषताओं को रोचक एवं रचनात्मक तरीके से प्रस्तुत किया। विज्ञापन न केवल मनोरंजक थे, बल्कि उन्होंने उत्पादों की ब्रांड वैल्यू को भी प्रभावी ढंग से दर्शाया। समापन सत्र में विजेता टीमों की घोषणा की गई जिसमें प्रथम स्थान पर एसजीएसयू की टीम 1 और उपविजेता सैम ग्लोबल यूनिवर्सिटी की टीम रही। तीसरे स्थान पर भी एसजीएसयू की टीम 2 रही।

स्टार्ट—अप की शुरूआत, फंडिग और ग्रोथ के लिये मिला गाईडेंस
'बियांड मेट्रोस:अन्लॉकिंग दि इंवेस्टमेंट पोटेंशियल आफ टियर 2 सिटी स्टार्ट—अप' विषय पर पैनल डिस्कशन सेशन में देश के जाने—माने भागीदारी की। इस मौके पर मयूरेश रामचंद्र राउत ने कहा कि टेलेंट का कोई सीमित दायरा नहीं होता है। खुद को कभी कम नहीं आंकना चाहिये। स्टार्ट—अप फाउंडर को अपनी जिम्मेदारी बेहतर तरीके से समझनी चाहिये। बीना त्रिवेदी ने कहा कि पहले नौकरी में अवसर के लिये युवा मेट्रो सिटी में देखते थे। लेकिन समय के साथ टेक्नॉलॉजी और इकोनॉमी में जितना ग्रोथ हुआ है उससे टियर—2 शहरों के युवाओं सहित सभी के लिये अवसरों के नये द्वार खुले हैं। राजेश शर्मा ने कहा कि किसी भी स्टार्ट—अप के लिये जरूरी है कि वह ऐसा इंवेस्टर्स ढूंढे जो स्टार्ट—अप के लिये इंवेस्ट करने के अलावा अन्य प्रकार की सुविधायें भी उपलब्ध कराये। विकास शारदा ने कहा कि किसी भी स्टार्ट—अप शुरू करने वाले फाउंडर को समझना चाहिये कि बिजनिस में कम्प्लाइंस बहुत जरूरी है। कई बार ऐसा न करने पर स्टार्ट—अप को बहुत नुकसान भी उठाना पड़ता है।

रोबो फाइट से लेकर एग्जीबिशन में उमड़ी युवाओं की भीड़
इसके अलावा कार्यक्रम में रोबो ड्रोन्स की फाइट देखने बड़ी संख्या में छात्र पहुंचे जहां उन्होंने प्रदेश और देशभर से आए छात्रों के ड्रोन्स की फाइट को देखा। रोबोट्स के अनूठे डिजाइन्स और उनकी फाइट ने सभी को प्रोत्साहित किया। इसके अलावा यंग इंवेंटर्स फेयर में छात्रों द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रोडक्ट्स की प्रदर्शनी भी विशेष आकर्षण का केंद्र रही।

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