एमेजॉन की सैटेलाइट इंटरनेट एंट्री, 27 सैटेलाइट इंटरनेट का पहला बैच अंतरिक्ष में पहुंचाया

नई दिल्ली

सैटेलाइट इंटरनेट की दुनिया में अबतक हमने सिर्फ एलन मस्‍क की इंटरनेट कंपनी स्‍टारलिंक का नाम सुना है या कहें ज्‍यादा सुना है। स्‍टारलिंक, भारत में भी अपनी सेवाएं शुरू करना चाहती है और उसने जियो व एयरटेल के साथ पार्टनरशिप की है। कई और कंपनियां जैसे- वनवेब भी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस दुनिया तक पहुंचा रही हैं। अब इस क्षेत्र में एमेजॉन ने एंट्री कर ली है। एमेजॉन बरसों से अपने प्रोजेक्‍ट कुइपर (Project kuiper) को पूरा करने का ख्‍वाब देख रही थी। वह एक-दो नहीं, बल्कि 3 हजार से ज्‍यादा सैटेलाइट्स को पृथ्‍वी की निचली कक्षा में पहुंचाएगी। इसकी शुरुआत सोमवार को हो गई, जब कंपनी ने 27 सैटेलाइट इंटरनेट का पहला बैच अंतरिक्ष में पहुंचाया।

2019 में ऐलान, अब फ्लोरिडा से लॉन्‍च

रिपोर्टों के अनुसार, एमेजॉन ने साल 2019 में प्रोजेक्‍ट कुइपर का ऐलान किया था। साेमवार को कंपनी ने इसकी शुरुआत की। 27 इंटरनेट टर्मिनल्‍स को लो-अर्थ ऑर्बिट में पहुंचा दिया। एमेजॉन का यह प्रोजेक्‍ट करीब 10 अरब डॉलर का है। कंपनी कुल 3236 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में पहुंचाने का लक्ष्‍य रखती है। इस क्षेत्र में उसका सीधा मुकाबला एलन मस्‍क की कंपनी स्‍टारलिंक से होगा।

प्रोजेक्‍ट कुइपर का मकसद क्‍या है

जिस तरह से स्‍टारलिंक दुनियाभर में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं उपलब्‍ध कराती है। उसी तरह से एमेजॉन भी कुइपर प्रोजेक्‍ट के जरिए यह काम करेगी। रिपोर्टों के अनुसार, वह उन इलाकों तक सैटेलाइट इंटरनेट पहुंचाएगी, जहां इंटरनेट की पहुंच नहीं है। सोमवार को हुए लॉन्‍च के दौरान कंपनी ने स्‍टारलिंक से कोई मदद नहीं ली। उसने अपने सैटेलाइट को बोइंग और लॉकहीड मार्टिन की कंपनी यूनाइटेड लॉन्च एलायंस (ULA) की मदद से अंतरिक्ष में भेजा। एटलस रॉकेट के जरिए सैटेलाइट को अंतरिक्ष में पहुंचाया गया।

देरी से लॉन्‍च हुआ है प्रोजेक्‍ट

एमेजॉन अपने प्रोजेक्‍ट कुइपर को पिछले साल ही लॉन्‍च कर देना चाहती थी, लेकिन इसमें देरी होती गई। अमेरिका के फेडरल कम्‍युनिकेशंस कमीशन ने कंपनी से कहा है कि वह तेजी से काम करे। अगले साल जून तक कम से कम आधे सैटेलाइट लॉन्‍च कर दे। यानी कंपनी को 15 सौ से ज्‍यादा सैटेलाइट लॉन्‍च करने होंगे। स्‍टारलिंक से मुकाबले के लिए यह जरूरी भी है। अगर कंपनी और देर करती है तो वह एलन मस्‍क की कंपनी से पिछड़ सकती है। मस्‍क की स्‍टारलिंक अब अमेरिका से बाहर निकलकर अफ्रीकी देशों, एशियाई देशों में अपनी सर्विस पहुंचा रही है। एमेजॉन को अमेरिका से शुरुआत करनी होगी और सिर्फ 27 सैटेलाइटों के दम पर यह नहीं हो पाएगा। ज्‍यादा से ज्‍यादा टर्मिनल्‍स को समय रहते स्‍पेस में पहुंचाना होगा।

More From Author

अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए मंदिरों के बाहर लगाए बोर्ड

मां नर्मदा के दर्शन करने अमरकंटक पहुंचे छत्तीसगढ़ के राज्यपाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.