ऑपरेशन सिंदूर के बाद स्मार्टफोन यूजर को बरतनी चाहिए ये सावधानियां

नई दिल्ली

भारत ने गुरुवार को ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया और पाकिस्तान व POK के कई इलाकों में कार्रवाई की। इसके बाद हो सकता है कि पाकिस्तान की तरफ से भी किसी तरह की गुस्ताखी की जाए। ऐसे में हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए भारतीय सेनाएं पूरी तरह से तैयार हैं। इन स्थितियों में अगर आप एक स्मार्टफोन यूजर हैं, तो कुछ सावधानियां आपको भी बरतनी चाहिए। आज हम कुछ ऐसी ही जरूरी एहतियातों के बारे में बताएंगे जिनका ध्यान रखते हुए आप न सिर्फ अपनी बल्कि भारतीय सेनाओं की भी मदद कर सकते हैं।

सेना की गतिविधियां शेयर न करें
पिछले दिनों भारतीय सेना के प्रतिष्ठित पूर्व अधिकारी और लेखक रहे सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने सभी नागरिकों से अपील की थी कि वे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सैन्य टुकड़ी या वाहन की फोटो या वीडियो शेयर न करें। इस तरह की अपील मीडिया चैनलों से भी हुई है। आजकल क्योंकि हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन के रूप में एक कैमरा है इसलिए आम लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि उनके आस-पास होती किसी भी तरह की सैन्य गतिविधि को रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर शेयर न किया जाए। लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने अपनी अपील में कहा था कि ऐसा करके लोग अनजाने में दुश्मन की मदद कर सकते हैं। ऐसे में एक स्मार्टफोन यूजर के तौर पर इस एहतियात का जरूर पालन करें।

लोकेशन बंद रखें
अपने स्मार्टफोन की GPS लोकेशन चालू रहने से आपकी रियल-टाइम मूवमेंट ट्रैक हो सकती है। दुश्मन इस तकनीक के जरिए आपकी जगह का पता लगा सकता है। उदाहरण के लिए अगर आप मॉक ड्रिल या किसी युद्ध की स्थिति में बंकर में छिपे हैं और फोन में लोकेशन ऑन है, तो वह पकड़ा जा सकता है। इसलिए तनाव की स्थिति में अपनी लोकेशन को बंद रखें।

अनजान लिंक या मैसेज पर क्लिक न करें
युद्ध जैसी स्थितियों में पाकिस्तान खुद को मजबूर पाता है, तो हो सकता है कि वह साइबर हमले तेज कर दे। ऐसे में किसी भी अनजान नंबर से आए मैसेज या लिंक पर क्लिक करने से बचें। इन लिंक्स या मैसेजेस में वायरस या ट्रैकिंग टूल हो सकता है। इस समय आपको ऐसे मैसेजेस के साथ लिंक मिल सकते हैं कि “क्लिक करो और जानो कहां हमला हुआ” हालांकि ऐसी चीजें सच नहीं होतीं। ये फोन को हैक करने या आपका बैंक साफ करने की साजिश भी हो सकती है।

फेक न्यूज से बचें और न फैलाएं
सोशल मीडिया पर झूठी खबरें बहुत जल्दी फैलती हैं। तनाव की स्थिति में अफवाहें अफरा-तफरी की वजह बन सकती हैं। ऐसे में किसी भी खबर को आगे शेयर करने से पहले उसकी ऑनलाइन जांच कर लें। ऐसा करके आप अपनी सरकार को व्यर्थ की अफरा-तफरी को समेटने की स्थिति में लाने से रोक सकते हैं। इस तरह की कोशिशों का असली मकसद लोगों में तनाव और समाज में अफरा-तफरी फैलाना ही होता है। ऐसे में गलत खबरों को फैलाने से रोक कर और अगर संभव हो, तो इस तरह के ग्रुप्स को रिपोर्ट करके आप एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज अदा कर सकते हैं।

सोशल मीडिया पर प्रोपेगेंडा को रोकें
तनाव की स्थितियों में अक्सर सोशल मीडिया पर तमाम तरह के प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिशें तेज हो जाती हैं। ऐसे में आप किसी प्रोपेगेंडा की सही जानकारी उपलब्ध करवा कर उसकी पोल खोल सकते हैं। ऐसा करते हुए ध्यान दें कि आप पुख्ता सूत्रों से जानकारी को शेयर करें और अपनी बात सोशल मीडिया पर रखते हुए किसी से उलझने और खराब भाषा का इस्तेमाल करने से बचें। आपका मकसद प्रोपेगेंडा की पोल खोलना होना चाहिए न कि किसी से बहस में उलझना।

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