मध्यप्रदेश खनिजों की खोज एवं भण्डारण प्रमाणन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में खनिज साधन विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में अनेक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। विभाग द्वारा 10 हजार 290 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त किया गया है, जो अभी तक प्राप्त खनिज राजस्व में सबसे अधिक है। मध्यप्रदेश खनिजों की खोज एवं भण्डारण प्रमाणन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है।

खनिज साधन विभाग द्वारा खनिजों की खोज के लिये पूर्वेक्षण कार्य के अंतर्गत प्रदेश में 76 क्षेत्रों पर खनिजों की खोज एवं भण्डारण प्रमाणन के लिये अन्वेषण कार्य किया जा रहा है। मध्यप्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। इन क्षेत्रों में से 30 क्षेत्रों में स्ट्रेटेजिक एवं क्रिटिकल मिनरल्स में रॉक-फास्फेट, ग्रेफाइट, ग्लूकोनाइट, प्लेटिनम और दुर्लभ धातु के अन्वेषण का कार्य किया जा रहा है। अन्वेषण के बाद खनिज भण्डारण प्रमाणित होने पर इन क्षेत्रों को नीलामी में रखा जायेगा।

खनिज साधन विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 में 31 मुख्य खनिज ब्लॉक सफलतापूर्वक नीलाम किये गये, जो कि पूर्व में किसी वित्तीय वर्ष में किये गये खनिज ब्लॉक की नीलामी से सर्वाधिक हैं। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में किये गये नीलामी प्रावधान के बाद प्रदेश में 100 खनिज ब्लॉकों की नीलामी की गयी। यह संख्या देश में सर्वाधिक है। भारत सरकार द्वारा जनवरी-2025 में आयोजित स्टेट माइनिंग मिनिस्टर कॉन्फ्रेंस में वित्तीय वर्ष 2023-24 में खनिज ब्लॉकों की नीलामी में अनुकरणीय कार्य किये जाने के लिये खनिज साधन विभाग को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।

माइनिंग कॉन्क्लेव-2024 भोपाल में विभाग द्वारा खनिज आधारित उद्योगों में निवेश को प्रोत्साहित करने एवं खनन क्षेत्र में उपयोगी नवीन तकनीक को साझा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्तर की माइनिंग कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इस कॉन्क्लेव में खनन क्षेत्र की 33 कम्पनियों तथा 1500 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

खनिज साधन विभाग द्वारा रेत खदानों का निवर्तन के अंतर्गत ई-निविदा सह नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों में 38 रेत समूहों के संचालन के लिये माइन डेवलपर एवं ऑपरेटर का चयन किया गया। मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा 728 रेत खदानों के संचालन के लिये आवश्यक वैधानिक अनुमतियाँ प्राप्त की गयीं। विभाग द्वारा जिला खनिज प्रतिष्ठान के अंतर्गत प्राप्त राशि से खनन प्रभावित जिलों में विभिन्न विकास कार्यों के लिये वित्तीय वर्ष 2024-25 में 478 करोड़ रुपये के 4208 कार्य स्वीकृत किये गये। इसी वित्तीय वर्ष में पूर्व से चल रहे 2120 कार्यों, जिनकी लागत 653 करोड़ रुपये थी, के कार्य पूर्ण किये गये।

 खनिज साधन विभाग के वित्तीय वर्ष 2025-26 की प्रस्तावित कार्य-योजना

खनिज विभाग द्वारा खनिज राजस्व प्राप्ति के लिये वित्तीय वर्ष 2025-26 में 13 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नीलाम किये गये 24 मुख्य खनिज ब्लॉक तथा 9 अकार्यशील खदानों का संचालन प्रारंभ किया जायेगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिये खनिज साधन विभाग के लक्ष्य निर्धारित कर लिये गये हैं।

खनिज साधन विभाग द्वारा 100 मुख्य खनिज ब्लॉकों की नीलामी के लिये ई-निविदा जारी की जायेगी। समेकित अनुज्ञप्ति के 8 खनिज ब्लॉकों में पर्यवेक्षण कार्य प्रारंभ किया जायेगा। साथ ही 10 खनिज ब्लॉकों में समेकित अनुज्ञप्ति के स्वीकृति आदेश जारी किये जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 4 मुख्य खनिज ब्लॉक में समस्त वैधानिक अनुमतियाँ प्राप्त कर नीलाम किये जाने की योजना बनायी गयी है।

खनिज साधन विभाग द्वारा भारत सरकार द्वारा आवंटित 4 कोयला ब्लॉकों का संचालन प्रारंभ किया जाना है। पर्यवेक्षण कार्य 20 क्षेत्रों में पूर्ण कर खनिज उपलब्धता प्रमाणित होने पर इन क्षेत्रों पर खनिज ब्लॉक की नीलामी की जायेगी। साथ ही 82 नवीन क्षेत्रों पर खनिज की खोज के लिये पर्यवेक्षण कार्य प्रारंभ किया जायेगा। अवैध उत्खनन एवं परिवहन की रोकथाम के लिये प्रदेश में खनिज परिवहन के लिये चिन्हित मार्गों के 41 स्थानों पर ई-चेकगेट की स्थापना की जा रही है। इसके अतिरिक्त खनिजों के अवैध उत्खनन की निगरानी के लिये उपग्रह आधारित खनन निगरानी प्रणाली का क्रियान्वयन भी किया जा रहा है।

 

More From Author

अयोध्या नगर क्षेत्र की कालोनियों में पुलिस रात्रि गश्त करे : राज्यमंत्री श्रीमती गौर

जिलों को दी गई भारत सरकार के निर्देशों की जानकारी, विभागों के कार्य भी समानांतर रूप से जारी रहें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.